फिरोजाबाद। मिशन शक्ति के अंतर्गत कोमल फाउंडेशन द्वारा एक दिवसीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं व बालिकाओं को अधिकारों, सुरक्षा संरक्षण तथा नारी सशक्तिकरण, महिला व बाल तस्करी, वेश्यावृत्ति , बालश्रम, कन्याभ्रूण हत्या, योंन अपराध, बाल विवाह, घरेलू हिंसा, व सुरक्षित यात्रा आदि के साथ साथ महिला हेल्पलाइन नंबर 1090, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 एवं पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 के विषय में बताया गया। इस दौरान जनआधार कल्याण समिति, कोमल फाउंडेशन एवं इंडियन डेवलपमेंट फाउंडेशन के सहयोग से मॉस्क एवं कम्बलों का भी वितरण किया गया।
महिला बाल संरक्षण अधिकारी अपर्णा कुलश्रेष्ठ ने बताया कि उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष योजना के अंतर्गत जघन्य अपराध से पीड़ित महिलाओं के लिए आर्थिक क्षतिपूर्ति एवं निःशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान की गई है साथ ही लाभार्थी महिलाओं एवं उनके आश्रित नाबालिग बच्चों को भी चिकित्सा एवं शिक्षा सुविधा प्रदान की गई है। सरकार द्वारा संचालित एक और योजना की जानकारी देते हुए बताया कि दहेज से पीड़ित महिलाओं के लिए जिनके भरण पोषण हेतु कोई भी आय का श्रोत नहीं है उन्हें सरकार द्वारा मुकद्दमें की पैरवी हेतु 2500 रुपये की एकमुश्त कानूनी सहायता दिये जाने का प्रावधान है। निराश्रित पेंशन योजना के अंतर्गत पति की मृत्यु के उपरांत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली 18 से 60 वर्ष तक की महिलाओं को 500 रुपये प्रति माह दिये जाते हैं। पात्रता की श्रेणी में आने वाली इन महिलाओं की पुत्रियों के विवाह के लिए 10,000 रुपये अनुदान राशि देने का भी प्रावधान है। यदि निराश्रित महिला पति की मृत्योपरांत पुनर्विवाह करती है तो उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दम्पति पुरुस्कार के रुप में 11,000 रुपये की सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान है, बशर्ते दम्पति आयकर दाता न हो और शादी का प्रस्ताव एक वर्ष के अंदर किया गया हो। बाल संरक्षण अधिकारी ने अन्य योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि बच्चे को पलायन से रोकने और उनकी शिक्षा जारी रखने के लिए ऐसे परिवार के बच्चों को प्रवर्तकता कार्यक्रम योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक 2 बच्चों को प्रतिमाह 2000 रुपये प्रति बच्चा, आर्थिक सहायता भी दी जाती है। जिनकी वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र में 24,000 रुपये, शहरी क्षेत्र में 30,000 रुपये एवं मेट्रोसिटी में 36,000 रुपये प्रतिवर्ष से अधिक न हो। बाल गृह (बालिका) से 18 वर्ष से ऊपर की बालिकाओं को जो स्थानांतरित होकर जाती हैं उन्हें 15,000 रुपये प्रति संवासिनी पुनर्वास अनुदान दिये जाने का भी प्रावधान है। सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ऐसी कई महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षी योजनाएं उत्तर प्रदेश में संचालित हैं। आवश्यकता पड़ने पर सहायता हेतु पीड़ित महिला या बालिका किसी भी कार्यदिवस में सिविल लाइन दबरई स्थित विकास भवन में जिला प्रोबेशन अधिकारी या बाल संरक्षण अधिकारी से कमरा नंबर- 229 में सम्पर्क कर सकती हैं।
महिला थानाध्यक्ष सुषमा सिंह ने महिलाओं को साइबर क्राइम के साथ साथ क्रिमिनल शिकायत सेल व साइबर सेल के टोल फ्री नम्बर के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि साइबर अपराधों को रोकने के लिए हमें सोशल मीडिया और मोबाइल या फोन पर बातचीत के दौरान हमेशा जागरूक, सतर्क और सावधान रहना चाहिए। यह अत्यंत आवश्यक है की हम अपनी निजी जानकारी, अपने बैंकिंग पासवर्ड, एटीएम या फोन बैंकिंग पिन, कार्ड का सीवीवी नंबर, समाप्ति तिथि आदि किसी भी अंजान व्यक्ति से शेयर न करें। बैंक कभी भी फोन पर एटीएम पिन जैसी चीजों की जानकारी नहीं मांगता है।
सबइंस्पेक्टर अलवीना पठान थाना उत्तर ने रसोई घर में छोटी छोटी लापरवाहियों के कारण होने वाली बड़ी दुर्घटनाओं व मानव क्षति को रोकने के उद्देश्य से महिलाओं को जागरूक करते हुए कहा कि गैस के चूल्हे पर खाना बनाने या अन्य कार्य करने के पश्चात गैस सप्लाई को हमेशा रेगुलेटर से भी अच्छी तरह से बंद कर देना चाहिए। कभी भी भरे हुए सिलेंडर को बिना कैप लगाये और जांच किये नहीं रखना चाहिए और हमेशा गैस एजेंसियों पर उपलब्ध निर्धारित मानक व गुणवत्ता वाले कम्पनी के रेगुलेटर व पाइप का ही प्रयोग करना चाहिए जिससे उपभोक्ता को सुरक्षा व बीमा योजना का लाभ मिलता है। गैस सिलेंडर से कभी भी कहीं भी अग्निकांड हो सकता है, इसलिए परिवार व जान माल की सुरक्षा हेतु प्रत्येक घर व प्रतिष्ठान में कम से कम एक अग्निशमन यंत्र व उपकरण हमेशा तैयार रखना चाहिये।
थाना प्रभारी निरीक्षक उत्तर अनूप कुमार भारतीय ने कहा कि कोई भी व्यक्ति प्राकृतिक रूप से अपराधी के रूप में पैदा नहीं होता है, उसकी वर्तमान एवं भूतपूर्व परिस्थितियां उसे अपराध की ओर ले जाती हैं। यदि आपके साथ परिचित या अपरिचित व्यक्ति द्वारा स्कूल, कॉलेज, घर, ऑफिस या किसी भी अन्य स्थान पर मारपीट की जा रही है अथवा मानसिक उत्पीड़न, शारीरिक शोषण या ब्लैकमेल किया जा रहा है तो तत्काल पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 सूचित करने के साथ साथ अपने परिवारीजनों को भी बताएं अथवा महिला हेल्पलाइन 1090 या 181 पर सूचित करें। आप घरेलू हिंसा से प्रताड़ित हैं और आपके साथ मारपीट हो रही है, तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए, ताकि मेडिकल रिपोर्ट रखी जा सके। आपको जहां भी चोट लगी है, उसकी तस्वीर खींच कर रखिए। जो दवाएं उन पर लगा रही हैं। उनकी डिटेल रखिए। अगर आप कोर्ट में केस फाइल करना चाहती हैं, तो प्रोटेक्शन ऑफिसर या लॉयर की मदद लेकर आप केस फाइल कर सकती हैं। इमरजेंसी मामलों के लिए कोर्ट हमेशा खुले रहते हैं। सभी महिलाएं जागरूक होकर इस तरह के अपराधों का डटकर सामना करें।
जनआधार कल्याण समिति के सचिव प्रवीन कुमार शर्मा ने महिलाओं के अधिकार एवं स्वच्छता व पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए प्लास्टिक पॉलीथिन को डंडी से खाली बोतलों में अच्छी तरह से दबा दबाकर इकोब्रिक बनाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जनआधार कल्याण समिति के सचिव प्रवीन कुमार शर्मा एवं गौरव वर्मा कोमल फाउंडेशन के संरक्षक एवं बार एसोशिएशन फिरोजाबाद के कोषाध्यक्ष शिव शंकर दुबे एडवोकेट, बैकुंठी बाल गुरुकुल की शिक्षिका श्रीमती वीनेश देवी सहित संजीव कुमार, इंडियन गाँधी, शिवम कुमार, विष्णु, प्रेमलता, अभिषेक कुमार, कृष्णा गुप्ता व अन्य सामाजिक कार्यकर्ता और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।