सासनी, जन सामना संवाददाता। कस्बा में सट्टे का करोबार घड़ल्ले से फलफूल रहा है। यहां सट्टेबाजों पर शिंकजा कसने में पुलिस नाकामयाब दिखाई दे रही है। सटटे के साथ गांजे का भी व्यापार जोरो पर है। पचास रूपये से लेकर दो सौ रूपये तक की पुड़िया चलते फिरते युवाओं द्वारा चवन्नी-अठन्नी एक रूपैया नामों से बेची जा रही हैं गांजे के धुंए से उठने वाली बदबू से लोगों का मार्ग में चलना मुश्किल का हो गया है। उसी प्रकार सट्टे के कारोबार का असर युवाओं और किशोरों पर जोरों से पड रहा है। युवा और किशोर सट्टा लगाने के लिए घरों और आस-पास की दुकानों में चोरियां कर रहे है। उसी प्रकार नशा पूरा करने के लिए भी दुकानों के ताले चटकाए जा रहे है। सट्टे की खाईबाडी करने वाले ग्रामीण क्षेत्रों से सट्टे की खाईबाडी फोन पर ही करते है। सट्टे की रकम आने के बाद उसे सुबह तडके ही पहुंचा दिया जाता है, जिससे कोई फजीहत न खडी हो। हाल में कई दुकानों के ताले चटकाए जा चुके है। जिनका पुलिस अभी तक खुलासा तक नहीं कर सकी हैै। सूत्रों से पता चला हैं कि रामलीला मैदान, बजरिया, बच्चा पार्क, आदि जगहों पर सट्टा और गांजे का व्यापार चलते-चलते किया जाता है।