सासनी, जन सामना संवाददाता। कस्बा से उत्तर की ओर करीब आठ किमी की दूरी पर स्थित भगवान श्री हनुमान जी का मंदिर बहुत ही प्राचीन है। इसी मंदिर के नाम पर यहां अंग्रेजों ने पुलिस चौकी बनाई जो चैकी हनुमान जी के नाम से आज भी जानी जाती है। जानकारों की मानें तो यहां अंग्रेजी जमाने में पीपल का पेड था जहां यह प्रतिमा स्थापना के बारे में अधिक जानकारी नहीं हैं मगर बुजुर्ग बताते हैं कि अंग्रेजों के समय यहां कुछ राहगीर आए थे। जिन्होंने जब पीपल की छांव में खाना पीना बनाया तो वहां बंदर के रूप में आकर हनुमान जी ने भोजन मांगा तो लोगों ने उन्हें भोजन कराया। कुछ ही देर में बंदर जब गायब हो गया तो लोग अचंभित हो गये कि जलंगल में बंदर कहां से आया और कहां चला गया। इसके बाद शाम को जब लोग वहीं सो गये तो रात में उन्हें बूढे बाबा के रूप में दर्शन देकर मंदिर स्थापना की बात कही। इस पर लोगों ने वहां एक छोटा मंदिर बनवा दिया और आगे बढ गये। मंदिर देखकर आस-पास के ग्रामीण इलाकेे के लेागों ने भजन कीर्तन शुरू कर दिया। बताते हैं कि तभी मुरसान के राजा ने इस मंदिर में अपना योगदान दिया और यहीं अंग्रेजों द्वारा पुलिस चैकी की स्थापना कर दी गई। तब से यहां मंदिर पर लोग अपनी मुरादें मांगने आते हैं और मुरादें पूरी होने पर प्रसाद चढाते है। और हनुमान जी के नाम पर ही पुलिस चौकी हनुमान रखा गया।