कानपुर, अर्पण कश्यप। कानून का डर लगभग लगभग जनता के दिल से खत्म होता जा रहा है अब हर कोई खुल कर गुंडई कर कानून को हाथ में ले लेता है जिसका जीता जागता उदाहरण आज बर्रा थाना क्षेत्र के गुंजन बिहार में देखने को मिला जहॉ दो सपेरो को महज ठग समझ कर लोगों ने जम कर पीटा। अधेड़ उम्र के शिवली निवासी दोनों सपेरे सावन में सॉपों के दर्शन करा लोगों से मॉग कर धन कमाते हैं। आज भी गुंजन बिहार क्षेत्र के आकाश ज्वैलर्स की दुकान पर जा कर रूद्राक्ष को बेचने के लिये लोगों को दिखाया जहॉ एक महिला ने साठ रूपये में एक रूद्राक्ष खरीद लिया। जिसे उसके परिजनो ने नकली बताकर सपेरे को पहले फटकार लगायी व महज साठ रूपये के पीछे बीस पच्चीस लोगों ने लाठी डंडों से पीट दिया। इसके बाद सौ नम्बर पर सूचना देकर बर्रा पुलिस के हवाले कर दिया। बर्रा पुलिस भी पूरी जानकारी किये बिना दोनों सपेरों को थाने ले आयी। पर सवाल ये है कि क्या महज साठ रूपये के पीछे कोई भी किसी को भी इस तरह से पीट सकता है? कानून नाम के खिलौने के साथ कोई भी खेल सकता है?