मुरसान। विकास खंड सभागार में सहकारिता द्वारा किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में ब्लॉक प्रमुख रामेश्वर उपाध्याय मौजूद थे। संतोष सिंह यादव सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक कोऑपरेटिव, अवनीश द्विवेदी शाखा प्रबंधक, सुनहरी लाल गौतम एडीओ कृषि, श्रीकृष्ण प्रधान, मुकेश कुमार एडीओ सहकारिता, आई पी मलिक मुख्य प्रबंधक इफको द्वारा विचार व्यक्त किए गए तथा गोष्ठी में नैनो तकनीक पर आधारित यूरिया की विस्तृत जानकारी दी गई।
अब 45 किलो यूरिया की बोरी के स्थान पर आधा लीटर नैनो यूरिया काम करेगा। यह दुनिया का पहला नैनो उर्वरक है जिसे भारत सरकार के उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 द्वारा अधिसूचित किया गया है। नैनो नाइट्रोजन कण का आकार 20-50 नैनो मी. तक होता है। नैनो यूरिया की उपयोग दक्षता 80 प्रतिशत से भी अधिक होती है जिसके कारण पौधों को उपलब्ध होने वाली नाइट्रोजन की मात्रा में वृद्धि करता है। जब पौधों की पत्तियों पर छिड़काव किया जाता है, तो यह रंध्रों और अन्य छिद्रों के माध्यम से प्रवेश करता है और पौधे की कोशिकाओं द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। पौधे में जहां कहीं भी इसकी आवश्यकता होती है फ्लोएम परिवहन के माध्यम से वितरित हो जाता है। उपयोग के बाद बचे हुए नाइट्रोजन पौधे की रिक्तिका में संग्रहित हो जाते हैं और पौधे की उचित वृद्धि और विकास के लिए धीरे-धीरे उपयोग में आते हैं।