Saturday, November 23, 2024
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नई व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी 2021 का ऐलान – प्रदूषण कम होगा

आम जनता से सुझाव के लिए 30 दिनों तक सार्वजनिक रखा जाएगा
प्रदूषण रोकने हर स्तर पर सख्त कदम व आधुनिक तकनीकी का प्रयोग जरूरी – एड किशन भावनानी
भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री द्वारा गुरुवार दिनांक 18 मार्च 2021 को लोकसभा में नई व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी 2021 का ऐलान किया गया और कहा कि इस नई पॉलिसी से सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, वायु प्रदूषण में कमी आएगी और पेट्रोल डीजल की खपत कम होगी और तेल आयात में कमी आएगी और नई स्क्रैप पॉलिसी 2021, कई विकसित देशों के विश्वसनीय मानकों के आधार पर तैयार की गई है इसमें और भी आम जनता से सुझाव प्राप्त करने के लिए 30 दिनों तक सार्वजनिक रखा जाएगा, ताकि जनता अपने बहुमूल्य सुझाव दे सके। इस पॉलिसी के समर्थन में बताया गया कि इसको लागू होने से पुराने वाहन धीरे धीरे हट जाएंगे क्योंकि पुराने वाहन, नएवाहनों की अपेक्षा, 10 से 12 गुना अधिक प्रदूषण करते हैं। इस पॉलिसी के अनुसार कमर्शियल वाहन 15 साल बाद और निजी याने प्राइवेट वाहन 20 साल बाद, डी-रजिस्टर हो जाएंगे और डी-रजिस्टर होने के बाद वाहनों को स्क्रैप भी कर दिया जाएगा, याने वाहन का पंजीकरण खत्म होते ही वाहन को अनिवार्य फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। यदि कोई वाहन फिटनेस टेस्ट पास करने में नाकाम होता है,तो उसे वाहनके जीवन का अंत याने स्क्रैप अनिवार्य रूप से माना जाएगा यानी वाहन मालिकों को इस नई पॉलिसी के तहत फिटनेस परीक्षण कराने और पंजीकरण को नवीनीकरण कराने के बजाय वाहनों के जीवन के अंत के लिए, वाहनों को स्क्रब करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जिसके लिए पंजीकरण के नवीनीकरण की शुल्क को बढ़ाया जाएगा, ताकि स्क्रैप करना अधिक सुविधाजनक और फायदेमंद हो, इसके लिए देश भर में अनेक स्वचालित फिटनेस सेंटर स्थापित किए जाएंगे वाहन मालिक को वाहन स्क्रैप करने से अनेक लाभ भी होंगे जैसे वाहन मालिकों को अपने पुरान वाहन कबाड़ में बेचने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रीय मंत्री ने ये तरीके सुझाए 1) यदि वाहन मालिक पुराने वाहन को स्क्रैप करने का विकल्प चुनते हैं तो 4 से 6 फीसदी तक वाहन का एक स्क्रैप मूल्य वाहन मालिक को दिया जाएगा। 2) रोड टैक्स में 25 फीसदी तक की छूट दी जाएगी। 3) स्क्रैपिंग प्रमाणपत्र दिखाने पर वाहन निर्माताओं को नए वाहनों पर 5 फीसदी छूट देने की सलाह दी जाएगी, तो इस तरह से जो वाहन अपने जीवनचक्र के अंत में पहुंच चुके हैं, उन पुराने वाहनों पर 10-15 फीसदी तक के कुल फायदों का लाभ लियाजा सकता है 2021-22 के केंद्रीय बजट में स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति की घोषणा की गई थी। इस प्रकार स्क्रेपिंग नीति को लागू करने की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा प्रकाशित संभावित समय सारणी इस प्रकार है। इस प्रस्तावित स्क्रैपिंग नीति को लागू करने की संभावित समय सारिणी फिटनेस केन्द्रों और स्क्रैपिंग केन्द्रों के लिए नियम – 1अक्टूबर 2021, सरकारी एवं लोक उपक्रमों के 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों को स्क्रैप (नष्ट) करना – 01अप्रैल 2022, भारी वाणिज्यिक वाहनों की फिटनेस की अनिवार्य जांच – 01 अप्रैल 2023, अनिवार्य फिटनेस परीक्षण ( अन्य श्रेणियों के लिए चरणबद्ध क्रम में )-01 जून 2024एकल खिड़की सुविधा वाली एक सरलीकृत पंजीकरण प्रक्रिया के माध्यम से वाहन स्क्रैप (नष्ट) करने वाले इन केन्द्रों को सभी लागू कानूनों और पर्यावरण एवं प्रदूषण मानकों का पालन करना होगा और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इन केन्द्रों में पार्किंग की पर्याप्त सुविधा, और खतरनाक अपशिष्ट प्रबन्धन और निपटान के साथ ही वायु,जल एवं ध्वनि प्रदूषण को समाप्त करने वाले उपकरण भी होने चाहिए। इसी प्रकार मंत्रालय राज्य सरकारों, निजी क्षेत्र व वाहन निर्माता कम्पनियों की ओर से पीपीपी मॉडल पर स्वचालित फिटनेस केन्द्रों की स्थापना को भी प्रोत्साहित करेगा, इन केन्द्रों में टेस्ट – लेन, आईटी सर्वर और के वाहनों के निर्बाध आवागमन व पार्किंग सुविधा के लिए पर्याप्त स्थान होगा। हितों के आपसी टकराव से बचने के लिए इन केन्द्रों के संचालक केवल जांच सुविधा उपलब्ध कराएंगे और गाड़ियो की मरम्मत/पुर्जो की बिक्री सेवा नहीं देंगे। फिटनेस शिविरों में आने के लिए समय ऑनलाइन दिया जाएगा व जाँच रिपोर्ट भी इलेक्ट्रोनिक मोड़ में दी जाएगी। यह ध्यान देने योग्य बात है कि वाहन की फिटनेस का निर्धारण उसके धुआं छोड़ने, कॉर्पोरेशन ब्रेक लगाने, सुरक्षा उपकरण और केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1990 के अन्य कई परीक्षणों के आधार पर किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस नई व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी 2021 से ऑटोमोबाइल सेक्टर में महत्वपूर्ण सुधार होंगे, सड़क सुरक्षा में सुधार होगा जिससे नए वाहनों की बिक्री में वृद्धि होगी और वाहन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, और अर्थव्यवस्था के सुधार में काफी मदद मिलेगी। परंतु असली परिणाम तो तब दिखेगा जब इस पॉलिसी का धरातल पर क्रियान्वयन होगा, इसको लागू करने में शासन की कितनी सख़्ती होती है और जनता इसे किस रूप में लेती है यह आने वाला समय ही बताएगा।
-संकलनकर्ता- कर विशेषज्ञ एड किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र