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स्वच्छता को देखते हुए सीडीओ ने ग्रामीणों को कूड़ादान किये भेंट

2017.07.20 09 ravijansaamnaस्वच्छता के अभाव के कारण अनेक प्रकार की जल जनित बीमारियों की समस्या होती पैदा: सीडीओ
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। मुख्य विकास अधिकारी केदारनाथ सिंह ने मलासा ब्लाक के ग्राम पंचायत अहरियामऊ के ग्राम मकरंदापुर में एक विद्यालय में आयोजित चैपाल कार्यक्रम में विकास कार्यो का ग्रामीणों के मध्य सत्यापन किया। चैपाल में सम्पर्क मार्ग, प्रधानमंत्री आवास, शौचालय, विधवा प्रेंशन, वृद्धापेंशन, दिव्यांग पेंशन, हैंडपंप आदि का भी सत्यापन किया गया। वहीं उत्कृष्ट कार्यो के लिए ग्रामीणों को सम्मान व स्मृति चिन्ह आदि भी प्रदान किया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रो में पर्यावणीय पेयजल स्रोतो की स्वच्छता तथा पेयजल के भण्डारण एवं उपयोग में स्वच्छता के अभाव के कारण अनेक प्रकार की जल जनित बीमारियों की समस्या पैदा होती है इसका निदान जरूरी है। बताया कि प्रदेश की एक बड़ी आबादी खुले में शौच करती है जिसके कारण गम्भीर बीमारियां पैदा हो रही है। खुले में शौच एवं गन्दे पानी के प्रयोग के कारण डायरिया, पीलिया, जापानी इनसेफलाईटिस आदि जानलेवा बीमारियो के कारण अनेक व्यक्तियो की मृत्यु हो जाती है। जानलेवा बीमारियो को समाप्त करने के उददेश्य से समस्त ग्रामीण परिवारो द्वारा शौचालयो का प्रयोग तथा खुले में शौच प्रथा को समाप्त करना, पीने के पानी को सुरक्षित भण्डारण एवं प्रयोग, खाने के पहले तथा शौच के उपरान्त साबुन से हाथ धोने की आदत डालने जैसे गतिविधियो का प्रभावी क्रियान्वयन करना है। सीडीओ ने गांव में स्वच्छता व साफ सफाई के लिए कूड़ादान भी ग्रामीणों को वितरित किये। उन्होंने कहा कि जनपद को अक्टूबर तक ओडीएफ भी करना है। इसके लिए जिन लोगों के घरों में शौचालय नही है वे शौचालय बनवा ले तथा उसका उपयोग करे। मकरंदापुर मास्टर डेयरी के संचालक संजय सचान व मिनी कामधेनु मखौली के विकास सचान व उनकी धर्म पत्नी रेखा सचान ने भी स्वच्छता व पशु धन के महत्व के बारे में जहां विस्तार से बताते हुए कहा कि अशुद्ध जल की आपूर्ति का मतलब ही हमे बीमारी, अस्पताल की ओर ले जाना है। जिसमे स्वास्थ्य खराब होन,े पैसा भी खर्च के साथ ही कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है। खंड विकास अधिकारी राजमणि त्रिपाठी ने कहा कि सरकार की मंशा है कि 2022 तक ओवर हैण्ड टैंक से पानी की आपूर्ति किया जाए। वर्तमान मे 99 प्रतिशत पानी का प्रयोग इण्डिया मार्का हैण्डपम्प से हो रहा है। परंतु देखा गया है कि इसके चारो तरफ गंदगी पनप रही है साथ ही भूमि से जल की कमी भी हो रही है। पानी मे तीन कमियां भौतिक कमी, जैविक कमी, व रसायनिक कमी है जिसे प्रत्येक गांव मे पेयजल व स्वच्छता समिति के गठन के माध्यम से दूर किया जा रहा है। कई विभागो के अधिकारियो अभिराम त्रिपाठी, अरविन्द द्विवेदी, पवन कुमार, डिप्टी सीएमओ अशोक कुमार, समन्वयक विमल कुमार, ग्राम प्रधान प्रभाकान्त आदि के साथ ही विषय विशेंषज्ञो ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला परिचर्चा मे पानी को सुरक्षित रखना, सुरक्षित जल श्रोतो से जल का उपयोग आदि पर भी विस्तार से चर्चा हुई। गांव मकरंदा में एक टंकी के लिए भी मुख्य विकास अधिकारी से अनुरोध किया जिस पर सीडीओ ने स्थान चिन्हित कर जांच आदि के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। मुख्य विकास अधिकारी केदारनाथ सिंह ने कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्यो के लिए लोगों को सम्मान व महामानव गौतम बुद्ध का चित्र स्मृति चिन्ह के रूप में प्रदान कर प्रोत्साहित किया। मास्टर डेयरी के प्रबन्ध निदेशक व पूर्व आईआईटीयंस एआरआई गजराज सिंह व संजय सिंह ने मकरंदापुर में लगभग 10 एकड़ में बनी निजी मास्टर डेयरी गौशाला को भी दिखाया जहां पर गाय भैसों का आधुनिक मशीनों से दूध दुहाई का कार्य चल रहा था। गाय के बाड़ों में प्रत्येक गाय के पास एक मीटर भी लगा था जो यह बता रहा था कि गाय कितना दूध दे रही है। साथ ही मीटर में इस बात की जानकारी हो रही थी कि गाय ने कितना चारा खाया व कितने मीटर चली इस तरीके की एक सेंसर सिप भी लगी थी। इस मौके पर सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार, जिला विकास अधिकारी अभिराम त्रिपाठी, जिला विद्यालय निरीक्षक अरविन्द द्विवेदी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पवन कुमार, नायब तहसीलदार एसके सिंह, बीडीओ मलासा राजमणि त्रिपाठी, मास्टर डेयरी के प्रबन्ध निदेशक व पूर्व आईआईटीयंस एआरआई गजराज सिंह, विकास सचान, अनूप सचान सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अनूप सचान ने किया।