कानपुर, जन सामना ब्यूरो। इनर व्हील की शुरुआत ग्रेट ब्रिटेन की मार्गरेट ओलिवर गोल्डिंग के द्वारा 10 जनवरी 1924 ई0 में ग्रेटब्रिटेन के मैनचेस्टर क्लब में हुई। भारत वर्ष में 65 वर्षों में इनर व्हील में जम्मू से लेकर कन्या कुमारी और नागालैंड से लेकर कच्छ तक 1341 क्लबों से 39000 सदस्याएँ विभिन्न कार्यक्षेत्र में जुड़ी हुईं हैं। यह विश्व की सबसे बड़ी महिला संस्था है जिसका उद्देश्य मित्रता, व्यक्तिगत सेवा और अंतरराष्ट्रीय सद्भावना को प्रोत्साहित करना है।
भारत की 41 वीं राष्ट्रीय अध्यक्षा प्रभा रघुनंदन के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय लक्ष्य ‘‘खुशहाल भविष्य बेहतर जिंदगी’’ के अंतर्गत पूरे देश के इनर व्हील क्लबों के द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों के जरूरतमंदों के लिए अनेकों कार्य किए गए।ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र खोले गए तथा उन्हें कंप्यूटर की शिक्षा दी गई। लड़कियों के लिए आत्मरक्षा शिविर का आयोजन कर उन्हें प्रशिक्षित किया गया तथा कानूनी अधिकारों की जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया गया।
इनर व्हील सदस्याओं द्वारा इनर व्हील की छवि के प्रचार – प्रसार में ‘उत्प्रेरक’ की उपाधि से विभूषित प्रभा जी के दिशा निर्देश विकलांग बच्चों को मदद करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को आर्थिक सहायता इनर व्हील सदस्याओं द्वारा प्रदान की गई। सरकारी विद्यालयों को गोद लेकर उनमें आवश्यक मूलभूत सुविधाएं जैसे रूपीने और हाथ धोने के स्वच्छ पानी की व्यवस्था, लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय का निर्माण, विद्यार्थियों के लिए बेंच- डेस्क, यूनिफाॅर्म, जूते, खेलकूद की सामग्री, पुस्तकालय का निर्माण, अलग स्टाफ रूम आदि की सुविधा उपलब्ध करवाकर उन्हें ‘हैप्पी स्कूल’ में परिवर्तित किया गया। प्रभा के नेतृत्व में पूरे देश में प्रति स्कूल दो लाख की लागत पर 1000 हैप्पी स्कूल बनाए जा चुके हैं, जो इनर व्हील सदस्याओं द्वारा ही प्रायोजित किए गए हैं।
नाइजीरिया से इनर व्हील की अंतर राष्ट्रीय अध्यक्षा ओलुयेमिसी एलाटीस भारत आईं और 6-7 जिलों का दौरा कर यहाँ के कार्यों से अत्यधिक प्रभावित हुईं ।
‘जहाँ चाह -वहाँ राह’ के सिद्धान्त पर विश्वास करने वाली प्रभा के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय इनर व्हील दिवस 10 जनवरी के अवसर पर 1 जनवरी से 10 जनवरी तक ‘अंतरराष्ट्रीय इनर व्हील सप्ताह’ मनाया गया जिसमें भारत के सभी क्लबों ने विभिन्न विद्यालयों में खेल – कूद की विभिन्न प्रतियोगिताएँ करवाई और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया, साथ ही योग्य प्रशिक्षकों द्वारा कैंप लगाकर खेल का प्रशिक्षण दिया गया। विशिष्ट एवं विकलांग बच्चों के लिए खेल-कूद का आयोजन किया गया एवं खो-खो, कबड्डी, हाॅकी और फुटबाॅल टूर्नामेंट करवाए गए।
असंभव को संभव करने का जज्बा और रेगिस्तान में फूल खिलाने का हौसला रखने वाली प्रभा रघुनंदन के अद्भुत नेतृत्व और प्रेरणा से भारतवर्ष में इनर व्हील सदस्याओं ने अंतर राष्ट्रीय महिला दिवस नहीं, अंतर राष्ट्रीय महिला सप्ताह मनाया, जिसके अंतर्गत प्रभा के द्वारा पहली बार ‘मिशन आॅन व्हील’ स्त्री द्वारा एस यू वी गाड़ी चलाकर लगभग 6000 किलोमीटर का ‘सफर स्त्री स्वाभिमान का’ इनर व्हील की सदस्याओं और मित्रों द्वारा 1 मार्च को गुड़गांव से प्रारंभ होकर लगभग 13 राज्यों से गुजरते हुए प्रभा के ‘नारी प्रगति की शिक्षा के साथ’ के संदेश को जन-जन तक पहुंचाते हुए 11 मार्च को दिल्ली पहुँचकर पूरा किया गया। इनर व्हील दिल्ली मिडटाउन के द्वारा वहाँ सफर के आगंतुकों के स्वागत के लिए एक भव्य समारोह ‘अभिनंदन’ का आयोजन किया गया।
प्रभा का मानना है किः ‘इनर व्हील सदस्याएँ भरोसेमंद होती हैं ।
वादा करती हैं तो पूरी निष्ठा के साथ निभाती हैं।।
एक मुस्कुराहट छंद प्यार भरे शब्दों से मित्रता बन जाती है। यही स्नेह, हमदर्दी हम समाज तक ले जाते हैं, तो वह सेवा होती है और वसुधैव कुटुम्बकम का हम निर्माण करते हैं ।