कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। मथुरा के ग्राम नगला चंद्र भवन में 25 सितंबर 1916 को पं0 दीनदयाल उपाध्याय का जन्म हुआ।यह शिक्षा के क्षेत्र में विलक्षण प्रतिभा के धनी थे, उन्होंने हमेशा समाज तथा राष्ट्र की सेवा की तथा दलितों एवं शोषितों के उद्धार का वीड़ा उठाये रखा। इसी नगर कानपुर से उन्होंने अपने सहपाठी बाबू महासके व सुन्दर सिंह भण्डारी के साथ मिलकर राष्ट्र एवं समाज सेवा के लिए कार्य प्रारम्भ किया। 1947 में भाऊराव देवरस की प्रेरणा से उन्होंने राष्ट्र धर्म प्रकाशन स्थापित किया। यह उदरगार स्थानीय कल्याणपुर क्षेत्र की विधायिका नीलमा कटियार के प्रतिनिधि हेमंत द्विवेदी ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय शताब्दी वर्ष मनाये जाने के क्रम में जन जन तक शासन की योजनाओं को पहुंचाने और उपध्याय जी के जीवन दर्शन से लोगों को सरोकार कराने के लिए कल्याणपुर ब्लाॅक में जिला सूचना कार्यालय कानपुर द्वारा तीन दिवसीय वृहद अन्त्योदय प्रदर्शनी / मेला के आयोजन अवसर में व्यक्त किये, उन्होंने दीनदयाल जी के दर्शन व कार्यो की प्रदर्शनी के बारे में लोगो को बताया।
इस अवसर खण्ड विकास अधिकारी अमित सिंह परिहार ने प्रदर्शनी का उदघाटन पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी के चित्र पर माल्यार्पण कर यहां लगी सूचना विभाग, कृषि विभाग, बाल विकास योजना, स्वच्छ भारत अभियान, खादी ग्रामोद्योग, बाल विकास परियोजना, राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण कार्य्रकम, सहकारिता, उद्यान, पशुपालन एवं जिला स्वास्थ्य समिति के कैंपो में जाकर निरीक्षण किया तथा स्वस्थ्य विभाग के कैंप का अवलोकन किया।
इस अवसर पर उपनिदेशक सूचना श्रीमती गजाल जैगम ने कहा कि पं0 दीन दयाल जी एक युग द्रष्टा थे, उन्होंने महिलाओं बच्चों को समान अधिकार के लिए हमेशा कार्य किया हैं। वह दूरदर्शिता के कारण ही पहचाने गये थे, सुदूर भविष्य में मानव के समक्ष कौन सी समस्याए आएंगी उनके लिए उन्होंने अचूक उपचार भी बताये थे। वह एक सच्चे कर्म योगी थे उनके कर्म में विश्वास था।
अतरिक्त जिला सूचना अधिकारी राम जी दुबे ने कहा कि उपाध्याय जी दलगत एवं सत्त्ता जी राजनीति से ऊपर उठकर एक ऐसी राजनैतिक दर्शन को विकसित करना चाहते थे जो भारत की प्राकृतिक परम्परा के अनुकूल हैं।
सहकारिता विभाग के प्रतिनिधि ने उदबोधन में कहा कि दीनदयाल जी के जीवन से लोगो को प्रेरणा लेनी चाहिए। जिस प्रकार से उन्होंने कार्य किया उसी के अनुसार से हमे कार्य करना चाहिए। समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओ का लाभ पहुंचे, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिये है ताकि समाज का सर्वांगीय विकास हो सके।
कृकृषि विभाग के अधिकारी ने कहा कि पं0 दीनदयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी वर्ष पर गांव – गांव तक उनके विचार पहुंचाया जाय। अन्त्योदय प्रदर्शनी एवं मेला का आयोजना किया जा रहा है, जो कि एक सराहनीय प्रयास हैं। प्रदर्शनी के दौरान विभिन्न विभागों के योजनाओं को भी प्रदर्शित किया गया हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगो को जानकारी पहुंचाकर उन्हें लाभन्वित किया जा सकें। इस मेले में अन्य विभागों के प्रतिनिधियों द्वारा अपने अपने विभागों की जन कल्याण कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया। मेले के दौरान खण्ड विकास अधिकारी द्वारा प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत 1 लाख 20 हजार रूपये का स्वीकृति पत्र प्रत्येक लाभार्थी को दिया गया।