अगर उपलब्धि मिली तो
इतने न खुश हो जाओ,
आलोचना इसके साथ ही
मिलेगी यह समझ जाओ।
निश्चित है यह बिल्कुल
कोई दो राय नहीं है,
तारीफ, प्रशंसा मिली तो
संग निंदा, बुराई भी होगी।
सबके नजर में हम
एक जैसे ही नहीं होते,
कुछ को सिर्फ कमियां दिखती
कुछ कमियों पर नज़र न फेरते।
कुछ गलतियां बताकर
सही क्या है, यह सीखाते,
कुछ तो बस गलतियों का
मजाक ही हैं उड़ाते।
इतने प्रखर यदि हो तुम
तो नजरिया अपना बदलो,
अच्छाई और बुराई देखना
दृष्टि पर ही निर्भर, समझो।
नीलू गुप्ता, सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल