⇒वेटरनरी में कुलपति एवं विशेषज्ञ दो दिन करेंगे गहन मंथन
मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्व विद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान मथुरा में भारतीय कृषि विश्वविद्यालय संघ के सहयोग से सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का भव्य आयोजन हुआ। कृषि विश्वविद्यालयों के कार्यान्वयन विषय पर कुलपतियों के 46 वें वार्षिक अधिवेशन में पूरे देश से लगभग 45 कृषि विश्वविद्यलयों के कुलपति, अधिष्ठाता निदेशक शोध प्रतिभाग ने किया। इस द्विदिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ऑनलाइन मोड से किया। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में नई शिक्षा प्रणाली के महत्व को बताया । उन्होने अपने अध्यक्ष भाषण में कहा कि भारत में कृषि विश्वविद्यालयों को किसानों की समस्याओं का व्यापक समाधान प्रदान करने की आवश्यकता है। इससे किसानों का जीवन स्तर ऊपर पहुंचेगा। भारत की राष्ट्रीय कृषि नीति फसल विज्ञान, मत्स्य पालन, पशु चिकित्सा और डेयरी में अनुसंधान पर केंद्रित कृषि विश्वविद्यालयों के डिग्री कार्यक्रमों के लिए अकादमिक क्रेडिट बैंक और कई प्रवेश-निकास विकल्प लाएगी। विशिष्ट अतिथि डॉ आर सी अग्रवाल, डीडीजी शिक्षा भारतीय, कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020, उच्च शिक्षण संस्थानों को विशेष रूप से तकनीकी शिक्षा में लगे लोगों को एक ऐसी प्रणाली बनाने का अवसर प्रदान करता है। जो देश को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति में बदलने में सीधे योगदान देता है। इस शिक्षा प्रणाली का उद्देश्य सर्वश्रेष्ठ मानव का विकास करना है, जिसके पास तार्किक सोच और कार्य करने की क्षमता, करुणा और सहानुभूति, साहस और अनुकूलन क्षमता, वैज्ञानिक स्वभाव और रचनात्मक कल्पना शक्ति हो। अधिवेशन के मुख्य आयोजक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डा. एके श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि देश कि वर्तमान कृषि शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने की जरूरत है। कार्यक्रम के आयोजन सचिव एवं कुलसचिव प्रो एके मदान ने धन्यवाद ज्ञापन किया। उद्घाटन सत्र के पश्चात् दो तकनीकी सत्र संपन्न हुए।
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