Sunday, November 24, 2024
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हम ऐसे हैं और वो वैसे हैं!!!

हमें गर्व है हम भारतीय हैं – भारतीय सोच, सहिष्णुता, संकल्प जांबाज़ी, ज़ज्बे का विश्व में डंका!!!
आज का भारत 2047 के नेतृत्व के लिए मौजूदा युवा पीढ़ी को रणनीतिक रोडमैप से बागडोर और कर्तव्यपरायणता के बीजारोपण में जुटा – एड किशन भावनानी
भारतीय सोच, संस्कृति, बौद्धिक क्षमता, दूरदृष्टि फ़र्ज अदायगी, कर्तव्यपरायणता में वैश्विक स्तर पर बहुत आगे है। और हो भी क्यों ना? क्योंकि भारतीय मिट्टी में जन्मे हमारे हर भारतीय नागरिक और प्रवासी भारतीय के रग-रग में भारत माता के गुणों का संचार हो रहा है!! याने हमारा भारतवर्ष एक ऐसे सुगंध का समूह है जो अपनी व्याख्या करें, या ना करें लेकिन हवाएं उस सुगंध की ख़ुशबू को सात समंदर पार तक भी पहुंचा देती है!!! यही स्थिति भारतीय कलाओं, सोच, सहिष्णुता,संकल्प जांबाज़ी और ज़ज्बे की भी है!!! साथियों हम ऐसे हैं, जो परायों को भी अपना समझते हैं, हम धर्मनिरपेक्ष भारत में विश्वास रखते हैं यहां हर धर्म, जातिसमाज वर्ग का यहां आदर होता है। हम ऐसे हैं!! जहां बोलने की आजादी को मौलिक अधिकार में शामिल किया गया है, हर व्यक्ति को अपने धर्म जाति समाज में जीवन जीने रहने बोलने का पूरा पूरा अधिकार है। हर व्यक्ति अपना अपना धार्मिक उत्सव पूरी आजादी से मर्यादाओं और कानूनों का पालन करते हुए मना सकता है हम ऐसे हैं!!! आपस में भाईचारा प्रेम मोहब्बत रखकर एक दूसरे का साथ देते हैं हम ऐसे हैं!!! जो लोकतंत्र में अति विश्वास रखते हैं सभी भाषाओं धर्मों भाषाओं का पूरा पूरा सम्मान कर उन्हें प्रोत्साहित करते हैं भारतीय संविधान में भी 22 भाषाओं को मान्यता दी गई है यह हैं हमारा भारत!!! अनेकता में एकता सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास! साथियों बात अगर हम वो कैसे हैं!!! की करें तो वहां कट्टरपंथता बहुत अधिक है, पड़ोसी मुल्क, वो कैसे हैं हमें उनके बारे में अधिक बोलने की आवश्यकता इसलिए नहीं है क्योंकि वो वैसे हैं!!! यह सब जानते हैं और हाल के कुछ वर्षों में वहां के अल्पसंख्यक एवं मंदिरों, जबरन धर्म परिवर्तन, यातनाएं, सुनियोजित कार्यवाही, आतंकवाद का बीजारोपण इत्यादि सब हर भारतीयनागरिकों को मालूम है वो वैसे हैं!!! साथियों बात अगर हम वो वैसे हैं!!! एक देश के तानाशाह जिसको परमाणु बम एटम बम का बहुत शौकीन माना जाता है, जिसकी अमेरिकन राष्ट्रपति से भी कई बार खुन्नस हो चुकी है, अपने तानाशाह पिता की पुण्यतिथि पर अपने पूरे देश को 12 दिनों तक हंसने पर पाबंदी लगा दी है!! यदि कोई भी नागरिक हंसते हुए पाया गया तो सख्त कार्रवाई होगी!! वो वैसे हैं!!! साथियों बात अगर हम विस्तार वादी देश की करें तो आजीवन शासक बने रहे हैं, लोकतंत्र का कुछ मायना नहीं तानाशाही, हुकूमत कोरोना महामारी के तथाकथित प्रणेता का अनुमान, पड़ोसी मुल्क और अन्य छोटे-छोटे पड़ोसियों को आर्थिक इंफ्रास्ट्रक्चर मदद कर भारत के लिए परेशानी, दबाव बनाना वो वैसे हैं!!! साथियों बात अगर हम और भी अनेक ऐसे देशों की करें जो पूरी तरह से कट्टरपंथ, तानाशाही पर चलते हैं, अन्यधर्म समाज आध्यात्मिकता मानवता से परे हैं और तानाशाही हुकूमत चलाते हैं उन्हें रहने दो! वो वैसे हैं!!! साथियों हम भारतीय हैं हम ऐसे हैं!!! हमारी लीडरशिप पक्ष विपक्ष राज्य सब भारतीय संप्रभुता के लिए एक हैं। साथियों बात अगर हम हमारी धर्मनिरपेक्षता और भाषाओं मातृभाषाओं की करें तो हमें मातृ भाषाओं में बोलने पढ़ने विश्वविद्यालय खोलने प्रांतीय भाषाओं में अनेक शासकीय परीक्षाएं देने इत्यादि के लिए भरपूर प्रयास चल रहे हैं। साथियों बात अगर हम ऐसे हैं!!! माननीय उपराष्ट्रपति के दिनांक 22 दिसंबर 2021 को एक कार्यक्रम में संबोधन की करें तो पीआईबी के अनुसार उन्होंने आज लोगों को उनकी मातृभाषा में विज्ञान से की जानकारी देने के लिए और उनमें वैज्ञानिक सोच पैदा करने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में बेहतर विज्ञान संचार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने याद दिलाया कि संविधान में लोगों में वैज्ञानिक सोच और जिज्ञासा की भावना को मौलिक कर्तव्य के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने पुस्तकों, टीवी शो और रेडियो प्रसारण के माध्यम से विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के प्रयासों को बढ़ावा देने की अपील की। साथियों बात अगर हम ऐसे हैं!!! नीय पीएम के दिनांक 22 दिसंबर 2021 के एक कार्यक्रम में संबोधन की करें तो पीआईबी के अनुसार पीएम ने बल देते हुये कहा कि यह सही समय है कि हम अपनी दृष्टि 2047 पर रखें, जब देश अपनी आजादी का 100वां वर्ष मना रहा होगा। आज की मौजूदा पीढ़ी उस समय नेतृत्वकारी भूमिका में होगी और उसके हाथों में देश की किस्मत की बागडोर होगी। इसलिये यह तय करना जरूरी है कि हमें मौजूदा पीढ़ी को इस तरह तैयार करना है कि वह भविष्य में देश के लिये बड़े योगदान कर सकें। उन्होंने आगे कहा कि हमारी मौजूदा पीढ़ी राष्ट्र निर्माण में सार्थक योगदान कर सके, इसके लिये जरूरी है कि हम बेहतर भारत का निर्माण करने के लिये उसे कर्तव्यपरायणता के महत्त्व को हृदयंगम करा दें।पीएम ने कहा कि हम हमेशा अपने अधिकारों पर अड़े रहते हैं और उनके लिये लड़ते हैं, लेकिन अपने कर्तव्यों का पालन करना उससे भी बड़ी चीज है। जब हम सच्चे मन से अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं, तब हम स्वतः दूसरों के अधिकारों को सुनिश्चित बना देते हैं। उन्होंने कहा कि इसीलिये हम जब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तब कर्तव्यपरायणता हमारी प्रमुख प्राथमिकता तथा देश के लिये सकारात्मक योगदान करने का संकल्प हमारी प्रमुख प्रतिबद्धता होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव युवाओं में कर्तव्यपरायणता का बीजारोपण करेगा। उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा पीढ़ी नया भविष्य बनाने के जोश से भरी है। लेकिन यह याद रखना होगा कि भविष्य हमेशा अतीत की गोद में पलता है। इसी संदर्भ में हमें यह नहीं भूलना चाहिये कि हमारे पुरखों ने देश के लिये अपनी तरुणाई, जीवन और परिवार त्याग दिया। उन्होंने सभी सदस्यों से आग्रह किया कि जब हम अमृत महोत्सव मनाने के लिये जनभागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहे हैं, तो हमें अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा गुमनाम महानायकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने में भी कोई कसर नहीं छोड़नी है। उन्होंने अंत में कहा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, इस मौके पर हमें 2047 के लिये अपने नये लक्ष्य तय करके आगे बढ़ने पर ध्यान देना चाहिये। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि हम ऐसे हैं!!! और वो वैसे हैं!!! हमें गर्व है हम भारतीय हैं हमारी सोच शिक्षण सहिष्णुता जांबाज़ी ज़ज्बे का विश्व में डंका है आज भारत 2047 के नेतृत्व के लिए मौजूदा युवा पीढ़ी को रणनीतिक रोडमैप से बागडोर और कर्तव्य परायणता के बीजारोपण में जुटा है जो तारीफ ए काबिल है।
-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ, एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र