हर नागरिक को अति चौकन्ना रहकर शासकीय दिशानिर्देशों का पालन कर जीवन बचाना जरूरी – जान है तो जहान है – एड किशन भावनानी
वैश्विक रूप से जिस तरह कोरोना महामारी कहर बरपा रही है उससे यह प्रतीत होता है कि वर्तमान महामारी की संक्रमण क्षमता पिछले वर्ष 2020 से अधिक 2021 में महसूस हो रही है। हालांकि अमेरिका, रूस, चीन, भारत सहित कुछ देशों ने अपने वैक्सीन तैयार कर ली है और बहुत तेजी से युद्ध स्तर पर अपने नागरिकों का टीकाकरण करना जारी है और वैश्विक स्तर पर भी भारत सहित कुछ देशों ने गावी संगठन की पहल पर कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति की है।… बात अगर हम भारत की करें तो हालांकि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष इस कोरोना महामारी से लड़ाई के साधन अधिक हैं, दो वैक्सीन पूर्वतः हमारे पास है। तीसरी वैक्सीन स्पूतनिक वी को मंजूरी मिल गई है और शीघ्र ही उपलब्ध हो जाएगी। इस वर्ष स्वास्थ्य क्षेत्र में हमारी तैयारी अपेक्षाकृत अधिकहै, बेड, वेंटीलेटर, क्वॉरेंटाइन सेंटर ऑक्सीजन, सहित अनेक मेडिकल सुविधाएं भी अपेक्षाकृत अधिक है। परंतु इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि इसके बाद भी कई स्थानों पर इनकी कमी दिख रही है। क्योंकि उपलब्ध सुविधाओं से मरीज अपेक्षाकृत अधिक आ रहे हैं,जो चिंता का विषय बना हुआ है। परंतु केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा महामारी से युद्ध स्तर पर लड़ने के लिए व्यवस्था तैयार की जा रही है। और टीकाकरण पर विशेष ध्यान रखकर जोरदार मुहिम चला रहे हैं और जनता को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहन करने के लिए कुछ राहत और स्कीमों की भी की भी घोषणाएं की है।… बात अगर हम कोरोना महामारी के इतनी तीव्र गति से आक्रमण,संक्रमण फैलने, के कारणों की करें तो यह कड़वी सच्चाई है कि इसके लिए हम सब याने नागरिक, प्रशासन,शासन तथा नेतागण सभी जवाबदार हैं। क्योंकि कुछ ना कुछ प्रतिशत सभी का दोष है हम नागरिकों से शिकायत है हमने शासकीय दिशानिर्देशों का पालन करने में कोताही बरती और मास्क,सोशल डिस्टेंसिंग वअन्य बातों का पालन नहीं किया।प्रशासन ने सख्ती पहले नहीं दिखाई, नेतागण कुछ समय से पांच राज्यों में चुनाव में अपेक्षाकृत अधिक व्यस्त हैं हालांकि उन्होंने प्रशासन और महामारी के उपायों का प्रबंधन भी काफी कुर्ती के साथ और निरंतर जारी रखा है। हम सब की लापरवाही के कारण ही कोरोना महामारी ने हम सभी पर तीव्र गति से चढ़ाई कर दी है और अब शासन की कड़ाई चरमस्तर पर है। लॉकडाउन, धारा 144, नाइट कर्फ्यू, इत्यादि अनेक उपाय चालू कर दिए गए हैं जिससे जनता में टेंशन बढ़ गई है। क्योंकि एक ओर परिवार, सगे संबंधियों, आस- पड़ोस समाज में कोई ना कोई या अनेक कोरोना महामारी सेपीड़ित याने पॉजिटिव हैं उनका ध्यान रखना, लॉकडाउन में दुकानें बंद, आर्थिक तंगी का सामना शुरू हो गया है। स्वाभाविक रूप से टेंशन तो बढ़ना ही है।… बात अगर हम सीबीएसई छात्रों की करें तो बुधवार दिनांक 14 अप्रैल 2021 को माननीय प्रधानमंत्री महोदय, माननीय शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, सीबीएसई बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक में दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं रद्द करने और दसवीं कक्षा के छात्रों को आगे की कक्षा के लिए इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर प्रमोट करने तथा 12वीं की परीक्षाओं को फिलहाल स्थगित कर 1 जून को फैसला लिया जाएगा कि आगे क्या करना है, इसकी जानकारी 15 दिन पूर्व छात्रों को दी जाएगी, ऐसा निर्णय लिया गया है जो काबिले तारीफ है जो छात्रों और अभिभावकों के लिए राहत भरा निर्णय है उल्लेखनीय है कि सारे देश के सभी छात्रों और पेरेंट्स को इस बात की भी बहुत टेंशन थी कि इस कोरोना काल में परीक्षाएं कैसे दे पाएंगे? आज सभी ने प्रधानमंत्री सहित सभी अधिकारियों का आभार माना ऐसी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई।…उधर बुधवार दिनांक 14 अप्रैल 2021 रात्रि 8 बजे से महाराष्ट्र में एसेंशियल गुड्स एंड सर्विस के अलावा सभी गतिविधियां 1 मई सुबह 7 बजे तक प्रतिबंधित है। धारा 144, एक तरह का लॉकडाउन कर्फ्यू लागू किया गया है, तथा इसी बीच महाराष्ट्र सरकार ने फिल्म टीवी शूटिंग पर भी रोक लगा दी है। इसके अलावा मुंबई के छत्रपति शिवाजी लोकमान्य तिलक टर्मिनल के बाहर और लखनऊ स्टेशन के बाहर प्रवासी मजदूरों की भीड़ जो इलेक्ट्रॉनिक टीवी चैनलों में दिखाई जा रही है, ने भी रेलवे मंत्रालय, शासन, प्रशासन की टेंशन बढ़ाई है। सभी को शीघ्र अपने गांव लौटना है और रेलवे तथा शासन द्वारा बार-बार ना घबराने की अपील की जा रही है।…बात अगर हम शादी ब्याह की सीजन की करें तो लोग इस महामारी, लॉकडाउन और प्रशासन की सख्ती के कारण अनेक शादियों को स्थगित करना पड़ा है। कई लान, शादी गार्डन तथा शादी-ब्याह से जुड़े रोजगार वाले कामगार पिछले साल 2020 की तरह इस साल 2021 में भी आर्थिक रूप से तंगी, बेबसी के मारे हो गए हैं । इससे जुड़े लाखों लोगों के रोजगार पर भी फर्क पड़ा है, क्योंकि अधिकतम शादियां इन 3 महीनों मार्च-अप्रैल मई में होती है जो अब शासन के दिशानिर्देशों के अनुसार 50 लोगों की अधिकतम बाध्यता के कारण लोग असहाय हैं। क्योंकि किसे आमंत्रित करें किसे नहीं यह समस्या उत्पन्न हो गई है और लान ,बैंड बाजे, इत्यादि संबंधी कार्यक्रम रद्द करवाने पर मजबूर हो गए हैं। सीजन से जुड़े हर व्यापारी, स्टाफ और भी हजारों लोगों की कोरोना महामारी के कारण लगे प्रतिबंधों के कारण आर्थिक रूप से कमर तोड़ कर रखी है। हालांकि शासन, प्रशासन द्वारा हम सबकी भलाई के लिए ही यह सब किया गया है और महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों ने आर्थिक सहायता व राशन देने संबंधी घोषणाएं भी की है, परंतु पिछले साल की भांति इस साल भी मध्यम वर्गीय परिवारों पर आफत आन पड़ी है इसलिए कहा जा रहा हैकि नागरिकों की लापरवाही – कोरोना की चढ़ाई – शासन की कड़ाई – लॉकडाउन ने सबकी की टेंशन बढ़ाई।
-संकलनकर्ता-लेखक -कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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