ऊँचाहार, रायबरेली। अधिकांश उपभोक्ताओं को विद्युत विभाग के कर्मचारी इन दिनों परेशान कर रहे हैं, बताया जा रहा है कि चेकिंग के नाम पर विद्युत विभाग के कर्मचारी उपभोक्ताओं का उत्पीड़न भी कर रहे हैं परंतु इसका निदान करने वाला कोई नहीं है सबके सब एक ही बोली बोलते हैं। यह अलग बात है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ऐसे मामलों को लेकर सख्त हैं लेकिन उनके आदेशों के जमकर अवहेलना विद्युत विभाग कर रहा है। बताते चलें कि दौलतपुर के उपभोक्ता आशा त्रिपाठी ने बताया कि मनमानी विद्युत बिल बंद घर का भेज दिया गया है जबकि उस घर में दस वर्ष से ताला लटक रहा है। कनेक्शन के नाम पर आफिस में बैठकर बिल भेजा जा रहा है। उपभोक्ता रामकली ने कहा कि खेत है नहीं, केरोसीन बंद कर दिया गया है, बच्चों को पढाई करवायें कि मनमानी बिल भरे। उपभोक्ता भारतलाल मौर्य ने बताया कि विद्युत विभाग को इन दिनो चेकिंग अभियान नही चलाना चाहिए क्योकि बच्चों की बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं, चेकिंग के नाम पर वे अपनी जेबे गर्म कर रहे है। पन्नालाल पुष्पाकर ने बताया कि न तो कोई कर्मचारी सुन रहा न कोई विद्युत विभाग का अधिकारी सुन रहा है। इतना बड़ा आतंक हमने कभी नही देखा। गौरतलब तो यह है कि कर्मचारी ऐसे पेश आते हैं जैसे कि विद्युत कनेक्शन लेकर ही उपभोक्ता ने बहुत बड़ा जुर्म कर लिया हो। वहीं दशरथ ने कहा कि विद्युत चेकिंग रोक देना चाहिए, पहले सही सलामत बिजली दें और बिल सही तैयार कर लें उसको उपभोक्ताओ के घर भेजे तब उसके बाद अभियान चलाएं ये तो विद्युत विभाग की मनमानी है। उधर एडीएम अमित कुमार ने कहा कि यदि कोई लीखित शिकायत करेगा तो उसकी जांच करवाकर कार्यवाही की जाएगी।
Home » मुख्य समाचार » उपभोक्ताओं के घर भेजे जा रहें मनमाने विद्युत बिल और जेबें गर्म कर रहे कर्मचारी