Sunday, November 24, 2024
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डीएम ने उद्योग और व्यापार की तरक्की के लिये जीएसटी कर प्रणाली को अहम कदम बताया

हाथरस, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने कहा कि उद्योग और व्यापार की तरक्की के लिये जीएसटी कर प्रणाली एक अहम कदम सिद्ध होगी। उन्होंने आज जीएसटी कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि समूचे देश में जीएसटी एक समान कर प्रणाली लागू होने से न केवल उद्यमियों, व्यापारियों को बडी राहत मिलेगी बल्कि वाणिज्यकर विभाग को भी कर बसूली में आसानी होगी।शुक्रवार को सौभाग्य मण्डप में वाणिज्यकर विभाग के तत्वावधान में आयोजित ’’एकल एवं पारदर्शी कर-जीएसटी’’ सैमिनार का शुभारंभ जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर उद्यमियों और व्यापारियों में कई भ्रान्तियॉ है जिन्हें दूर करने के लिये यह कार्यशाला निश्चित ही कारगर सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि जब भी कोई नई चीज आती है तो जिज्ञासा होना स्वाभाविक है। उन्होंने जीएसटी को टैक्स रिफार्म की दिशा में उल्लेखनीय कदम बताते हुए कहा कि जीएसटी कर प्रणाली से व्यापारियों और उद्यमियों को कर अदायगी में आसानी होगी। वाणिज्यकर विभाग अलीगढ जोन के एडीशनल कमिश्नर एके जैन, सीबी सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर मथुरा राजेन्द्र राय, डिप्टी कमिश्नर मथुरा शशिधर शाही तथा डिप्टी कमिश्नर हाथरस संजय कुमार सिंह, रमेश सिंह भाटी आदि ने जीएसटी को एकल तथा पारदर्शी कर प्रणाली बताते हुए कहा कि समूचे देश में आगामी 01 जुलाई से जीएसटी कर प्रणाली लागू हो जायेगी। उन्होंने जीएसटी कर प्रणाली के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी और मौजूद उद्यमियों,व्यापारियों को भरोसा दिलाया कि जीएसटी के बारे में विभागीय स्तर से प्राप्त जानकारी से उन्हें समय-समय पर अपडेट किया जायेगा। सेमिनार में जानकारी दी गयी कि जीएसटी वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति पर आरोपित किया जायेगा। प्रान्तीय सम्व्यवहारो पर समान दर से एसजीएसटी तथा सीजीएसटी आरोपित होगा तथा अर्न्तप्रान्तीय सम्व्यहारों पर दोनों के योग के बराबर आईजीएसटी आरोपित होगा। जीएसटी में समस्त कार्य ऑनलाइन ही होगा, यद्धपि व्यापारियों के सहयोग हेतु सुविधा केन्द्रों तथा जीएसटी प्रैक्टिसनर की सुविधा उपलब्ध होगी। जिन संव्यवहारों में आपूर्तिकर्ता तथा प्रात्तकर्ता का स्थान एक ही राज्य में होगा वे प्रान्तीय संव्यवहार होगें जबकि इसके भिन्न-भिन्न राज्य में स्थित होने पर ये अर्न्तप्रान्तीय(आईजीएसटी)संव्यवहार होगें। जीएसटी में वस्तुवार कर की दर जीएसटी काउन्सिल द्वारा तय की जायेंगी। काउन्सिल द्वारा 0 प्रतिशतए 5 प्रतिशतए 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशतए 28 प्रतिशत कर दरें वर्गीकृत की गयी है। पंजीयन लेने हेतु जीएसटी के पोर्टल पर सीधे अथवा सुविधा केन्द्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा, तीन दिन में कोई कमी सूचित न किये जाने पर स्वतः ऑनलइन पंजीयन मिल जायेगा, इस हेतु कोई फीस देय नही होगी। पंजीकृत व्यापारियों को माइग्रेशन कर मांगी गयी सूचनाएं जीएसटी पोर्टल पर देनी होगी। इस हेतु माइग्रेशन का कार्य प्रगति पर है तथा 15 जून 2017 तक समस्त व्यापारियों को अपनी सूचनाएं जीएसटी पोर्टल पर अंकित कर देनी है। माइग्रेशन कर लेने पर जीएसटी में स्वतः अस्थायी पंजीयन छः माह हेतु प्राप्त हो जायेगा। उन व्यापारियों को अपने खण्डाधिकारी से सम्पर्क कर अपना सही पैन, ई-मेल, मोबाइल नंबर अपडेट करना होगा। उसके उपरान्त जीएसटीएन द्वारा प्रोविजनल आईडी व पासवर्ड उपलब्ध करा दिया जायेगा। पंजीयन हेतु थ्रसहोल्ड सीमा 20 लाख रूपये होगी अर्थात 20 लाख रूपये वार्षिक से अधिक टर्नओवर वाले व्यापारियों को अनिवार्य पंजीयन लेना होगा। 20 लाख रूपये टर्न ओवर से कम ऐसे व्यापारी जो प्रदेश के बाहर आपूर्ति करते अथवा ई-कॉमर्स के माध्यम से खरीद बिक्री करते है अथवा स्वयं का ई-कॉमर्स पोर्टल संचालित करते हैं, को अनिवार्य पंजियन लेना होगा। प्रत्येक सामान्य व्यापारी को अगले माह की 20 तारीख तक जीएसटीएन पोर्टल पर रिर्टन दाखिल करना होगा।इसके पूर्व उसे 10 तारीख तक अपनी बिक्री का एवं 17 तारीख तक खरीद का विवरण दाखिल करना होगा।इसके अतिरिक्त उन्हें वार्षिक रिर्टन भी दाखिल करना होगा।करदाता व्यापारी अपनी खरीद एवं बिक्री का विवरण इलेक्ट्रानिक रुप में ऑनलाइन जीएसटीएन पोर्टल पर दाखिल करेंगे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए असिस्टेण्ट कमिश्नर राकेश शुक्ला ने जीएसटी को देश में चल रहे आर्थिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि इसके लागू हो जाने से सामाजिक समता के साथ-साथ आर्थिक समता भी आयेगी। वाणिज्यकर अधिकारी भूमिका शर्मा ने वीडियो प्रोजेक्टर की मदद से जीएसटी के महत्वपूर्ण प्राविधानों की जानकारी दी। वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों ने सेमिनार में मौजूद व्यापारी एवं उद्यमियों की शंकाओं का समाधान किया।