चिकुनगुनिया व डेंगू से मृत पुलिस कर्मियों के आश्रितों को 50-50 लाख की आर्थिक सहायता दी जाये
पुलिस कर्मी की मौत पर एसएसपी और सेनानायक पर हो कार्यवाही-सुबोध यादव
इटावा, सुघर सिंह। प्रदेश ने डेंगू और चिकुनगुनिया से हुई पुलिस कर्मियों की मौत के सीधे जिम्मेदार एसएसपी है मुख्यमंत्री इसकी उच्चस्तरीय जांच कराएं।
यह बात उत्तर प्रदेश पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष सुबोध यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कही उन्होंने कहा कि आज पुलिस कर्मी जो मेहनत कर रहा है वो किसी से छिपी नहीं है उन्होंने कहा कि जहाँ गंभीर बीमारी पर पुलिस के अधिकारियों को इलाज के लिए बड़े अस्पताल में भेजा जाता था बीमार पुलिस कर्मियों का इलाज कराने के लिए छुट्टी भी नहीं दी जाती और पुलिस अस्पताल में दवाई नहीं रहती जहाँ पुलिस का इलाज हो सके सभी कीमती दवाएं बाहर बिक जाती है और अफसर अपनी जेबें भरते रहते है।
उन्होंने कहा कि जिस जिले में पुलिस कर्मीध् पीएसी कर्मी की बीमारी से मौत हुई है वहां के एसएसपीध् सेनानायक के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए ताकि अन्य मौतों को रोका जा सके। पीएसी जवानों की ड्यूटी के दौरान उनके रुकने के लिए टेंट ऐसी गन्दी जगह पर लगाए जाते है जब कि तमाम सरकारी इमारते शिक्षण संस्थाएं आसपास मौजूद होती है लेकिन वहां ठहरने के लिए उच्चाधिकारी प्रयास नहीं करते मजबूरन पीएसी जवानों को गंदगी के ढेर में रहना पड़ता है जिसकी बजह से बीमारी घेर लेती है। जब कर्मचारी के स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा तो ड्यूटी कैसे करेगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने माना कि 90 प्रतिशत पुलिस कर्मी मानसिक यातना झेलते हुए ड्यूटी करता है जिसका असर आम जनमानस पर और पुलिस कर्मी के परिवार पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि पुलिस थाने में सैकड़ो की संख्या में बर्षो से सड़ रहे लाबारिश बाहन भी बीमारी को आमंत्रण दे रहे हैं उनकी गंदगी और मच्छरों से बीमारी भी फैलती रहती है।
सुबोध यादव ने माना कि अभी पुलिस कर्मियों को काफी सुविधायों की जरूरत है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को उन्होंने पुलिस हित में किये गए कार्यों के लिए बधाई दी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अखिलेश सरकार ने पुलिस सुधार के लिए कई साहसिक कदम उठाये है वहीं उन्होंने आईपीएस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आईपीएस शासन के मंशानुरूप कार्य नहीं कर रहे है और अपनी जेबें भरने ने लगे है।