इलाहाबाद, जन सामना ब्यूरो। जन शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण और निस्तारण में शिकायतकर्ता की संतुष्टि आख्या दस्तावेज के रूप में संरक्षित करने के लिये इलाहाबाद के मण्डलायुक्त ने एक बार फिर मण्डल के प्रशासनिक तंत्र को सचेत किया है। 16 जून शुक्रवार को अपने कार्यालय के सभागार में मण्डलीय समीक्षा बैठक में उन्होंने जन शिकायतों और जन सुविधाओं को ही केन्द्र में रखा। कमिश्नर डॉ आशीष कुमार गोयल शुक्रवार को गांधी सभागार में इलाहाबाद, प्रतापगढ़, कौशाम्बी तथा फतेहपुर के जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों एवं अन्य सम्बन्धित मण्डलीय अधिकारियों के साथ सरकार द्वारा चिन्हांकित विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों की मण्डलीय समीक्षा बैठक की। बैठक के प्रारम्भ में ही कमिश्नर ने कहा कि जनता को दी जाने वाली राहत सम्बन्धी राशि समयबद्ध ढंग से वितरित की जाय। इलाहाबाद में बाढ़ राहत का बकाया देखकर उन्होंने असंतोष व्यक्त किया तथा अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को यह निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों केा राहत राशि का बकाया दे दिया जाय। इस कार्य में मण्डल के अन्य जनपदों से भी उन्होंने जानकारी ली तथा ऐसे ही निर्देश दिये। ओ0डी0एफ0 के कार्याें में प्रगति की समीक्षा करते हुये उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों और मुख्य विकास अधिकारियों को हिदायत दी कि वे ओ0डी0एफ0 के कार्याें को पूरा कर लेने के बाद भी क्षेत्रीय जनता को खुले में शौच से मुक्ति के लिये लगातार प्रेरित करते रहें तथा इसके प्रति उनकी जागरूकता बनाये रखें। उन्होंने सभी मुख्य विकास अधिकारियों को औचक निरीक्षण के निर्देश दिये कि वे सुबह के समय बस्तियों में स्वयं जा कर कार्य की प्रगति देखें तथा सुनिश्चित करायें कि निर्मित कराये गये शौचालय निरन्तर क्रियाशील रहें और प्रयोग में आते रहें। उन्होंने गोष्ठियों, पुरस्कारों तथा विभिन्न आयेाजनों के माध्यम से ओ0डी0एफ0 पूर्ण हो चुके क्षेत्रों में इसके प्रति जागरूकता बनाये रखने के निर्देश अधिकारियों को दिये ताकि जन सामान्य में इसके प्रति जागरूकता बनी रहे तथा लोग स्वच्छ जीवनशैली के आदी हो सकें। उन्होंने समीक्षा बैठक में सबसे पहले राजस्व कार्याेे की समीक्षा की तथा पट्टी तहसील के एसडीएम और तहसीलदार को उनकी अनियमिताओं के लिये सोमवार को अपने कार्यालय में तलब किया। उन्होंने जन शिकायतों के वास्तविक समाधान पर फिर से जोर देते हुए यह कहा कि तहसील और थाना समाधान दिवस को व्यापक रूप से प्रभावी बनाया जाये तथा समस्याओं के निस्तारण की सूचना न केवल शिकायतकर्ता को तत्काल उपलब्ध करायी जाय, बल्कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि आख्या को सम्बन्धित अभिलेख में दर्ज करते हुये प्रकरण का निस्तारण सुनिश्चित किया जाय। उन्होने जिलाधिकारियों को यह हिदायत दी कि इसका अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित कराया जाय तथा धारा 41 में लम्बित मुकदमों को कार्ययोजना बनाकर सुनियोजितढंग से निस्तारित किया जाय तथा समस्त लम्बित प्रकरणों की 30 जून तक प्राथमिक आख्या दाखिल कराना सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और उप जिलाधिकारियों को यह निर्देशित किया कि सभी कानूनगो को ऐसे मामलों में लक्ष्य निर्धारित कर पैमाइश की कार्रवाई करायें तथा मासिक लक्ष्य निर्धारित करते हुए जून से अगस्त तक की कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। उन्होंने धारा 34 के मामलों में यह कड़े निर्देश दिये कि राजस्व विभाग के मामले को केवल अपत्ति प्राप्त होने की प्रत्याशा में लम्बित न रखा जाय तथा नियमानुसार निर्धारित समय के अन्तर्गत उसे निर्विवाद घोषित कर मिसिलबन्द रजिस्टर में कार्रवाई सुनिश्चित करते हुये दाखिल-खारिज की कार्यवाही की जाय। उन्होंने अमलदरामद के मामलों में यह निर्देश दिया कि अमलदरामद का परवाना चार प्रतियों में निकाला जाय जिसकी एक प्रति न्यायालय की फाईल में लगे तथा शेष प्रतियां क्रमशः गार्ड फाईल तथा लेखपाल को दिये जाते हुये चौथी प्रति खातौनी में दर्ज कर उसी प्रति के साथ कोर्ट में प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य बनाया जाय। जिससे अमल दरामद के मामलों में जनता को संशय की स्थिति से निकाल कर न्यायालय के चक्करों से मुक्त किया जा सके। उन्होनें पुनः यह दोहराया कि किसी भी प्रकार के शिकायतों के समाधान में शिकायतकर्ता का मोबाईल नम्बर भी पत्रावली में जरूर दर्ज किया जाय। मण्डलायुक्त ने इस क्षेत्र में अधिकारियों को मन बनाकर कार्य करने का निर्देश दिया तथा यह कहा कि राजस्व के मामलों का समुचित समाधान सुनिश्चित करने से ही सरकार की वास्तविक छवि निखरेगी। उन्होंने यह कड़ी चेतावनी दी है कि आगामी तहसील निरीक्षणों में यदि इन निर्देशों के प्रति हीलाहवाली पायी जाती है तो सम्बन्धित उपजिलाधिकारी और तहसीलदार को सीधे उत्तरदायी माना जायेगा तथा इनके द्वारा उन्हें चार्जशीट दी जायेगी। इस प्रकार आईजीआरएस के मामलों में हर स्तर के अधिकारियों को शिकायती पत्रों पर अपना स्पष्ट मंतव्य लिखते हुए अग्रसारित करने के निर्देश दिये तथा इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई कि बहुत से अधिकारी केवल अग्रसारित करते हुए शिकायती पत्रों को टाल देते हैं। उन्होंने शिकायतों के निस्तारण में अधिकारियों को गम्भीरता से कार्य करने तथा सभी पत्र पढ़कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। कमिश्नर ने कहा कि मण्डल के सभी जिलाधिकारी टीम बनाकर गड्ढामुक्त सड़कों का सत्यापन करायें तथा उसकी तकनीकी टीम से उसकी गुणवत्ता का परीक्षण करायें। उन्होंने अपर निदेशक बेसिक शिक्षा से सर प्लस शिक्षकों का समायोजन 30 जून तक करने का निर्देश दिया। उन्होंने शिक्षकों के समायोजन में पारदर्शिता बरतने का निर्देश दिया तथा कहा कि दुरस्त से दुरस्त स्थापित विद्यालयों में अध्यपकों की पर्याप्त संख्या में तैनाती की जाय। लोक निर्माण, मण्डी, सिंचाई तथा अन्य कार्यदायी संस्थाओं ने बताया कि गड्ढामुक्ति का कार्य तेजी से चल रहा है शीघ्र ही कार्य सम्पन्न हो जायेगा। आयुक्त ने कहा कि गड्ढामुक्त हुयी सड़कों की बरसात के पूर्व, बरसात में, बरसात के बाद तथा दिसम्बर में भी जांच की जायेगी। कमिश्नर ने कहा कि प्रत्येक सड़कों को गुणवत्ता पूर्वक बनाया जाय तथा सड़के निर्माण के मानकों का अक्षरशः पालन किया जाय। कमिश्नर ने प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों का नामांकन आधारकार्ड से जोड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जिन छात्रों का आधार कार्ड नहीं बना है उनका आधार कार्ड 31 जुलाई तक बनवा दिया जाय। कमिश्नर ने मण्डल के प्रत्येक जिलाधिकारी को जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम बनाकर हर माह कम से कम 5 बार प्राथमिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण तथा एक बार प्रधानाचार्य के संज्ञान में लाकर निरीक्षण करने का निर्देश दिया। उन्होंने मण्डल के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को किसी भी शिक्षक को निलम्बित नहीं करने का निर्देश दिया। कमिश्नर ने कहा कि जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी के अनुमोदन के उपरान्त ही बेसिक शिक्षा के अध्यापकों को निलम्बित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पेपरलेस आकस्मिक अवकाश ही अब स्वीकार किये जायें। आकस्मिक अवकाश के लिए इलेक्ट्रानिक व्यवस्था हो। कमिश्नर ने एसएमएस के माध्यम से अथवा वाट्सप का ऑफिसियल ग्रुप बनकार आकस्मिक अवकाश स्वीकार करने का निर्देश दिया। आयुक्त ने मण्डल में बेसिक शिक्षा के सभी अध्यापकों को 01 जुलाई को स्कूल में उपस्थित होने का कड़ाई से निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जो अध्यापक अनुपस्थित हो उसको 10/2 में नोटिस दिया जाय। नये सत्र से सभी अध्यापकों को परिचय पत्र देने हेतु आयुक्त ने एडी बेसिक को निर्देशित किया। आयुक्त ने कहा कि अच्छे शिक्षकों को मण्डल स्तर पर सम्मानित तथा प्रोत्साहित भी किया जाय। कमिश्नर ने स्वास्थ विभाग की समीक्षा के दौरान चिकित्सकों को जबरदस्ती आकस्मिक अवकाश देने के प्रकरण पर अपर निदेशक चिकित्सा को इसकी जांच कराने तथा मण्डल के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को इसके लिए कड़ी चेतावनी दिया। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह का प्रकरण आये तो सम्बन्धित मुख्य चिकित्साधिकारी पर तुरंत कार्रवाई की जाय। कमिश्नर ने कहा कि प्रत्येक दिन प्रातः 9 बजे तक सीएचसी, पीएचसी तथा एडिशनल पीएचसी के चिकित्सकों की उपस्थित का ब्योरा उन्हें भेजा जाय। उन्होंने कहा कि जिन सीएचसी तथा पीएचसी स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की कमी हो वहां रोस्टर से चिकित्सकों की तैनाती की जाय। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर इसके लिए जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी से मदद ली जाय। कमिश्नर ने प्रत्येक मुख्य चिकित्साधिकारी को अस्पतालों के औचक निरीक्षण का निर्देश दिया। स्थानान्तरित हुए चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा तैनाती स्थल पर ज्वाइन न करने की शिकायत पर मण्डलायुक्त ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए इस कृत्य को सेवा में व्यवधान मानते हुए ट्रेजरी से वेतन रोकते हुए इस कृत्य को सर्विस बुक में अंकित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस सर्विस बुक पर जिलाधिकारी के हस्ताक्षर भी करा दिये जायें। आयुक्त ने बाल स्वास्थ कार्यक्रम को बेहतर ढंग से संचालित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत पंजीकृत बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाय तथा नजर से कमजोर बच्चों को तत्काल चश्मा दिया जाय और अन्य सावधानियों को बरतने के लिए उनके अभिभावकों को जानकारी दिया जाय। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारियों से संविदा पर कार्यरत चिकित्सकों के उपस्थिति का विवरण भी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। आयुक्त ने 102 नम्बर की संचालित एम्बुलेंस पर मरीजों की मदद तथा 108 नम्बर की संचालित एम्बुलेंस पर गर्भवती महिलाओं के हित में दिशा-निर्देश के बैनर का शुभारम्भ किये। यह बैनर उक्त दोनों नम्बरों की एम्बुलेंस में लगाया जायेगा। इस बेहतर प्रयास के लिए आयुक्त ने मुख्य विकास अधिकारी इलाहाबाद सैमुअल पाल एन तथा मुख्य विकास अधिकारी प्रतापगढ़ की सराहना किया। आयुक्त ने तहसील दिवस के उपरान्त अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। उन्होंने मण्डल के सभी जनपदों के नगरीय क्षेत्रों में बरसात के पूर्व नाला सफाई का निर्देश दिया। कमिश्नर गेहूं भण्डारण के उपरान्त गेहूं को बरसात से बचाने का उचित बंदोबस्त करने हेतु आरएफसी राम सहाय यादव को निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गेहूं के भीगने की सूचना मिलने पर सम्बन्धित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। आयुक्त ने कहा कि मण्डल के प्रत्येक जिला स्तरीय अधिकारी बिना जिलाधिकारी से आवकाश स्वीकार कराये जनपद के बाहर नहीं जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई अधिकारी इस निर्देश का पालन न करे तो उसका वेतन रोकते हुए जिलाधिकारी स्थानीय स्तर पर ही कार्रवाई करें। उन्होंने ऊर्जा विभाग को क्रियाशील ट्यूबेल तथा खराब ट्यूबेल की सूची बनाने को कहा। उन्होंने ओडीएफ पर गंभीरता से कार्य करने हेतु मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देशित किया। आयुक्त ने कहा कि गंगा के किनारे जिन गांवों में शौचालय नहीं बना है वहां तत्काल बनवाकर उसे खुले में शौच मुक्त घोषित करें। कमिश्नर ने इस कार्य को मुख्य विकास अधिकारियों को अपनी निगरानी में कराने तथा जहां बन गया है उसकी क्रियाशीलता के निरीक्षण का निर्देश दिया। उन्होंने मनरेगा के श्रमिकों के पारिश्रमिकों के भुगतान के निर्देश के साथ ही जिन गांवों में मनरेगा के तहत कार्य नहीं कराये गये हैं वहां कार्य कराने तथा आंगनबाड़ी के कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने आधार फीडिंग के कार्यों को तेजी से सम्पन्न करने तथा आईजीआरएस की मॉनिटरिंग कर शिकायतों के निस्तारण करने हेतु सभी अधिकारियों को निर्देश दिया।