हाथरस। जीएसटी काउंसिल की 47 वीं बैठक में अनब्रांडेड, प्रीपैक्स, प्रीलेविल अनाज, अरहर दाल, गेहूं, चना, मुरमुरे, ऑर्गेनिक गुड़ व आटा जैसी आवश्यक उपयोग में आने वाली आवश्यक वस्तुओं पर 5 प्रतिशत कर, मंडी समिति में खड़े अनाजों पर फूड लाइसेंस के अनिवार्यता को वापस लिए जाने एवं वेयर हाउस में रखे जाने वाले कृषि उत्पाद एवं 1 हजार रूपये तक के होटल के कमरों पर प्रस्तावित 12 प्रतिशत जीएसटी व अस्पतालों में 5 हजार से अधिक के बेड पर लगाए गए 5 प्रतिशत अतिरिक्त कर को वापस लिए जाने के लिए आज उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल द्वारा प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्ट्रेट प्रभारी को सौंपा गया है।उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल द्वारा प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि देश में एक जुलाई 2017 से एक देश एक टैक्स के नाम पर जीएसटी को लाया गया था, जिसमें अभी तक जीएसटी काउंसिल की 47 बैठकों में 12 सौ से अधिक संशोधन किए जा चुके हैं, जिससे सरलता आने की बजाय दिन प्रतिदिन कठिनाइयां बढ़ती जा रही हैं और व्यापारियों एवं कर अधिवक्ताओं को अत्यंत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तथा ब्रांडेड जो खाद्य वस्तुएं हैं उनको भी जीएसटी की शून्य की श्रेणी में लाया जाना चाहिए। व्यापार मंडल ने कभी राष्ट्रीय स्तर की कंपनियों के ब्रांड की वकालत नहीं की। परंतु जब छोटे छोटे व्यापारी, उद्योग अपने गांव कस्बे में अपनी वस्तुओं पर ब्रांड लगाकर विक्रय करते हैं उनको जीएसटी की शून्य श्रेणी में लाने के लिए मांग करते हैं।व्यापार मंडल ने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री ने स्वयं कहा था कि आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा। जीएसटी काउंसिल ने एफएसएसएआई एक्ट का हवाला देकर लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के अनुसार सभी खाद्य वस्तुएं पैकिंग होकर और प्रॉपर लेविल लगाकर ही बिकेंगी। चाहे वह मंडी में बिकने वाला गेहूं, धान, दलहन, तिलहन, मसाले एवं कोई भी सामान हो। व्यापार मंडल ने प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री से मांग की है कि जीएसटी काउंसिल की 47 वीं बैठक में सभी प्रकार के अनब्रांडेड, फैक्ट्री लेवल अनाज, अरहर दाल, गेहूं, चना, मुरमुरे, ऑर्गेनिक गुड़ व आटा जैसी अति आवश्यक उपयोग में आने वाली आवश्यक वस्तुओं पर लगाए जा रहे 5 प्रतिशत कर मंडी समिति में खड़े अनाज पर फूड लाइसेंस की अनिवार्यता को वापस लिया जाए और वेयरहाउस में रखे जाने वाले कृषि उत्पाद एवं 1 हजार रूपये तक के होटल के कमरों पर प्रस्तावित 12 प्रतिशत जीएसटी व अस्पतालों में 5 हजार से अधिक के बेड पर लगाए गए 5 प्रतिशत कर को वापस लिया जाए। इसके साथ ही गेहूं, आटा, दाल, चावल, दूध, दही, छाछ, गुड जैसी वस्तुओं पर भी जीएसटी नहीं लगने दें और 47 वीं जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में पैकेजिंग एवं लेविलिंग के नाम पर लगाए जाने वाले कर जीएसटी की अनुशंसा को निरस्त किया जाए।ज्ञापन देने वालों में शहर अध्यक्ष विष्णु गौतम, प्रदेश संगठन मंत्री कमलकांत दोबरावाल, युवा जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र वार्ष्णेय, नगर महामंत्री अनिल कुमार वार्ष्णेय तेल वाले, जिला महामंत्री संजीव आंधीवाल, आईटी मंच जिला अध्यक्ष तरुण पंकज, ऋषि शर्मा आदि शामिल थे।