शिवली, कानपुर देहात, जितेन्द्र कुमार। डॉक्टरो का शहर प्रेम के चलते कई प्रयासों के बाद भी डॉक्टरो व नर्सो ने अपने रवैये नही बदले। जहां एक ओर प्रदेश सरकार जनता की समस्याओं के लिये नये नये पैतरे खोज रही है वही सरकारी मुलाजिम सरकार के कार्यों को दरकिनार कर रहे है। योगी सरकार का भय कानपुर देहात जिले में शून्य साबित हो रहा है, कानपुर देहात जिले का एक मामला जब सामने आया कि एक महिला प्रसव के लिए दर दर भटक रही थी उसकी प्रसव करने वाला कोई नही था। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शिवली में डॉक्टर व नर्स नदारद मिले। जिसके चलते महिला का प्रसव वाहन में ही हो गया। रामपुर शिवली गांव के हरिशन्द्र ने बताया उनकी पत्नी के करीब रात 2 बजे पीड़ा शुरू हुई तो आशा बहू को बुलाया। आशा बहू मनीषा ने बताया कि गांव की ही महिला के पेट में पीड़ा हुई तो एम्बुलेन्स को फोन करके मैथा पीएचसी ले गयी। वहाँ पर तैनात नर्स ने बदसूलीकी करते हुए घण्टो इंतजार कराया और कहा कि यदि दवा अपने पास से लगाई तो रुपये देने पड़ेंगे। ऐसा सुनकर सभी मायूस हो गए। उसके बाद पर्सनल गाड़ी से शिवली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाये वहाँ पर कोई डॉक्टर व नर्स नही मिले और महिला का प्रसव गाड़ी में ही करना पड़ा। कई बार नर्स को फोन किया पर किसी ने फोन रिसीव करना जरूरी नही समझा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवली में तैनात स्टॉप नर्स रेनू पाल, पूनम, रश्मी मैसी अस्पताल से नदारद मिली। अस्पताल में तैनात फार्मेशिस्ट रामेंद्र व आशा बहू मनीषा देवी ने कई बार फोन किया पर किसी ने कॉल रिसीव नही की। मरीज के परिवार वालों में जबरजस्त आक्रोश देखने को मिला। वही एस ओ आई सी मैथा डॉक्टर श्री मोहन ने बताया कि तीनों नर्सो को हीलाहवाली के चलते अगले महीने का वेतन काटा गया गया था इसके बाद भी इनका रवैया नही बदला। इसकी शिकायत जिलाधिकारी सीएमओ से की जायेगी। बीते कुछ दिनों पहले विधायिका प्रतिभा शुक्ला ने अपने संज्ञान लिया था तब एसडीएम ब्रजेन्द्र सिंह ने हाजिरी रजिस्टर जब्त कर कार्यवाही शुरू की थी और अस्पताल में ताला लगा दिया था। कई प्रयासों के बाद भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवली अस्पताल के डॉक्टरो व कर्मचारियों के रवैये बदलते नही नजर आ रहे है। डॉक्टरो की मनमानी के चलते प्रदेश सरकार भी नतमस्तक दिखाई पड़ रही है।
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