कानपुर देहात। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने फसल अवशेष प्रबन्धन के जागरूकता वाहन को हरी झण्डी दिखाकर जनपद के समस्त तहसीलों हेतु रवाना किया। इस मौके पर उप निदेशक कृषि विनोद कुमार यादव ने बताया कि पौधों के बढ़वार हेतु 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता हाती है, जिसमें कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन प्रकृति से प्राप्त होता है ये तत्व पौधों के लगभग 95 प्रतिशत भाग के निर्माण में सहायक है। उक्त के अतिरिक्त नत्रजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्शियम, मैग्रीशियम, सल्फर तथा सूक्ष्म पोषक तत्व के रूप में लोहा, जिंक, आयरन, बोरॉन, मालिब्डेनम, कॉपर, क्लोरीन तत्व पौधों के बढ़वारन एवं उत्पादन में सहायक होते है। उन्होंने बताया कि मा0 राष्ट्रीय हरित अभिकरण के आदेश के क्रम में पर्यावरणीय क्षतिपूति हेतु कृषि भूमि का क्षेत्रफल 02 एकड़ से कम होने की दशा में अर्थदण्ड रू0 2500/- प्रति घटना, कृषि भूमि का क्षेत्रफल 02 एकड़ से अधिक 05 एकड़ तक होने की दशा में अर्थदण्ड रू0 5000 रू0 प्रति घटना, कृषि भूमि का क्षेत्रफल 05 एकड़ से अधिक होने की दशा में अर्थदण्ड रू0 15000 प्रति घटना, अतिरिक्त फसल अवशेष जलाने की घटना में दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित कराते हुए गिरफ्तार किये जाने का भी प्राविधान किया गया है। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष प्रबन्धन के सम्बन्ध में जागरूकता वाहन जनपद के गांवों में जाकर लोगों को जानकारी उपलब्ध करायेंगे। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि यह जागरूकता वाहन के माध्यम से जनपद के प्रत्येक गांव अवश्य पहुंचकर लोगों को फसल अवशेष प्रबन्धन के सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध करायें। इस मौके पर अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।