Saturday, November 23, 2024
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दर्शन सिंह की प्रथम पुण्यतिथि का आयोजन 17 अक्टूबर को

इटावा। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बाल सखा सैफई के प्रधान स्वर्गीय दर्शन सिंह यादव की प्रथम पुण्यतिथि का आयोजन 17 अक्टूबर को प्रातः 9 बजे सैफई में होगा यह जानकारी उनके पौत्र अंकित यादव ने दी।
दर्शन सिंह का जन्म इटावा जिले के सैफई गांव में 1940 को हुआ था। दर्शन सिंह और सपा सरंक्षक मुलायम सिंह बचपन के दोस्त हैं। मुलायम सिंह ने जब राजनीति में कदम रखा तो उनके कंधे से कंधा मिलाकर दर्शन सिंह चले। लोहिया आंदोलन के दौरान 15 साल की उम्र में मुलायम सिंह सियासत में कूद पड़े। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया और फर्रूखाबाद जेल में बंद कर दिया। इसकी भनक जैसे ही दर्शन को हुई तो उन्होंने जेल के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गए। जिसके चलते जिला प्रशासन को मुलायम सिंह को रिहा करना पड़ा। साल 1967 के चुनाव में दर्शन सिंह यादव मुलायम सिंह के साथ साइकिल पर चुनाव प्रचार करते थे और घूम-घूमकर चंदा मांगते थे। सैफई में कोई भी त्योहार हो, मुलायम सिंह यादव दर्शन सिंह को अपने बगल में ही बिठाया करते हैं।
मुलायम के साथ चंदा मांगकर साइकिल पर करते थे प्रचार
साल 1967 के चुनाव में दर्शन सिंह यादव मुलायम सिंह के साथ साइकिल पर चुनाव प्रचार करते थे और घूम-घूमकर चंदा मांगते थे। सैफई में कोई भी त्‍योहार हो, मुलायम सिंह यादव दर्शन सिंह को अपने बगल में ही बिठाया करते हैं। प्रधान दर्शन सिंह सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के दोस्त हैं और उन्‍हें यश भारती अवॉर्ड मिल चुका है।
पूरा मुलायम कुनबा करता था सम्मान
देश में आज भी सैकड़ों गांव ऐसे हैं, जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। इसबदहाली के पीछे के कारण है छोटी संसद के सांसद। जो चुनाव जीतने के बाद गांव के विकास के बजाए अपने घर को चमकाने में लग जाते हैं, पर इटावा जिले के सैफई गांव की तस्वीर मुम्बई की तर्ज पर दिखती है। हर सुविधा इस गांव में मौजूद है जो बड़े-बड़े मेट्रो शहरों में देखने को नहीं मिलगी। लेकिन सैफई को वीवीआईपी ग्रामपंचायत बनाने के पीछे मुलायम सिंह यादव के मित्र दर्शन सिंह का अहम योगदान है। कम पढ़े लिखे होने के बावजूद वह सरकारी बाबुओं पर कड़ी नजर रखते हैं और गांव के विकास के लिए आए पैसे का हिसाब उनसे लेते हैं। मुलायम सिंह देश-प्रदेश के किसी भी इंसान से ज्यादा भरोसा दर्शन सिंह पर करते हैं और जब भी परेशान होते हैं तो उनसे सलाह लेने के लिए खुद गांव पहुंच जाते हैं और दोनों एक कमरे के अंदर कई-कई घंटे गप्पे मारते रहते हैं। मुलायम सिंह अपने मित्र की इमानदारी के इतने कायल है कि उन्हें अजीवन सैफई की सत्ता सौंप दी। दर्शन सिंह पिछले 46 सालों से यहां से निर्विरोध प्रधान चुनते आ रहे हैं जब तक जिएंगे तब तक वो प्रधान रहेंगे।
मुलायम को नाम लेकर पुकारते हैं दर्शन सिंह
मुलायम सिंह को एक ही व्यक्ति है जो सीधे नाम लेकर पुकारता है और गलती करने पर उन्हें फटकार लगाता है। वह और कोई नहीं बल्कि सैफई ग्राम पंचायत के प्रधान व मुलायम के बचपन के मित्र दर्शन सिंह है। दर्शन सिंह पिछले 46 सान से सैफई के निर्विरोध सरंपच बनते आ रहे हैं। दर्शन सिंह ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान ग्राम पंचायत सदस्यों के नाम की मुहर लगा मुलायम सिंह के पास भिजवाते हैं और उनकी रजामंदी के वह सभी लोग भी निर्विरोध निर्वाचित होते हैं। उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में इसे एक रिकॉर्ड के तौर पर देखा जा रहा है। दर्शन सिंह अपने मित्र के सियासी सफर को रफ्तार देने के लिए गांव में बैठकर रणनीति बनाते रहते हैं। सपा से जुड़े लोगों का कहना है कि मुलायम, शिवपाल, रामगोपाल और अखिलेश के साथ ही पूरा परिवार दर्शन सिंह की रिसपेक्ट करता है।
1972 से है सैफई गांव के प्रधान
दर्शन सिंह यादव साल 1972 से ही सैफई के प्रधान चुने जा रहे हैं। पहले प्रधानी के चुनाव नियमित समय पर नहीं होते थे, इसलिए 1972 के बाद 1982, 1988 और 1995 में जब ग्राम प्रधानों के चुनाव कराए गए, तब दर्शन सिंह यादव ही प्रधान बने। 1995 से पांच वर्ष के नियमित अंतराल पर चुनाव कराए जा रहे हैं। तब से दर्शन सिंह को ही ग्राम प्रधान चुना जा रहा है। गांव के फूलसिंह यादव कहते हैं कि दर्शन सिंह यादव लंबे समय से इस गांव के निर्विरोध प्रधान हैं। और बताया, वो जब तक जीवित रहेंगे तब तक निर्विरोध बनते रहेंगे, क्योंकि इस संबंध में नेताजी ने गांव में चौपाल के जरिए लोगों से शपथ पत्र लेकर दर्शन सिंह को सैफई सौंप दी है। फूलसिंह यादव बताते हैं कि आज भी दर्शन सिंह साधारण लोगों की तरह रहते हैं और शाम को चौपाल लगाकर लोगों की समस्याएं सुनते हैं। दर्शन सिंह पर आज तक एक भी अरोप नहीं लगा। हर समाज और वर्ग की मदद के लिए वो 24 घंटे खड़े रहते हैं।
कुश्ती के शौक़ीन थे प्रधान दर्शन सिंह यादव
दर्शन सिंह यादव ने कुश्ती के गुण सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को भी सिखाए थे पहलवानी में सैफई के भारतीय खेल प्राधिकरण के साँई ट्रेनिंग सेंटर में कुश्ती खिलाड़ी को बारीकियाँ दर्शन सिंह सिखाते थे सैफई महोत्सव के आयोजन के समय की कुश्ती हो या फिर स्व नत्थू सिंह की स्मृति में आयोजित अखिल भारतीय दंगल सभी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहलवानो की कुश्ती दर्शन सिंह यादव की देख रेख में होती थी। दर्शन सिंह के लगभग हजार से अधिक पहलवान शिष्य है जो देश व प्रदेश में नाम रोशन कर रहे हैं।
पौत्र अंकित यादव ने संभाली थी प्रधानी की कमान बाबा के सपनो को किया था पूरा
सैफई प्रधान दर्शन सिंह यादव के निधन के बाद उनकी पुत्रवधू मीना यादव ने सैफई के प्रधान का पदभार संभाला। दर्शन सिंह यादव के पौत्र अंकित यादव ‘बीटू’ ने सैफई ग्राम पंचायत में अपने बाबा के द्वारा छोड़े गए अधूरे कार्यों को पूरा किया। वह बाबा के सपनो को उड़ान देने में अभी भी लगे हुए है।उनके बाबा को पहलवानो से बहुत लगाव था और आसपास क्षेत्र के युवा पहलवानों का सहयोग करते थे इस मामले में अंकित यादव भी पीछे नहीं है और वह लगातार क्षेत्र के युवा पहलवानों का मनोबल बढ़ाते हुए उनकी मदद करते रहते हैं उन्होंने कहा कि बाबा का सपना था कि सैफई क्षेत्र से भी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान निकले और जिले व प्रदेश का नाम रोशन करें बाबा के सपने को पूरा करने के लिए हमेशा तत्पर हूं पहलवानों का हमेशा सहयोग करता रहूंगा।