थाई मांगुर, बिगहेड व अन्य विदेशी प्रजातियो के मछलियों का मत्स्य बीज का उत्पादन/विक्रय/आयात पर पूर्णतयाः प्रतिबंधः डीएम
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने निर्देश दिए है कि कोई भी व्यक्ति जनपद कानपुर देहात के अन्तर्गत आने वाले तालाबो, मीनाशयो एवं जल प्रणालियो मे थाई मांगुर, बिगहेड व अन्य विदेशी प्रजातियो के मछलियो का मत्स्य बीज लाकर न तो संचय करेगा और न ही उनका उत्पादन कर उनके विक्रय का कार्य करेगा। उक्त प्रजाति की मछलियो के उत्पादन/विक्रय/आयात पर पूर्णतयाः प्रतिबंध शासन द्वारा लगाया गया है। उन्होने कहा कि भी व्यक्ति जनपद कानपुर देहात के अन्तर्गत आने वाले तालाबो मे यदि उक्त प्रजाति की मछलियों का पालन करेगा अथवा अन्य जनपद से लाकर उक्त मछलियों का विक्रय करेगा तो उसे मत्स्य विभाग के अधिकारियो द्वारा मछलियों को जब्त कर उन्हे नष्ट कर दिया जाएगा। उपरोक्त आदेशो का उल्लघंन दण्डनीय अपराध होगा। इसके अलावा मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालक विकास अभिकरण डा. रणजीत सिंह ने समस्त मत्स्य पालकों को बिना अनुमति के मत्स्य बीज के क्रय विक्रय के संबंध में जानकारी दी और आगाह भी करते हुए बताया कि बिना विभागीय अनुमति के किसी भी निजी हैचरी/नर्सरी व मत्स्य बीज केन्द्र से कोई भी मत्स्य बीज न खरीदें क्योकि ये मत्स्य बीज रोग-ग्रसित एवं उन्नतशील नहीं होते जबकि उन्नतशील एवं रोगरोधी मत्स्य बीज से ही मछली की पैदावार बढ़ती है कई मत्स्य बीज विक्रेता तो नकली मत्स्य बीज, यहां तक की पुटिया के भी बीज तालाब में पडा रहता है जिससे मत्स्य पालक को आर्थिक, मानसिक व शारीरिक रूप से हानि होती है तथा मत्स्य पालक का मत्स्य विभाग से मनोबल टूटता है। यह सर्वविदित तथ्य है कि मत्स्य पालक की सफलता अच्छे सीड एवं फीड पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि कोई भी मत्स्य पालक अपने तालाब में मत्स्य बीज संचय करने से पूर्व जनपद में कार्यरत मत्स्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की संस्तुति अवश्य ले ले अन्यथा लाभ के स्थान पर हानि होगी जिसके लिए मत्स्य पालक स्वयं जिम्मेदार होंगे।