Sunday, November 24, 2024
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स्वास्थ्य विभाग के विकास कार्यों की समीक्षा कर दिए निर्देश

कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। किसी भी दशा में सरकारी अस्पतालों में एम आर नहीं आने चाहिए सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित कर लें, कोई भी एम आर नजर आया तो संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारी को ही जिम्मेदार माना जायेगा। आईजीआरएस (जन शिकायत) शिकायतों के निस्तारण में मण्डल के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित करें, कोई भी शिकायत लम्बित न रहे। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के अंतर्गत मण्डल के समस्त जनपदों के जिला चिकित्सालय एवं चयनित सी एच सी पर स्थान चिन्हित कर औषधालय खुलवाने की प्रकिया जल्द करायी जाये। मण्डल के चिकित्सकों की डियूटी रोस्टर के हिसाब से लगाना सुनिश्चित करें। मंडल के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित कर ले कि डेंगू से पीड़ित के लिए आइसोलेशन वार्ड भर्ती हेतु सुरक्षित रहे और उनकी दवा की उपलब्धता भी रहे। फर्रुखाबाद के जिला चिकित्सालय के चिकित्सक द्वारा अपनी डियूटी न करके जिला अस्पताल के सामने ही वह प्राइवेट क्लीनिक चला रहे हैं, अतः मुख्य चिकित्सा अधिकारी तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित करें। उक्त निर्देश आज मण्डलायुक्त श्री पी के महान्ति ने अपने शिविर कार्यालय में आयोजित मंडलीय स्वास्थ्य एवं पोषण मिशन की समीक्षा बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि आने वालो मरीजों से अच्छा व्यवहार करें। शासकीय योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यकित को मिलना चाहिए। मण्डल के समस्त चिकित्सालयों में डाक्टर, स्टाफ व एशेंसियल दवा व जांच की उपलब्धता हो तथा साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया जाये। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के अंतर्गत कार्य एवं प्रचार प्रसार सुनिश्चित किया जाये। जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष में मण्डल में लगभग 32 हजार सरकारी चिकित्सालयों में शिशुओं का जन्म हुआ , इसी प्रकार संस्थागत प्रसवो में 57 हजार से अधिक प्रसव हुए और इससे संबंधित आशाओं का भुगतान भी किया गया और जिन आशाओं का भुगतान नहीं हो पाया है उनका भुगतान सरकारी प्रक्रिया में हैं।
मण्डलायुक्त ने समीक्षा में पाया कि अनटाइड फण्ड में औरैया एवं कानपुर देहात का व्यय मण्डल में सबसे कम हैं अतः संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्य योजना बना कर उनको शीघ्र व्यय करें। चिकित्सालयो में विशेष कर प्रसव कक्ष, वार्ड एवं शौचालयों में सफाई का विशेष ध्यान रखा जाये, इसके साथ ही सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके अस्पताल काय कल्प योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक सुधार अस्पतालों में हो तथा परिवार कल्याण पर वह लक्ष्य प्रति हेतु कार्य योजना प्रस्तुत करें। उन्होंने समीक्षा में पाया कि मण्डल के समस्त जनपदों में आयुष सेवा के अंतर्गत चिकित्सक शासन द्वारा निर्धारित मात्रा में उपलब्ध हैं। मण्डल के सभी जनपदों के अगनवाणी केन्द्रो पर ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवसों का योजन किया जाये तथा वहां पर बच्चों क टीकाकरण, वजन की जांच, स्वस्थ्य की जांच, गर्ववती एवं धतरी माताओं टीकाकरण किया जाना सुनिश्चत किया जाये। कुपोषित बच्चों की जांच हेतु आशाओं एवं एएनएम को पुनः प्रशिक्षण कराया जाये, इसके साथ ही बच्चों का ग्रोथ चार्ट भी भरा जाये।
मंडला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) सहित शासन की सभी विकास योजनाओं का निरीक्षण करें।
बैठक में संयुक्त विकास आयुक्त नरेंद्र सिंह, एडी हेल्थ ओ पी विश्वकर्मा, मण्डल के समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा समस्त जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा अन्य संबंधित चिकित्सक उपस्थित थे।