उत्तर प्रदेश में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रथम दिन से ही ऐलान किया था कि अब प्रदेश में भूमाफियाओं की खैर नहीं होगी। इसी ऐलान के तहत प्रदेश की सरकारी मशीनरी जैसे विकास प्राधिकरण, नगरनिगम, नगरपालिका और ग्राम पंचायतों आदि ने ज्यादातर जिलों में भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ दिया था। अभियान की सफलता और असफलता अथवा उसके औचित्य पर यदि ईमानदारी से आकलन किया जाये तो एक जो तस्वीर दिखाई देती है वह यह है कि असली भूमाफिया और उनसे जुड़े वो सरकारी कर्मचारी, अधिकारी जिनकी सरपरस्ती पर भूमि की अवैध बिक्री और अवैध कब्जे करके आमजनता के लोगों को धोखे से कूट रचित अभिलेख बनाकर बिक्री करके जनता की जीवनभर की गाढ़ी कमाई पर डाका डाला गया। उनपर कोई भी कार्यवाही नहीं होती दिखाई देती, जबकि भूमाफियों ने अधिकारियों से मिलकर जनता से करोड़ों रुपये लूटकर अपने घर तो भर लिये और अब जब सरकार भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने की बात कर रही है तब बेचारे वो निम्न मध्यम वर्ग की जनता, गरीब जनता परेशानी में आ रही है जिसने किसी प्रकार से मेहनत की गाढ़ी कमाई से भूमि का एक टुकड़ा खरीदकर अपने सपनों का एक छोटा सा घर बनाया था। अब वही सरकारी अमला उनके घरों को अवैध बता कर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही कर रहा है। अब देखने वाली बात यह है कि सरकार कह रही है कि वह भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाही कर रही है जबकि हकीकत यह है कि असली गुनहगार व्यक्तियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो रही है, जिन्होंने जमीनों के मालिक न होते हुये भी गरीब निरीह जनता को धोखे में रखकर जमीन बेंचने का काम किया और अपनी तिजोरियां भरने का काम किया । तात्पर्य यह है कि सरकार यदि कार्यवाही कर रही है तो सही से जांच करके उन गुनहगारों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें जिन्होंने अपने फायदे के लिये ही सब गोरखधंधा चलाया और प्रताड़ित हो रही है मौके पर निरीह लाचार नादान जनता। जिसके घर तोड़े जा रहे हैं सड़क पर आ जा रही है । यह रुकना चाहिये क्योंकि इससे जनता में गलत संदेश जा रहा है क्योंकि लुटा हुआ वह अपने आपको महसूस कर रही है।
अंत में मैं यही कहूंगा सरकार को चाहिये जहाँ भी सरकारी भूमि पर कब्जे हैं अथवा अवैध निर्माण हुआ है उसके असली गुनहगारों यदि चिन्हित करके कार्यवाही होगी तभी जनता में सही संदेश जायेगा और भूमाफियाओं में भी खौफ पैदा होगा। भूमि से सम्बंधित विभागों के अधिकारियों में भी किसी प्रकार के गलत तरीके अपनाकर भूमाफियाओं को लाभ पहुँचाने की हिम्मत नहीं होगी, बशर्ते सरकार अब सही से जांच कराकर असली गुनहगारों को ही सजा सुनिश्चित करने का कार्य करे ताकि उनका यह कहना तभी सही साबित होगा कि यह सरकार गरीबों की सरकार है।