जीएसटी को भली भांति जान ले किसी भी प्रकार की जानकारी से अनभिज्ञ हो तो व्यापार कर विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क कर अपनी जिज्ञासा, समस्याओं, शिकायतों का करे समाधानः मण्डलायुक्त
जीएसटी जागरूकता सेमिनार का आयोजन 25 जुलाई को: डीएम
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कानपुर मंडल के मण्डलायुक्त पीके महान्ति ने जीएसटी के संबंध में व्यापारियों एवं व्यापारकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए कहा कि व्यापारी जीएसटी को भली भांति जान ले किसी भी प्रकार की जानकारी से यदि अनभिज्ञ हो तो व्यापार कर विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क कर अपनी समस्याओं, शिकायतों का निराकरण कर ले। इस संदर्भ में हेल्पडेस्क नं0 0512-2581266, 05111-270410, सीयूजी नं0 7235002751, 7235002726 से भी सम्पर्क कर समस्या का निराकरण या जानकारी ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि जीएसटी एक राष्ट्र एक कर एक बाजार के रूप में जीएसटी को भारत सरकार द्वारा उठाया गया लाभ परक व महत्वपूर्ण कदम के साथ ही भारत की आर्थिक प्रगति का इंजन है और यह एक अत्यंत सरल प्रक्रिया है इस नई व्यवस्था से किसी भी व्यापारी सहित किसी को भी कोई परेशानी नही होगी। इसके तहत सभी रिर्टन साफ्ट वेयर से भरें जाने की भी व्यवस्था है। एक जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू हो गया है। इससे आमआदमी को जो पूर्व में प्रचलित 17 करो के जंजाल से खत्म होने से मुक्ति जहां मिली है वहीं एक कर व एक बाजार की बेहतर व्यवस्था से वह जुड़ गया है। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिये कि जीएसटी के प्रति अधिकाधिक व्यापारियों को जागरूक कर जीएसटी से सरकार और व्यापारियों व आमजनता को क्या लाभ है इसके बारे में समुचित जानकारी दे। 24 जुलाई को एक सेमिनार आयोजित कर जिसमें लैपटाॅप और प्रोजेक्टर के माध्यम से भी जीएसटी के लाभ को बताये ताकि व्यापारी व उपभोक्ता अपनी समस्याओं का निदान आसानी से कर सके। उन्होंने जीएसटी को भारत सरकार द्वारा उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि अभी तक भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 17 टैक्स लगाये जाते थे जिससे व्यापारियों और जनता को काफी असुविधा होती थी। जीएसटी के तहत जो टैक्स देय होगा उसी के अनुरूप टैक्स काटा जायेगा। उन्होंने व्यापार कर विभाग वर्तमान में जीएसटी विभाग के अधिकारियों से कहा कि जीएसटी के बारे में जनपद के सभी अधिकारियों को भी भलीभांति जानकारी दे। आहरण वितरण अधिकारी को बताये कि 1 जुलाई से बिलों पर जीएसटी दर से ही कटौती की जायेगी। उन्होंने आहरण वितरण अधिकारियों से कहा कि जीएसटी में जो पंजीकृत नही है वे तत्काल पंजीकरण करा ले। जीएसटी में पंजियन से संबंधित फार्म बेवसाइट पर उपलब्ध है। जीएसटी एक बेहतर व अद्ययतन व्यवस्था है जो सभी जारी सहुलियत के साथ लागू हो गया है। एडिशनल कमिश्नर पीयूष मिश्रा व रवि सेठ, विशाल पुण्डीर, संयुक्त कमिश्नर उदयप्रताप सिंह, डिप्टी कमिश्नर राम सिंह, सौम्या जयसवाल, निखिल तिवारी, पीएन सिंह, शैलेन्द्र वाष्र्णेय आदि ने व्यापारियों को बताया कि जीएसटी प्रोविजनल आईडी 15 डिजिट की है जिसमें पैन नंबर महत्वपूर्ण है यदि पैन गलत है तो सब कुछ गलत है। एक मुख्य आफिस खोलकर 500 शाखायें एक स्टेट में खोलने का प्राविधान भी जीएसटी में है जिससे पहचान भी हो सकती है। जीएसटी काउसिंल रेट निर्धारण करती है प्ले स्टोर में जाकर जीएसटी रेट फांइडर एप्प डाउलोड कर कर रेट भी जान सकते है। जीएसटी 20 लाख से ऊपर है। ऐसे व्यापारी जो 20 लाख से नीचे है वो भी पंजीकृत करा सकते है तथा जीएसटी के फायदों का लाभ ले सकते है। प्रतिदिन 5 हजार रूपये तक की अपंजीकृत से की गयी खरीद/सर्विस पर जीएसटी नही जमा करना है। इसके अलावा कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी जीएसटी विभाग व्यापार कर अधिकारियों ने दी। व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्याम मोहन दुबे व व्यापारी संतोष ओमर, श्याम ओमर, संजीव बाजपेयी अधिवक्ता, अनुभव अग्रवाल, गौशाला के प्रभारी संचालक विकास सचान, यासीन परवेज, अनिल बंसल, सुलभ ओमर, संतोष चैहान, संतोष कुमार, किसान रामगोपाल कुशवाहा आदि ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जीएसटी के संबंध में दी गयी जानकारी लाभ परक है इसको समझने की जरूरत है इससे नुकसान नही फायदा है। जीएसटी वस्तु एवं सेवाओं की आपूर्ति पर आरोपित किया जायेगा जीएसटी का समस्त कार्य आनलाइन होगा। जीएसटी में वस्तुवार कर की दर जीएसटी काउन्सिल द्वारा तय की गयी है जिसके अनुसार 0 प्रतिशत, 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत, 28 प्रतिशत कर की दरे वर्गीकृत की गयी है। यह अत्यन्त सरल प्रकिया के साथ ही कर के ऊपर कर का भार नही बेहतर प्रतिस्पर्धा निर्माताओं व निर्यातकों को सुविधायें कर की दरो एवं ढाचों में समरूपता प्रदान करता है। किसी भी प्रकार की समस्या के लिए व्यापार कर कार्यालय से या वाणिज्यकर विभाग से सम्पर्क कर समस्या का समाधान किया जा सकता है। इस मौके पर एडीएम वित्त एवं राजस्व विद्याशंकर सिंह, पवन अग्रवाल, विद्यासागर, सिरेन्द्र निखिल, दिनेश कुमार, राकेश तिवारी, आलोक बाजपेयी, राजेश सिंह चैहान, हाजी अब्दुल नासीर आदि भी उपस्थित थे। इस मौके पर व्यापारी और जीएसटी के अधिकारी एकात्मवाद के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय पुस्तक व कलेण्डर पाकर भी जहां खुशी दिखे वहीं व्यापारियों ने अपनी समस्याये व अपने विचारों को भी जीएसटी गोष्ठी में रखा।