सिकंदराराऊ। अधिवक्ता देवेंद्र दीक्षित शूल ने कहा है कि खेत से मिट्टी उठाकर अपने ही मकान या जगह में डालने के लिए ऑनलाइन अनुमति की प्रक्रिया काफी जटिल होने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है । किसानों के हित में इस प्रक्रिया को सरल किया जाना चाहिए। शूल ने कहा कि अपने खेत से मिट्टी उठाकर अपने ही मकान या जगह में डालने के लिए परमीशन की प्रक्रिया ऑनलाइन की गई है।ऑनलाइन पहले तो यहां जन सेवा केंद्र वाले करते ही नहीं हैं,जानते ही नहीं हैं । करने का प्रयास भी किया तो इतनी कठिन प्रक्रिया है कि फार्म पूर्ण ही नहीं हो सकता।बिना पढ़ा लिखा या कम पढ़ा लिखा किसान दस ट्राली मिट्टी उठाने की परमिशन लेना चाहता है तो उसे कितने घन मीटर मिट्टी उठाई जाएगी आदि बातें बतानी पड़ेंगी। इसके बारे में सही तरीके से न जन सेवा केंद्र वाला जानता है और ना ही वह किसान जानता है । ऐसी स्थिति में भारी परेशानी आ रही है ।कुल मिलाकर परमिशन मिली ही नहीं पाती है।
वरिष्ठ अधिवक्ता व समाजसेवी देवेन्द्र दीक्षित शूल ने शासन प्रशासन से मांग की है कि इस प्रक्रिया को सरल किया जाए । जहाँ एक किसान अपने खेत से अपने मकान में दस पांच ट्राली मिट्टी डालने जैसे मामलों में उसे उलझाया न जाए और प्रार्थना पत्र पर ही उसे परमिशन दे दी जाए। व्यावसायिक मामलों में चाहे इस प्रक्रिया को कठिन स्थिति में ही रखा जाए। किंतु किसानों के अपनी निजी प्रयोग में प्रक्रिया सरलतम होनी चाहिए।