< तालाबों पर अतिक्रमण अब भी पहले जैसा, कब्जा मुक्त और स्वच्छ नहीं हो सके तालाब
ऊंचाहार/रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। प्रदेश सरकार के मुखिया के आदेश के बावजूद तालाबों पर अतिक्रमण अब भी बना हुआ। लेखपाल सेक्रेटरी या फिर यूं कहें कि पूरा का पूरा तहसील प्रशासन अवैध कब्जे दारों से तालाब को मुक्त कराने में लापरवाही बरत रहा है। सूत्रों की मानें तो ग्राम प्रधान और सचिव से मिल रहे प्रसाद को चखकर लेखपाल सेक्रेटरी भी अपने कार्य का निर्वहन ठीक तरीके से नहीं कर रहे हैं। जबकि ऊंचाहार ब्लॉक के अंतर्गत कई तालाब और भी हैं जो कि अतिक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इसमें कई ग्राम सभा के कब्जा युक्त तालाब भी शामिल है। दूसरी तरफ इन तालाब की जानकारी तो तहसीलदार, हल्का लेखपाल और सेक्रेटरी के पास भी है। फिर भी इन तालाबों पर से अतिक्रमण और कब्जा मुक्त कराने के लिए तहसील प्रशासन के यह विभागीय अधिकारी नाकाम साबित हो रहे हैं। सरकारी और विभागीय आदेश सिर्फ कागजों पर दिखाई दे रहा है हकीकत में कुछ भी नहीं।
बीते लगभग 1 हफ्ते पहले तहसील प्रशासन के एक हल्का लेखपाल अभिषेक पाल से उनके हलके में आने वाले सभी राजस्व में दर्ज तालाबों की सूची मांगी गई थी लेकिन उन्होंने यह कहते हुए टाल दिया कि अभी सूची तैयार नहीं है सूची तैयार होते ही आपको उपलब्ध कराई जाएगी। वह सूची शेयर तो नहीं की गई लेकिन उनके हल्के में एक भी तालाब पर स्वच्छता का कार्य भी अभी तक जारी नहीं हुआ और अतिक्रमण आज भी बना हुआ है। यही हाल ऊंचाहार तहसील के उच्च अधिकारियों का भी है।
तहसील प्रशासन द्वारा दर्ज तालाबों की सूची यदि मिल जाती है तो इससे अतिक्रमण का पता जल्द चल जाएगा और तहसील प्रशासन भी नींद से जागेगा। लेकिन यह कुंभकरणी नींद विभागों की ना टूटे इसलिए तहसील ऊंचाहार का प्रशासन दर्ज तालाबों की सूची देने में कतरा रहा है। गौरतलब है कि ऊंचाहार ब्लॉक के तालाब, जलाशयों आदि के कुछ हिस्सों में लोगों द्वारा अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया गया है। इससे जहां यह विलुत्प हो रहे हैं, वहीं बरसात के दिनों में पानी का निकास नहीं होने पर बाढ़ जैसे हालात भी हो जाते हैं।