Wednesday, November 27, 2024
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क्राइस्टचर्च महाविद्यालय में ’’डिस्पोज़ल ऑफ़ बायो मेडिकलवेस्ट’’ विषय पर वेबिनार का आयोजन सम्पन्न

कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। क्राइस्टचर्च महाविद्यालय, कानपुर के रसायनशास्त्र विभाग द्वारा आज गूगल मीट प्लेट फ़ॉर्म पर ’’डिस्पोज़ल ऑफ़ बायो मेडिकलवेस्ट’’ विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया।
वेबिनार का आरम्भ करते हुए डॉ. सबीनाबोदरा (विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र विभाग) ने ईश-आराधना द्वारा कार्य के निर्विघ्न संपन्न होने की प्रार्थना की। तत्पश्चात महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जोज़ेफ़ डेनियल ने सभी का स्वागत करते हुए कार्यक्रम को आगे बढाया। इस वेबिनार की संयोजक डॉ. श्वेताचंद (एसोसिएट प्रोफ़ेसर, रसायनशास्त्र विभाग) ने आज के कोरोना महामारी के काल में बायोमेडिकल कचरे के उचित निस्तारण का महत्व बताया।
आज के वेबिनार की मुख्य वक्ता डॉ. चित्रा श्रीवास्तव, साइंटिफिक ऑफिसर, यू. पी. पोल्यूशनकंट्रोल बोर्ड, कानपुर, का औपचारिक परिचय डॉ. सुधीर गुप्ता (एसोसिएट प्रो. एवं विभागाध्यक्ष रसायनशास्त्र विभाग) द्वारा प्रस्तुत किया गया।
डॉ. चित्रा श्रीवास्तव ने अपने प्रभावशाली वक्तव्य द्वारा इस बात पर बल दिया कि बायोमेडिकल कचरे का निस्तारण सावधानी पूर्वक करना अत्यंत आवश्यक है, अन्यथा वह आस-पास के पर्यावरण को खतरनाक रूप से संक्रमित कर सकता है। उन्होंने विभिन्न प्रकार के बायो मेडिकल वेस्ट के विषय में बताते हुए उनके सही निस्तारण के विषय में विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. चित्रा के विचार से इस कचरे का सुरक्षित निस्तारण हम सबकी नैतिक और विधिक ज़िम्मेदारी है। कचरे के निस्तारण का मूल मंत्र है –उसका सही विभाजन करना और कम से कम कचरा निकालना। यह विभाजन (कचरे का) अस्पताल के भंडारण कक्ष में रखे अलग-अलग रंगों के डस्टबिन में होना चाहिए। पीले रंग के डस्टबिन में संक्रमित कचरा, रोगी का कचरा, प्रयोगशालाओं का कचरा आदि डाला जाता है। लाल रंग के डस्टबिन में संक्रमित प्लास्टिक कचरा, कैथेटर, कैनुला, सिरिंज, ट्यूब, आई.बी. बोतलें आदि कचरा डाला जाता है। पी.पी.सी. डस्टबिन में ग्लास का टूटा सामान, इंजेक्शन,  स्लाइड, कांच की सिरिंज आदि डाले जाते हैं। यह सारा कचरा अस्पताल के कक्ष से मेडिकल पोल्यूशन कंट्रोल कमेटी की गाड़ी द्वारा 48 घंटे के अन्दर उठा लिया जाता है। इस प्रकार बायो मेडिकल कचरे का सही और सुरक्षित निस्तारण करने से हम स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण एवं पर्यावरण का निर्माण कर सकेंगे।
इतने ज्ञानवर्धक वक्तव्य के पश्चात प्रश्नोत्तर सत्र का संचालन डॉ. अनिंदिता भट्टाचार्य (एसोसिएट प्रोफ़ेसर, रसायनशास्त्र विभाग) द्वारा किया गया। वेबिनार के अंत में धन्यवाद ज्ञापन वेबिनार की आयोजन सचिव डॉ. सुनीता वर्मा (एसोसिएट प्रोफ़ेसर, वनस्पतिविज्ञान विभाग) द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में लगभग 300 लोगों ने प्रतिभागिता किया।