पवन कुमार गुप्ता: ऊंचाहार, रायबरेली। किसी भी विद्युत ग्रह के सामान्य प्रचालन में मशीन की संरक्षा और मानव शक्ति की सुरक्षा सर्वाेपरि है। इसके लिए विद्युत ग्रह का सुरक्षा विभाग तथा अन्य संबंधित एजेंसियां निरंतर सक्रिय रहती हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने में एनडीआरएफ का कार्य और उसकी भूमिका समय-समय पर सुरक्षा के इस अभियान को और संबल प्रदान करती है। उक्त विचार एनटीपीसी ऊंचाहार के मुख्य महाप्रबंधक कमलेश सोनी ने परियोजना में आयोजित एक विशेष बैठक में व्यक्त किए।
उप-जिलाधिकारी ऊंचाहार राजेश कुमार की उपस्थिति में तथा एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट नीरज कुमार के मार्गदर्शन में एनडीआरएफ द्वारा परियोजना में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। सबसे पहले जिला प्रशासन तथा एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष एनडीआरएफ की टीम ने आपात स्थिति में कैसे कार्य किया जाए, सभी संबंधित एजेंसियों तथा विभागों की क्या भूमिका हो – इस पर प्रस्तुतीकरण तथा परस्पर विचार-विमर्श किया गया। इसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने परियोजना के संयंत्र क्षेत्र में स्थित छठवीं इकाई के क्लोरिनेशन प्लांट में क्लोरीन लीकेज का परिदृश्य दिखाकर उससे कैसे बचाव किया जाए, इसका मॉक ड्रिल प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ये था कि औद्योगिक क्षेत्र में आपात स्थिति के उत्पन्न होने पर किस तरह जल्द-से-जल्द स्वयं का व उपस्थित जनों का बचाव किया जा सके।मानव संसाधन विभाग की प्रमुख वंदना चतुर्वेदी ने जिला प्रशासन, एनडीआरएफ तथा सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों का धन्यवाद करते हुए मॉक ड्रिल के माध्यम से जागरूकता लाने के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) अरिंदम बनर्जी, महाप्रबंधक (अनुरक्षण) एस के झा, महाप्रबंधक (प्रोजेक्ट) स्वप्न कुमार मंडल, महाप्रबंधक (ईंधन प्रबंधन) के डी यादव, महाप्रबंधक (प्रचालन) राजेश कुमार, महाप्रबंधक (सुरक्षा अकादमी) ए के डैंग, अन्य विभागाध्यक्ष, उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन) अजय सिंह, डिप्टी कमांडेंट सीआईएसएफ सीएम यादव, असिस्टेंट कमांडेंट रुपेन्द्र सिंह सिरोही समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।