कुरवाई/विदिशा। “जहां चाह, वहां राह” को चरितार्थ करते शासकीय माध्यमिक शाला सिरावली के शिक्षक व पूर्व सैनिक प्रमोद कुमार चौहान की एक ओर सकारात्मक पहल जिसमे विद्यालय के शिक्षक और स्वयंसेवी शिक्षक और पूर्व छात्र अर्जुन सेन, अनुज दांगी, सुरेन्द्र अहिरवार, मुकेश सेन और करन सेन ने मिलकर विद्यालय का रंग रोगन कर एक नया रूप देकर संवारा और इस कहावत को चरितार्थ किया कि यदि आप में कुछ करने का जज्बा है तो रास्ते स्वयं निकलने लगते हैं। इस कोरोना काल की महामारी के दौरान जहां विद्यालय सभी बंद है तथा “हमारा घर हमारा विद्यालय” के तहत शिक्षण कार्य चल रहा है ऐसे समय में शासन से किसी प्रकार की कोई मदद आर्थिक रूप से ना मिलने के बाद भी शासकीय माध्यमिक शाला सिरावली में शिक्षक प्रमोद चौहान ने विद्यालय के शिक्षक सुरेश अहिरवार, गुलाब सिंह, विनोद पटेल और पूर्व छात्रों ने मिलकर विद्यालय को रंग रोगन कर एक नई दिशा देने का प्रयास किया और यह बताया कि स्कूल के प्रति शिक्षक व पूर्व छात्रों का क्या दायित्व है। अगर वह सभी ईमानदारी से निर्वहन करते हैं तो विद्यालय का कायाकल्प किया जा सकता है ना केवल विद्यालय में इस कोरोना काल की महामारी के दौरान शिक्षण कार्य कराया गया बल्कि विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया गया । जिसमें प्रोजेक्ट वर्क, खेलकूद आदि कार्य कराने के पश्चात उनको प्रशंसा स्वरूप ईनामों का वितरण किया गया। इसी कड़ी में शिक्षक और पूर्व छात्र ने विद्यालय को सवारने का मन बनाया और यह विद्यालय धीरे-धीरे दीपावली के अवकाश के दिनों में मिलकर विद्यालय को एक नए रंग रूप में लाने का कार्य किया जिसमें न केवल विभिन्न प्रकार के स्लोगन लिखकर बल्कि शिक्षण सामग्री को भी दीवारो पर तैयार कर बच्चों को पढ़ने व सीखने का भी मौका दिया।
यह सभी शिक्षकों के लिए भी एक प्रेरणा है यदि सभी शिक्षक और उस गांव के पूर्व छात्र भी थोड़ा सहयोग करते हैं तो इस प्रकार से सरकारी विद्यालय को संवारा जा सकता है निसंदेह विद्यालय के शिक्षक और पूर्व छात्र इस कार्य के लिए बधाई के पात्र हैं बिशेष कर विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यपक प्रमोद कुमार चौहान जिन्होने सकारात्मक पहल से शाला को नया आयाम प्रदान किया और दूसरों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बने।