रायबरेली, पवन कुमार गुप्ता। मारपीट के मामले में कोतवाल द्वारा सजातीय आरोपितों पर कार्रवाई न करने से अक्रोशित ग्रामीणों ने एसपी ऑफिस में आज फिर प्रदर्शन किया है और कोतवाल को तत्काल हटाए जाने की मांग की है। मामला ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र के गांव अप्टा का है। गांव में दो दिन पहले हुई गंभीर मारपीट के मामले में ऊंचाहार कोतवाल पर ग्रामीणों ने पक्षपात का आरोप लगाया है। मंगलवार को एसपी ऑफिस पहुंचे ग्रामीणों का आरोप है कि कोतवाल अपने सजातीय आरोपितों पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। तीन दिन पूर्व गांव में हुई मारपीट में गांव के अशोक कुमार , राजकुमारी , सुरेंद्र कुमार , मंजू देवी घायल हुई थी । जबकि दूसरे पक्ष से रमन सिंह , राजेंद्र सिंह और शनि घायल हुए थे। मामले में पुलिस ने दोनो पक्षों की ओर से एक दूसरे के विरुद्ध मारपीट का मामला दर्ज किया था। प्रथम पक्ष अनुसूचित जाति से है इसलिए दूसरे पक्ष पर अनुसूचित जाति उत्पीड़न का मामला भी दर्ज हुआ था।
एसएसपी के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए ग्रामीण
बीती २५ मई को भी ग्रामीणों ने ऊंचाहार कोतवाल के विरूद्ध उनके तानाशाही रवैए को लेकर एसपी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया था लेकिन उस दिन भी एसएसपी ने ही मामले को संज्ञान में लिया और सीओ को जांच के लिए निर्देशित किया था।अब गौरतलब यह ऊंचाहार कोतवाल के विरूद्ध जब आज फिर ग्रामीण एसपी ऑफिस धरना देने पहुंचे तो ग्रामीणों का उग्र रूप देख उनके पास आज फिर अपर पुलिस अधीक्षक विश्वजीत श्रीवास्तव ही पहुंचे जिनसे ग्रामीणों की नोक झोंक भी हुई है। एएसपी ने ग्रामीणों को कार्रवाई का आश्वासन दिया है किंतु ग्रामीण उनके आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए हैं।
➡️अब बड़ा सवाल यह है कि कोतवाल विरुद्ध ग्रामीणों के इस उग्र प्रदर्शन को देखकर क्या नवांगतुक एसपी को स्वयं संज्ञान नहीं लेना चाहिए था.?
यह है आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि वह अनुसूचित जाति से है। आरोपित कोतवाल के सजातीय है, जिन्हे कोतवाल का समर्थन प्राप्त है। इसलिए आरोपित गांव में आतंक मचा रखे हैं। दलितों को रोज धमकाया व प्रताड़ित किया जा रहा है। कोतवाल आरोपितों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है। इसलिए वह एसपी ऑफिस में अधिकारियों के पास आए है। प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथ में तख्ती लिए हुए थे। जिनमें ऊंचाहार कोतवाल तानाशाह करार दिया जा रहा था।