विकास, ज्ञान व भाईचारे में वृद्धि के लिए महामानव बुद्ध व बाबा साहब डा0 अम्बेडकर का संदेश आज ज्यादा प्रासांगिक
कोई ज्ञानी होता है तो वहां पर मौन होता है बुद्ध तो मौन की प्रतिमूर्ति है
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। बाढ़ापुर अम्बेडकर पार्क बुद्ध बिहार में डा. अम्बेडकर समाज उत्थान समिति बाढ़ापुर द्वारा आयोजित महाकारूणिक भगवान बुद्ध की 2561वी जयंती महोत्सव समारोह व भोज व प्रसाद वितरण कार्यक्रम देर रात्रि तक चला। कार्यक्रम की शुरूआत त्रिषरण पंचशील, बुद्ध बन्दना व दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ से हुई। कार्यक्रम में उपस्थित एडी सूचना प्रमोद कुमार ने महामानव व करूणा के सागर गौतम बुद्ध के अनमोल बचनों का अनुकरण करते हुए देश व समाज को विकास व उन्नति के रास्ते पर पहुंचाये व राष्ट्रीय एकता व अखण्डता भाईचारे को मजबूती देने पर जोर दिया। बुद्ध वाणी का जिक्र करते हुए कहा कि अनमोल बचन जीवन में हजारों लडाईयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो। फिर जीत हमेशा तुम्हारी होगी, इसे तुमसे कोई नही छीन सकता। शांति करूणा, प्रेम, मित्रता व आनन्द है व मौन में इन सबका उदय होता है दुख पश्चावे और कष्ट को मौन निगल लेता है और आनन्द करूणा व प्रेम को जन्म देता है। बुद्ध के अनमोल बचन व उनका मध्यम मार्ग आज के प्रवेश में ज्यादा प्रसांगिक है। आयोजित बुद्ध जयंती महोत्सव के अवसर पर महामानव गौतम बुद्ध की मूर्ति के साथ ही संविधान शिल्पी डा. अम्बेडकर के भी मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रृद्धासुमन अर्पित किया गया तथा बताया कि डा0 अम्बेडकर ने दलितों के उत्थान के साथ पूरे समाज को खुशहाली समृद्धि का रास्ता दिखाया तथा बाबा साहब ने बुद्ध के दर्शन को भी आत्मसात कर आधुनिक भारत के निर्माता बन देश व समाज को उन्नति व विकास का रास्ता दिखाया। महामानव गौतम बुद्ध व संविधान शिल्पी डा0 अम्बेडकर का संदेश आज ज्यादा प्रासांगिक है। डा. ए.मपी. गौतम ने कहा कि बुद्धवाणी में मौन जीवन का स्त्रोत है और रोगों का उपचार है। जब लोग क्रोधित होते है तब वह मौन धारण करते है पहले से चिल्लाते है फिर मौन उदय होता है, कोई ज्ञानी होता है तो वहां पर मौन होता है बुद्ध तो मौन की प्रतिमूर्ति है। बुद्ध के करूणामयी मार्ग से सभी आनन्दित रह सकते है और दुख के सागर को पार कर सकते है। कथा वाचक शकुन्तला कमल ने कथाओं के माध्यम से भगवान बुद्ध और डा0 भीमराव अम्बेडकर के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। इस मौके पर समाजसेवी धम्मचारी ए चन्द्र बोद्धि, प्रेम सिंह कुशवाहा, एनएन भास्कर, मनफूल प्रसाद, एसके गौतम, राजकुमार, अमित, एसके कुशवाहा, अमित कुशवाहा, ए.के शुक्ला, एस.के त्रिपाठी, गोरे कमल, नीरज कमल, नीरज कुशवाहा सहित सैकड़ों महिलायें व पुरूषों ने भी महामानव गौतमबुद्ध व संविधान शिल्पी डा. भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर याद किया।