ऊंचाहार, रायबरेली। विधानसभा चुनाव को पांच साल पूरा होने वाला है फिर से नेताओं द्वारा गांव में विकास का ढोल पीटा जायेगा। सार्वजनिक मंचों से विकास के दावे किए जाएंगे लेकिन विकास तो कहीं नजर नहीं आ रहा है। आज भी गांव की सड़कों के साथ-साथ मुख्य राजमार्ग वाली सड़कों की हालत भी दयनीय है।
हम बात कर रहे हैं ऊंचाहार से डलमऊ – लालगंज मार्ग (NH-30से SH- 38) और अचलगंज, बीघापुर से होते हुए कानपुर राजमार्ग पर दशकों से सड़क के कुल दूरी (150 किमी.) के हर हिस्से में सड़क पर गड्ढे और जलभराव से ग्रामीण और राहगीर भी परेशान हैं। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो दशकों से इस राजमार्ग पर सड़क की खस्ताहाल व्यवस्था के फलस्वरूप इस मार्ग से अन्य जिले और प्रदेश के यात्रियों ने मुंह मोड़ लिया है। जिससे कि ऊंचाहार से डलमऊ – लालगंज, अचलगंज – बीघापुर होते हुए कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बसे लोगों का बिजनेस तक ठप हो गया है और रोजगार के लिए लोगों अन्य जिले में पलायन करना पड़ रहा है। सड़कों की मरम्मत भी ठीक ढंग से नहीं होती है जिससे कि राहगीरों को डलमऊ से फतेहपुर मार्ग या लखनऊ मार्ग से होकर कानपुर के लिए जाना पड़ता है। यहां तक कि स्थानीय लोग इस जर्जर सड़क पर दुर्घटना के भी शिकार होते रहते हैं।ऊंचाहार से लालगंज के बीच बसे ग्रामीणों ने बताया कि कई बार सड़क के नव निर्माण की मांग करते हुए जनप्रतिनिधियों एवम अफसरों का ध्यान आकर्षण कराया लेकिन इसके बावजूद भी ग्रामीणों की मांग को गंभीरता से नहीं लिया गया जिसका खामियाजा आज भी राहगीरों और स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है।