सुरेश डी मिश्र, डां पवन त्रिपाठी, प्रीतम कुमार सिंह त्यागी व राजेश एम मिश्र हुए सम्मानित
प्रेम शुक्ल फाउंडेशन उद्घाटन सम्पन्न
मुम्बई, जन सामना संवाददाता। यह कार्यक्रम कर्मयोगी पत्रकार राजेश विक्रांत को समर्पित है। निरन्तर सत्कर्म और सृजन ही उनकी विशेषता है। यह उदगार प्रोफेसर नन्दलाल पाठक, कार्यकारी अध्यक्ष महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी ने मंगलवार की शाम राष्ट्रीय हिंदी साप्ताहिक ‘विकलांग की पुकार’ के 12 वें वार्षिकोत्सव में ब्रह्म महेश्वर भवन, सन्यास आश्रम, विलेपार्ले पश्चिम में व्यक्त किये। वरिष्ठ पत्रकार, भाजपा नेता तथा विकलांग के पुकार के संरक्षक प्रेम शुक्ल ने कहा कि राजेश विक्रांत हर विषय के जानकार हैं। समन्वय कला में माहिर हैं तथा इनकी व्यंग्य रचनाएँ भी हरिशंकर परसाई और के पी सक्सेना से किसी तरह कम नही हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों अंतरराष्ट्रीय शायर डा त्रिपाठी, डा राधेश्याम तिवारी, एसोसिएट प्रोफेसर, इतिहास, आर आर पी जी काॅलेज, अमेठी तथा अवधेश नारायण पांडेय, ग्रुप प्रेजिडेंट, टापवर्थ ग्रुप आॅफ इंडस्ट्रीज की द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुई। कवि रवि यादव की सरस्वती वंदना के बाद अमन कबीरी ने प्रार्थना प्रस्तुत की।
इस अवसर पर दोपहर का सामना के मुख्य उपसम्पादक अभय मिश्र द्वारा संपादित पुस्तक व्यक्ति एक, व्यक्तित्व अनेकः राजेश विक्रांत का विमोचन हुआ। तथा टाॅप म्यूजिक कंपनी की प्रस्तुति सुरजीत सिंह द्वारा निर्मित किए जाने वाले राहुल पंडित निर्देशित वृत्त चित्र ‘सौम्य, सरल और शांत राजेश विक्रांत’ का शुभारंभ भी किया गया। अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम के प्रमुख आयोजक सरताज मेहदी, सलाहकार सम्पादक डाॅ. जे पी बघेल, पत्रकारिता कोश के सम्पादक आफताब आलम व नमस्ते बाॅलीवुड के सम्पादक धर्मेंद्र पांडेय ने किया। इस आयोजन की एक विशेषता यह रही कि इसमें अतिथियों का सम्मान बुके की बजाए ज्ञान वाहक बुक भेंट कर किया गया। अखबार के संरक्षक प्रेम शुक्ल के जन्म माह में आयोजित इस कार्यक्रम में एक सेवाभावी संस्था प्रेम शुक्ल फाउंडेशन- पी एस एफ का उद्घाटन भी अतिथियों द्वारा किया गया और दैनिक विश्वमित्र व ब्लिट्ज के वरिष्ठ पत्रकार तथा कवि प्रीतम कुमार सिंह त्यागी को पत्रकारिता के लिये और पत्रकार लेखक राजेश एम मिश्र को पी एस एफ सहयोगी सम्मान प्रदान किया गया।
डाॅ राधेश्याम तिवारी ने कहा कि राजेश विक्रांत से मुझे परिचित हुए बहुत ज्यादा समय नही हुआ। पर इनकी सरलता और शांत स्वभाव तथा बतरस की लेखन कला ने मुझे बहुत प्रभावित किया है। अवधेश नारायण पांडेय ने कहा कि राजेश विक्रांत ने अपने परिश्रम के बल पर अमेठी से आकर मुंबई में एक बड़ा मुकाम बनाया है। सागर त्रिपाठी तथा गीतकार रास बिहारी पांडेय ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम में एस्ट्रोलाॅजी टुडे के सम्पादक डाॅ पवन त्रिपाठी को पत्रकारिता गौरव तथा श्री महाराष्ट्र रामलीला मण्डल के महासचिव सुरेश डी मिश्र को विकलांग की पुकार संस्कृति गौरव से सम्मानित किया गया। मंच संचालक अश्विनी कुमार जोशी, साहित्य प्रेमी बी एल रंगा, मिलन फाउंडेशन के अध्यक्ष अफजल खान, शिक्षाविद नूतन पांडेय ने इस मौके पर राजेश विक्रांत का सम्मान किया। कार्यक्रम की आयोजन समिति में संपादक एड सैयद आफताब मेहदी, समाजसेवी सैयद शुजात हुसैन, तेजस्वी दुनिया के सह संपादक प्रोफेसर सन्तोष तिवारी, पत्रकार प्रेम चैबे, कवि अनिल त्रिपाठी कड़क व नूर हसन का समावेश रहा। इस अवसर पर आशीर्वाद के निदेशक डाॅ उमाकांत बाजपेयी, हम लोग के अध्यक्ष एड विजय सिंह, श्रुति संवाद के अध्यक्ष अरविन्द राही, लेखक विद्याभूषण तिवारी, डा वनमाली चतुर्वेदी, वासन्ती वैद्य, आरटीआई एक्टिविस्ट और अग्निशिला के संपादक अनिल गलगली, पत्रकार सैयद सलमान, रविंद्र मिश्र, दिनेश शर्मा, जाफर शेख, आनन्द पांडेय, फैजुल शेख, गिरिधर बलोदी, सन्तोष शुक्ल, कैलाश गुप्ता, भाजपा नेता संजय पाठक, मंगेश कनौजिया, समाजसेवी देवी प्रसाद मिश्र, कमाल अहमद, साहित्यकार डाॅ. रमेश गुप्त मिलन, राकेश कुमार तिवारी, डाॅ. वीरेंद्र मिश्र, अमेठी चैरिटेबल ट्रस्ट के राज मिश्र और के डी शुक्ल, खबरें पूर्वांचल के सम्पादक रविंद्र दुबे, चार भुजा टाइम्स के रिपोर्टर जितेंद शर्मा, पत्रकार संजय अमान, फोटोग्राफर राम चन्द्र यादव कवयित्री लक्ष्मी यादव, कवि अनुपम मेश्राम समाजसेवी देवेश तिवारी, खालिद खान, अभिनेता शिवेश तिवारी, रवि शंकर मिश्र, सुमन मिश्र, सी ए प्रवीण जैन, आदिज्ञान सम्पादक जीत सिंह चैहान, कथाकार राजीव रोहित, प्रीति पांडेय, अनुपम मिश्र, बबलू मिश्र, विभा दुबे, त्रिभुवन दुबे, डिजाइनर जितेंद पांडेय, गीतकार रुस्तम घायल, कवि जवाहर लाल निर्झर, विनय शर्मा दीप, प्रेम जौनपुरी, शिक्षक रवि उपाध्याय आदि प्रमुख हस्तियां कार्यक्रम में मौजूद रहीं। कार्यक्रम का सुगठित संचालन व्यंग्यकार, कवि डाॅ अनन्त श्रीमाली ने किया। आभार प्रदर्शन विकलांग की पुकार के प्रबंध संपादक तथा दोपहर का सामना के स्तंभकार राजेश विक्रांत ने किया।