सुमेरपुर, हमीरपुर। फरवरी माह में तापमान में तीन से चार डिग्री का इजाफा होने का सीधा असर लहलहा रही फसलों पर पड़ा है। तेज धूप के कारण दलहनी एवं तिलहनी फसले एक पखवारा पूर्व ही पककर तैयार होने लगी है। फसलों का यह रूप देखकर किसान विचलित होने लगा है। किसानों को आशंका है कि मौसम का यह परिवर्तन उत्पादन में अवश्य असर डालेगा।
अन्य वर्षो की तुलना में इस वर्ष फरवरी माह किसानों के लिए महंगा साबित हो रहा है फरवरी माह में अचानक तीन से चार डिग्री तापमान बढ़ने से सर्दी काफूर हो गई है। सर्दी के अचानक गायब होने तथा दिन में चैत्र मास जैसी धूप होने से खेतों में लहलहा रही हरी-भरी फसलें असमय पीली पड़ने लगी है। जिन फसलों को एक पखवारे बाद पककर तैयार होना चाहिए वह अभी से ही पकी पकी दिखने लगी हैं।बिदोखर के किसान परशुराम यादव, मान सिंह भदौरिया, इंगोहटा के शुभकरण सिंह, चन्द्रपुरवा बुजुर्ग के रामबिहारी कुशवाहा, अशोक कुमार, पचखुरा खुर्द के बाबूराम यादव, हेतराम, मिहुना के मान सिंह यादव, गुलाब यादव, गौरी के रंजीत यादव ,बदनपुर के श्यामबाबू प्रजापति, टेढा के सौरभ सिंह, अनिल यादव, पचखुरा महान के शिवसिंह, आशाराम यादव, पत्योरा के विजय यादव, जयराम निषाद, बड़ागांव के अशोक यादव, देवगांव के गोपाल सिंह, सिमनौडी के लालाराम यादव, सौंखर के मुन्नालाल प्रजापति, कुण्डौरा के अवधेश यादव, मानसिंह, दरियापुर के पंकज सिंह तोमर आदि किसानों ने बताया कि इस वर्ष सर्दी में बारिश ना होने तथा फरवरी माह में चैत्र मास जैसे धूप एवं गर्मी होने से दलहनी तिलहनी फसलों के साथ-साथ गेहूं की हरी भरी फसल असमय पककर तैयार होने लगी है। क्षेत्र में ज्यादातर फसले होली पर्व के बाद पककर तैयार होती थी और चैत्र मास में कटाई का दौर शुरू होता था। इस वर्ष मटर, मसूर, सरसों होली के पूर्व ही पककर तैयार होने की आशंका है।महज एक सप्ताह की धूप ने हरी भरी फसलों को अचानक पिला कर दिया है। मौसम के इस मिजाज से मटर, मसूर, चना, सरसों आदि का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका बलवती हो उठी है।
कृषि रक्षा इकाई के तकनीकी सहायक अजित शुक्ला के अनुसार फरवरी माह में तापमान में हुये इजाफे का असर दलहनी एवं तिलहनी फसलों पर अचानक दिखने लगा है। यह बढा हुआ तापमान उत्पादन में असर डाल सकता है इसकी आशंका बनने लगी है।