रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता।बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर मानवता को शर्मसार करने वाला एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में एक घायल महिला जिसके खुद के सर पर पट्टी बंधी हुई है और शरीर पर काफी चोटें आई है। घायल महिला के साथ उसका लगभग 3 साल का एक बच्चा है, साथ में उसका पति जो कि अस्पताल परिसर के मुख्य गेट पर फ़र्स पर लेटा हुआ है। मरीज इलाज के लिए तड़प रहा है और चारों तरफ से कुछ भीड़ सी इकट्ठा है। वायरल वीडियो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सलोन का बताया जा रहा है। वीडियो में घायल पुरुष दर्द से कराह व तड़प रहा है और उसकी पत्नी ईलाज के लिए डॉक्टरों से गुहार लगा रही है लेकिन भगवान का दूसरा रूप कहे जाने वाले डॉक्टर लाचार महिला की एक भी न सुनी।वायरल वीडियो से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जानकारी के मुताबिक वायरल वीडियो में दिख रहे दंपति सड़क दुर्घटना में घायल हुए थे। घायल दंपति राकेश वर्मा पत्नी रेखा देवी निवासी अमेठी की बताई जा रही है। घायलों को इलाज के लिए एंबुलेंस की सहायता से सीएचसी सलोन लाया गया था। जानकारी के मुताबिक डॉक्टरों ने घायल व्यक्ति का इलाज करने से यह कहकर मना कर दिया कि घायल नशे की हालत में है इसको कोई चोट नही लगी है मै इसका इलाज नही करूँगा। जिसके बाद घायल व्यक्ति वही अस्पताल के बाहर फर्श पर पड़ा तड़पता रहा।
क्या कहते है प्रभारी चिकित्साधिकारी रूपेश जायसवाल
सलोन सीएचसी के डॉक्टर रूपेश जायसवाल का कहना है की सड़क दुर्घटना में बाइक सवारों के घायल होने की सूचना मिली थी जिन्हें इलाज के लिए सीएचसी लाया गया था। दुर्घटना में घायल महिला का इलाज किया गया है। बाइक सवार युवक नशे की हालत में था जिसको बाहर लगी बेंच पर बैठने को कहा गया था परंतु वह अस्पताल की फर्श पर लेट गया। जिसका किसी ने वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल किया है। सीएचसी में इलाज न करने की कोई बात किसी भी डॉक्टर ने नही की है।
निरीक्षण के दौरान विधायक ने लगाई थी फटकार
एक सफ्ताह पूर्व सीएचसी सलोन में आकस्मिक निरीक्षण करने पहुँचे भाजपा से क्षेत्रीय विधायक अशोक कोरी ने अस्पताल परिसर में अव्यवस्थाओं व डॉक्टरों की लचर कार्यशैली से नाराज होकर जमकर फटकार लगाई थी। विधायक अशोक कोरी ने सख्त हिदायत देते हुए डॉक्टरों को कहा था कि सीएचसी में इलाज करवाने आये मरीजों के प्रति लापरवाही बर्दास्त नही की जायेगी। शासन का उद्देश्य है कि प्रदेश की गरीब जनता को मुफ्त व बेहतर इलाज मिले इसके लिए अस्पताल में आने वाले मरीजों के प्रति कोई भी शिकायत व लापरवाही सामने नही आनी चाहिए। वर्ना दोषी पाए जाने वाले कर्मचारी के प्रति सख्त कार्यवाही की जायेगी।
स्थानांतरण के बावजूद टिके हैं सीएचसी अधीक्षक
बताते चलें कि हमेशा से सुर्खियों में रहने वाला सीएचसी सलोन मरीजों के इलाज के प्रति कभी संवेदनशील नहीं रहा है। लोगों की मानें तो ऐसा कई बार हो चुका है कि मरीज गेट पर तड़प रहे होते हैं और सीएचसी के डॉक्टर्स अपने कमरे में हवा खा रहे होते हैं। इन्ही कार्यशैली की वजह से कोरोना काल पहले बीते वर्ष के दिसंबर माह में सलोन सीएचसी के डॉक्टर अमित सचान का सीएमओ के द्वारा स्थानांतरण कर दिया गया था लेकिन अपनी ऊंची पहुंच और अच्छी सेटिंग की वजह से अभी तक सीएचसी सलोन का ही कार्यभार संभाले हुए हैं और अब फिर ऐसे मामले उभर कर सामने आ रहे हैं। सूत्रों की माने तो डॉक्टर के ऊपर सीएमओ के द्वारा यह केवल कागजी कार्रवाई थी बाकी डॉक्टर के ऊपर सीएमओ की पूरी मेहरबानी है।