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गर्मी का मौसम आते ही पानी का संकट पैदा हो गया

2017.04.19 03 ravijansaamna
सूखी नदी प्यासा कौआ

शिवली कानपुर देहात, जितेन्द्र कुमार। गर्मी का मौसम आते ही पानी की समस्या विकराल रूप लेने लगी है तेज सूर्य की किरणों ने गर्मी में मानव व पशु पक्षियों के लिये पानी ही एक मात्र सहारा होता दिखाई देता है लेकिन तालाबों नदी नहर में भी पानी का संकट पैदा हो गया है इससे पशु पक्षियों को पानी की तलाश के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है मैथा तहसील के तालाबों राजबहे में भी पानी न होने से पशु पक्षी प्यास नही बुझा पा रहे है गर्मी की शुरुआत में ही जंगलों में भी पानी का टोटा हो रहा है। इससे जंगली पशु पक्षियों पानी की तलाश में गांवो में आ जाते है गर्मी व उमस के चलते पशु पक्षी के ही नही मनुष्य के भी गला सूखने लगे है। मैथा तहसील के ज्यादातर तालाबों में पानी कम होता जा रहा है कई तालाबों में धूल उड़ रही है इससे जल संकट गहराने का अंदाजा ग्रामीण लगा रहे है खासकर तालाबों के सूख जाने से मवेशियों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है पीने के पानी के लिए पशुओं को भटकना पड़ेगा अप्रैल माह में शुरू हुई तेज गर्मी के चलते मवेशियों तक की उलझने बढ़ती नजर आ रही है तालाबो में धूल उड़ती नजर आ रही है केसरी निवादा के पास वाला तालाब सुखा पड़ा है जबकि मनरेगा योजना के तहत खोदे गये तालाब में एक बूंद पानी नही है इसी तरह से मनरेगा योजना के तहत खोदे गये बैरी दरियाव गांव के तालाब में पानी नही है पानी में लगातार हो रही कमी को देखते हुए ग्रामीणों ने आशंका जाताना शुरू कर दिया है साथ ही तालाबो को भरवाने की मांग की। आपको बताते चले की आसमान से बरस रही आग के सामने सभी के मजबूर दिखाई दे रहे है मैथा ब्लाक में 270 तालाब है जिसमे किसी मे पानी नही दिखाई दे रहा है जल की जगह सिर्फ धूल ही उड़ रही है जंगली जानवर दर दर भटक रहे है और अहम बात तो यह भी है कि कानपुर देहात की नामगीन पांडू नदी भी इस वक्त नाली नालो में तब्दील हो गयी है पानी सिर्फ नाम मात्र ही दिखाई दे रहा है वही किसानो की मुसीबत बढ़ रही है जो किसान ककरी, खीरा, तरबूज की फसल किये है उनके माथे में सिमट पड़ने लगनी है पानी की कमी को देखते हुये किसान चिंतित है कि यदि समय पर पानी न मिला तो फसल बर्बाद हो जायेगी। मैथा और रसूलाबाद क्षेत्र में नुनारी बहादुरपुर औनाह गांव में करीब 40 बीघे में मघई झील फैली है। प्रो. डॉ. एस पी सिंह के नेतृत्व में आंदोलन समाजसेवियों व ग्रामीणों ने पिछले वर्ष लंबा किया। जिसका नतीजा यह रहा था कि तालाबो को बांटने वाले बंधे खत्म कर दिये गए थे और तो इसके कुछ हिस्से में खुदाई कराई गई थी बाद में बरसात हो जाने से पानी भर जाने के कारण कार्य रोक दिया गया था अब तो तालाब सूखने की कगार पर है बड़े हिस्से में जल कुंभी फैल गयी है जिसको साफ करने और पानी भरने का प्रयास नही किया जा रहा है। मैथा तहसील के एसडीएम ब्रजेन्द्र कुमार ने बताया कि खाली पड़े तालाबो को भरवाने के लिये आदेश दिये गए है समय से तालाब नही भरने वाले दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायेगी। मघई झील का निरीक्षण करवाया जायेगा। एडीओ पंचायत सदाशिव ने बताया कि इस तालाबो में पानी की कमी को देखते हुये जल्द ही तालाबो में पानी भरवाया जायेगा।