आपसी सहमति बनाकर पाएं विधिक मामलों से त्वरित निस्तारण
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। उ0 प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशों के अनुपालन में 12 नवम्बर 2016 राष्ट्रीय मेगा लोक अदालत का आयोजन मा0 जनपद न्यायाधीश श्री शशिकान्त शुक्ल की अध्यक्षता में दीवानी न्यायालय परिसर माती तथा जनपद की समस्त तहसीलों में किया जा रहा है। यह जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिविल जज (वरि0 वर्ग) के सचिव अनिल कुमार ने देते हुए बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में आकर शीघ्र, सुलभ व सक्षम न्याय पाएं व न्याय शुल्क वापस प्राप्त कर आपसी भाई चारा बढ़ाएं। माननीय मुख्य न्यायमूर्ति उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार सम्पूर्ण भारतवर्ष में तहसील स्तर से लेकर उच्चतम न्यायालय स्तर तक के लम्बित मामलों के सन्दर्भ में त्वरित निस्तारण हेतु राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 12 नवम्बर 2016 को किया जा रहा है। लम्बित मामलों से सम्बन्धित व्यक्ति अपना आवेदन पत्र देकर अन्तिम आदेश व निर्णय प्राप्त करके सदैव के लिए लम्बित मामलों व उनकी प्रक्रियाओं से छुटकारा पा सकता है। त्वरित निस्तारण हेतु यह सबसे सुनहरा अवसर है। लोक अदालत के माध्यम से जटिल कार्यवाहियों व अन्य परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है। त्वरित, सस्ता व सुलभ न्याय प्रत्येक भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार है।
लोक अदालत के माध्यम से किन्हीं पक्षों के मध्य आपसी सुलह-समझौते के आधार पर विवाद का निस्तारण किया जाना, पक्षकार व्यक्तिगत अपने स्तर से स्वयं पहल करके, लम्बित मामलों में निस्तारण पर न्याय शुल्क की वापसी की व्यवस्था, कानूनी जटिलताओं से परे लोक अदालत की प्रक्रिया सहज, सरल व आपसी समझौते पर आधारित होगी। लोक अदालत द्वारा पारित निर्णय के विरूद्ध कोई अपील स्वीकार नहीं की जाएगी। राष्ट्रीय लोक अदालत के अन्तर्गत सुलह योग्य फौजदारी वाद, दीवानी वाद, भरण पोषण वाद, वैवाहिक/पारिवारिक वाद, स्टाम्प/पंजीयन वाद, मोटर अधिनियम वाद, चकबन्दी वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, किरायेदारी वाद, चेक बाउन्स से सम्बन्धित धारा 138 एनआई एक्ट वाद, उत्तराधिकार प्रमाणपत्र सम्बन्धित मामले, बिजली चोरी से सम्बन्धित शमनीय दण्ड वाद, नगर पालिका/नगर निगम सम्बन्धित वाद, सेवा एवं सेवा निवृत्त के परिलाभों से सम्बन्धित मामले, चलचित्र अधिनियम के अन्तर्गत चालान मामला आदि को मिलाकर कुल 39 मामलों का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से किया जाएगा। इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए सम्बन्धित अधिकरण/फोरम/न्यायालय के पीठासीन अधिकारी जनपद न्यायालय/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या तहसील विधिक सेवा समितियों से सम्पर्क कर अपने विवाद को निस्तारित करा सकते हैं।