रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। जनपद न्यायालय रायबरेली के प्रथम जिला जज न्यायमूर्ति सैय्यद महमूद के जन्मदिन के अवसर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम व विधिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जनपद न्यायाधीश अब्दुल शाहिद व जनपद से सभी न्यायिक अधिकारियों द्वारा न्यायमूर्ति सैय्यद महमूद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर व दीप प्रज्जवलित कर श्रद्धांजलि दी गयी। न्यायमूर्ति सैय्यद महमूद की जयंती पर न्यायमूर्ति सैय्यद महमूद के विधि के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान पर एक विधिक संगोष्ठी का आयोजन जनपद न्यायाधीश की अध्यक्षता में किया गया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनपद न्यायाधीश द्वारा बताया गया कि न्यायमूर्ति सैय्यद महमूद विलक्षण प्रतिभा के व्यक्ति थे। मात्र 22 साल की उम्र में ही सैय्यद महमूद वर्ष 1872 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में बैरिस्टर के रूप में वकालत शुरू करने वाले पहले भारतीय थे। न्यायमूर्ति सैय्यद महमूद रायबरेली जनपद के प्रथम जनपद न्यायाधीश थे। इसके पश्चात मात्र 32 वर्ष की उम्र में ही न्यायमूर्ति सैय्यद महमूद इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रथम भारतीय न्यायाधीश बने। वर्ष 1987 में सैय्यद महमूद इलाहाबाद उच्च न्यायालय के स्थायी जज बने। सैय्यद महमूद का जन्म 24 मई 1850 को दिल्ली में हुआ था। सैय्यद महमूद द्वारा दिये गये निर्णय आज भी विधि के क्षेत्र में नजीर है। सैय्यद महमूद द्वारा डिप्टी कमिश्नर रायबरेली बनाम राजाराम, जानकी बनाम नंदराम, मातादीन बनाम काजिम हुसैन व अब्दुल कादिर बनाम सलीमा तथा अन्य कई ऐतिहासिक निर्णय दिये गये।
न्यायमूर्ति महमूद द्वारा विधवा हिन्दू महिलाओं के भरण-पोषण के अधिकार, मुस्लिम विवाह की प्रकृति, बन्धक, मोचन का अधिकार, बंदियों के अधिकार आदि अनेक विषयों पर महत्वपूर्ण निर्णय पारित किये गये। न्यायमूर्ति महमूद ब्रिटिश काल में भी न्यायिक सक्रियता के लिए जाने जाते थे। इस कार्यक्रम में अपर जिला जज हीरालाल, अपर सिविल जज अणिमा मिश्रा, माला कुमारी, शिवांगी त्रिपाठी, शाहनवाज अहमद सिद्दीकी, पंकज कुशवाहा द्वारा भी न्यायमूर्ति सैय्यद महमूद के द्वारा दिये गये निर्णयों व विधि व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में बताया गया तथा इस सम्बन्ध में विस्तृत परिचर्चा हुई। कार्यक्रम में जनपद के सभी न्यायिक अधिकारी व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुमित कुमार उपस्थित रहे।
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