समाज में व्याप्त अन्धविश्वास, पांखडों को दूर कर दलितों, पिछड़ों व महिलाओं को आगे बढ़ाकर बाबा साहब अम्बेडकर के सपनों के अनुरूप आधुनिक भारत का कर सकते है निर्माण: कंचन मिश्रा
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। भीमराव अम्बेडकर की स्मृति में भीमराव अम्बेडकर नाॅबेल (बाना/स्मृति चिन्ह) से जनपद की समाजसेविका कंचन मिश्रा को मुम्बई में एक कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। कंचन मिश्रा ने बाबा साहब डा. अम्बेडकर नाॅबेल अवार्ड पाकर जनपद का गौरव बढ़ाया है अब उनकी और जिम्मेदारी बढ़ गयी है कि वे संविधान शिल्पी भारत रत्न डा. भीमराव अम्बेडकर के सपनांे को साकार कर आधुनिक भारत के नवनिर्माण व दलितों, पिछड़ों व महिलाओं के सम्मान में आगे बढ़कर अपनी अहम भूमिका का रोल अदा करें तथा जनपद, प्रदेश व देश का गौरव बढ़ायें। मुम्बई में आयोजित कार्यक्रम में फिल्मकलाकार धर्मेन्द्र, रजामुराद, पदमनी कोल्हापुरी, नीलिमा अजीम एवं मशहूर गायक उदित नारायण, कुमार शानू आदि फिल्मी जगत की बड़ी हस्तियां मौजूद थी। कंचन मिश्रा को पुरस्कार नीलिमा अजीम मशहूर गायक उदित नारायण के कर कमलों द्वारा प्राप्त हुआ। ये पुरस्कार बाबा साहब डा. अम्बेडकर के जीवन पाठ्य उनके आर्दशों को आगे बढ़ाने के साथ ही दलितों, महिलाओं, वेसहारा लोगों की निस्वार्थ सेवा के लिए चयनित टीम द्वारा चयन करने के उपरांत ही मुम्बई में एक बड़ा कार्यक्रम कर अम्बेडकर जयंती के अवसर पर दिया जाता है। कार्यक्रम में कंचना मिश्रा ने कहा कि वे अपने जीवन में निरंतर गरीबों, महिलाओं, पिछड़ों की सेवा करती रहूगी तथा बाबा साहब अम्बेडकर के आदर्शो को जन जन में पहुंचाकर राष्ट्र को विकसित बनाने में अपनी भूमिका का निर्वाहन करेंगी। इसके अलावा देश व समाज में व्यापत अन्धविश्वास, पाखंडों को दूर कर डा. भीमराव अम्बेडकर के सपनों के अनुरूप देश को आगे बढ़ाने के लिए जीवन भर कार्य करती रहूंगी। उन्होंने कहा कि संविधान शिल्पी बाबा साहब के कारण ही देश की सभी महिलायें दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक आदि सम्मान वे स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ रहे है। पूरा राष्ट्र बाबा साहब अम्बेडकर के प्रति कृतज्ञ है। समाजसेवी कंचन मिश्रा के डा. अम्बेडकर की स्मृति में बाना नाॅबेल स्मृति चिन्ह मुम्बई में सम्मानित होने से जनपदवासियों में खुशी की लहर है।