सिकंदराराऊ।भीषण गर्मी के चलते नगर में लगातार कई दिन से हो रही बिजली कटौती ने लोगों का सुख चैन छीन लिया है। रात के अलावा दिन में भी बिजली न आने से घरों पर लगे इनवर्टर आदि संसाधन फेल हो गए हैं। इसके कारण सभी लोग बिजली संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।एक तरफ गर्मी का ग्राफ दिनोंदिन बढ़ रहा है, उसी तरह अघोषित बिजली कटौती का ग्राफ भी तेजी से बढ़ा है। भीषण गर्मी में बिजली की कटौती बढ़ने से लोग परेशान हो उठे हैं। दिन से लेकर रात में जब-तब हो रही कटौती पर विभाग के जिम्मेदार हाथ खड़े कर दे रहे हैं। पावर कारपोरेशन की ओर से तहसील मुख्यालय पर 22 घंटे बिजली सप्लाई का प्रावधान है। ग्रामीण अंचलों में 18 से 20 घंटे बिजली देने की बात है। लेकिन इन दिनों यह रोस्टर काम नहीं कर रहा है। गर्मी में बढ़े लोड से सप्लाई का शेड्यूल गड़बड़ा गया है।
कई-कई बार लगातार घंटों बिजली गायब हो रही है। कभी ट्रीपिंग के नाम पर तो कभी फॉल्ट के नाम पर हो रही कटौती से लोग परेशान हो रहे हैं। फीडरों में अक्सर खराबी के चलते नगर की बिजली सप्लाई बाधित रहती है। बिजली न आने पर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नगर में बिजली जाने से लोग गर्मी से उबल रहे हैं। बिजली को लेकर विभागीय अधिकारियों को फोन लगाते हैं। मगर जिम्मेदार खुद ही कुछ कर पाने को लेकर हाथ खड़े कर रहे हैं ।जैसे-जैसे गर्मी का तापमान बढ़ता जा रहा है। वैसे-वैसे बिजली की भी आंख मिचौनी बढ़ती जा रही है। अघोषित रूप से होने वाली बिजली कटौती से इस भीषण गर्मी में लोगों का हाल बेहाल है। सिर्फ बिजली समस्या व समाधान के नाम पर एक व्हाट्स ग्रुप नगर में संचालित हो रहा है। इस ग्रुप को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिजली कटौती के चलते लोग कितने परेशान हैं। इस ग्रुप पर लगातार लोग मैसेज कर लाइट कब तक आएगी, पूछते रहते हैं। भीषण गर्मी में बच्चों बुजुर्ग एवं महिलाएं का बुराहाल बना हुआ है । लोग बिजली न आने के साथ रात भर भीषण गर्मी एवं मच्छरों के आतंक से व्याकुल हैं।
लोगों का कहना है कि रोस्टर के हिसाब से भी सिकंदराराऊ में बिजली नहीं दी जा रही है। भीषण गर्मी के मौसम में महज कुछ घंटे ही बिजली दी जा रही है। इससे कूलर व पंखे शोपीस बनकर रह गए हैं। वहीं मच्छरों का कहर कम न होने से लोगों का सुख चैन छिन गया है। मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा बिजली घर पर पहुंचकर विद्युत एसडीओ से अघोषित कटौती को लेकर नाराजगी व्यक्त की गई, लेकिन इसके बावजूद विद्युत आपूर्ति में कोई सुधार नहीं हुआ है ।