कानपुर, स्वप्निल तिवारी। कानपुर के बारादेवी में रहने वाले अंकित तिवारी जो कि देवी जागरण करके अपने जीवन की शुरुआत की थी। जिसमे बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नही मानी बस उनका एक ही लक्ष्य था की विकलांग, गरीब बच्चों और वृद्ध लोगों की मदद करें भगवान को शायद यही मंजूर था की गरीब बच्चों की मदद कर सकें तो ये धीरे-धीरे भगवत कथा में दिलचस्पी लेने लगे और समय के साथ भगवत कथा का अध्यन किया फिर भगवत कथा कहना शुरू कर दिया तभी से अंकित तिवारी अंकितानंद जी महाराज के नाम पहचाने जाने लगे छोटे बड़े शहरों में जाकर भगवत कथा की और आज देख सकते है। कि नारायण सेवा संस्थान के साथ जुड़ कर आस्था चैनल तक पहुँच गए बुजुर्गों ने सही कहा है सबर का फल मीठा होता है।