Sunday, November 24, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » पुलिस और नेताओं की जुगलबंदी मुख्यमंत्री योगी को दिखा रही ठेंगा

पुलिस और नेताओं की जुगलबंदी मुख्यमंत्री योगी को दिखा रही ठेंगा

2017.06.06 10 ravijansaamnaकानपुर दक्षिण के नौबस्ता बर्रा और रामादेवी चौराहे में पुलिस और स्थानीय नेताओं की मिली भगत से सड़कों पर दौड़ रहे अवैध वाहन
खुले आम अवैध वाहनों से बसूली और सरकारी राजस्व को करोड़ों का लगाया जा रहा चूना।
कानपुर, जन सामना संवाददाता। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को विकास के पथ पर दौड़ाने के सपनें को लेकर सत्ता में आए। लेकिन शहर के दक्षिण क्षेत्र में अवैध वाहन सड़कों पर दौड़ते दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री के सपनों पर बट्टा लगाने में स्थानीय नेता और पुलिस की मिली भगत जग जाहिर है। ऐसे में यह तो साफ है कि पुलिस और स्थानीय नेताओं की जुगलबंदी प्रदेश के विकास की रणनीति में मुख्यमंत्री योगी को ठेंगा दिखा रही है। कानपुर महानगर दक्षिण के नौबस्ता बर्रा और रामादेवी चौराहे में पुलिस और स्थानीय नेताओं की जुगलबंदी से अवैध वाहन चल रहे हैं। स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया कि समाजवादी पार्टी से जुड़े ये नेता अवैध वाहन चालकों से लाखों की वसूली करते हैं। ऐसे में ये वाहन बेरोकटोक सवारियां ढोते है। इन वाहनों में विक्रम टेम्पो भी है जो सीएनजी की वजाय डीजल चालित हैं। यहभी बताया गया कि बड़ी संख्या में अपनी वैधता खो चुके वाहन भी सड़कों पर दौड़ रहे है। ऐसे अवैध वाहनों से आए दिन दुर्घटना के मामले प्रकाश में आते रहते हैं।
गुट बनाकर चल रहा अवैध करोबार
नाम न छापने की शर्त पर कई वाहन चालकों ने बताया कि नौबस्ता चैराहे पर4 लोगों को और रामादेवी में 2 लोगों का व घाटमपुर रोड पर तीन लोगोें का गुट हैं जो अवैध वाहनों को चलवाकर बसूली करता है। यह भी बताया कि इन वसूलीकर्ताओं को पुलिस का संरक्षण प्राप्त है। बताया कि नौबस्ता थाने का एक सिपाही पुलिस और नेताओं के बीच गठजोड़ का काम करता है। नौबस्ता चैराहे पर वसूली करने वाले लोगों ने तो नगर निगम की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है और अवैध आॅफिस बनाकर बैठतेे हैं इस मामले में नगर निगम द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं की है।

सरकारी राजस्व को करोड़ों का चूना
अवैध वाहन चलने से सरकारी राजस्व को सालाना करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है। गौरतलब है कि इन क्षत्रों की सड़कों पर यूपी रोडवेज की महानगर बसें भी संचालित हैं। इन बसों में नाममात्र की सवारियां ही सफर करती है जबकि इन राडवेज से कई गुना अधिक सवारियां अवैध वाहनों से ढोई जाती हैं।
दुर्घटना पर नहीं मिलता बीमा क्लेम
सालाना रिकाॅर्ड किया जाए तो पाएंगे कि अवैध वाहनों के चलने से क्षेत्र में दुर्घनाओं का आंकड़ा भी काफी बड़ा है। इसका एक भयावह पहलू और है जब इन अवैध वाहनों से दुर्घटना होती है तो घायल अथवा मृत व्यक्ति को कोई भी बीमा क्लेम नहीं मिलपाता क्यों की वो बिना बीमा का वाहन होता है। अवैध वाहन होने से वाहनों का बीमा भी नहीं होता।