⇒भारत में बीबीसी दफ्तरो में इनकम टैक्स के छापों पर ब्रिटिश मंत्री ने कहा यह संगठन ब्राडकास्ट के लिए स्वतंत्र
राजीव रंजन नाग, नयी दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को एक बैठक में बीबीसी के कर सर्वेक्षण संबंधी मुद्दे को उठाने पर अपने ब्रिटिश समकक्ष जेम्स क्लेवरली से कहा कि भारत में सक्रिय सभी संस्थाओं को प्रासंगिक कानूनों का पूरी तरह पालन करना चाहिए।
दरअसल, इससे पहले ब्रिटिश विदेश मंत्री क्लेवरली ने बीबीसी टैक्स से जुड़ा मुद्दा विदेश मंत्री एस. जयशंकर के समक्ष उठाया था। इसके जवाब में उन्होंने यह बातें कहीं। आयकर विभाग की टीमों ने पिछले दिनों बीबीसी के मुंबई और दिल्ली के दफ्तरों पर लगातार तीन दिनों तक छापेमारी की थी। इस दौरान इनकम टैक्स विभाग ने दफ्तरों से कई डॉक्यूमेंट्स बरामद किए। सर्वे के दौरान कई कर्मचारियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए थ।
भारत सरकार के एक सूत्र ने बताया, ‘‘ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने जयशंकर के समक्ष बीबीसी कर का मुद्दा उठाया। उन्हें दृढ़ता से कहा गया कि भारत में काम करने वाली सभी संस्थाओं को प्रासंगिक कानूनों और विनियमों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए।’’
इसको लेकर खासा विवाद खड़ा हो गया था। विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा था। विपक्षी पार्टियों ने कहा था कि मोदी सरकार ने बदले की भावना से ये कार्रवाई की है। बता दें कि ये पूरा विवाद पीएम मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ के बाद खड़ा हुआ था। इस डॉक्यूमेंट्री में 2002 में हुए गुजरात दंगे को दिखाया गया है। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।पिछले महीने आयकर विभाग ने कर भुगतान में अनियमितताओं के आरोपों को लेकर तीन दिनों तक दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों की तलाशी ली थी। सर्वे के दौरान सीनियर स्टाफ को सवालों के जवाब देने के लिए रात भर रुकना पड़ा। ब्रिटिश ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन (बीबीसी) पब्लिक द्वारा 2002 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान गुजरात के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की आलोचनात्मक वृत्तचित्र प्रसारित करने के कुछ सप्ताह बाद यह खोज की गई।
सर्वेक्षण पूरा करने के बाद, कर विभाग ने दावा किया कि कई साक्ष्य (एसआईसी) पाए गए हैं जो यह दर्शाता है कि ष्कुछ प्रेषणों पर कर का भुगतान नहीं किया गया है। जो समूह की विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में आय के रूप में प्रकट नहीं किया गया है।
इनकम टैक्स विभाग ने आरोप लगाया कि सर्वे में ट्रांसफर प्राइसिंग डॉक्यूमेंटेशन में विसंगतियां और विसंगतियां सामने आई हैं। कुछ दिनों बाद, ब्रिटिश सरकार ने बीबीसी और इसकी संपादकीय स्वतंत्रता का पुरजोर बचाव किया। हम बीबीसी के लिए खड़े हैं। हम बीबीसी को फंड देते हैं। हमें लगता है कि बीबीसी वर्ल्ड सर्विस महत्वपूर्ण है। हम चाहते हैं कि बीबीसी को संपादकीय स्वतंत्रता मिले। यह बाते विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय के संसदीय अवर सचिव डेविड रटली ने कहा। यह हमारी (सरकार) की आलोचना करता है। यह (विपक्ष) लेबर पार्टी की आलोचना करता है और ऐसा करने को वह स्वतंत्रता है। हम मानते हैं कि यह बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा आईटी विभाग की कर सर्वेक्षणों की विपक्षी दलों द्वारा व्यापक रूप से आलोचना की गई जिन्होंने सरकार पर अप्रभावी वृत्तचित्र के लिए बीबीसी के खिलाफ प्रतिशोध लेने का आरोप लगाया। ‘इंडियाः द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से बीबीसी की दो-भाग की श्रृंखला, आरोपों की जांच करती है कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रधान मंत्री मोदी ने 2002 के दंगों को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं किया – आरोपों को सर्वाेच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था।
ज्ञांत हो कि विदेश मंत्री जयशंकर ने पिछले सप्ताह एक साक्षात्कार में कहा था कि बीबीसी वृत्तचित्र का समय आकस्मिक नहीं था और विदेशी मीडिया में कहानी की निंदा की। एक मुहावरा है। ..और- अन्य माध्यमों से जुड़ा मुद्दा है। यह अन्य माध्यमों से राजनीति है। अचानक रिपोर्ट, ध्यान और विचारों में उछाल क्यों आया है? मेरा मतलब है क्या आपको इस पर संदेह है? देखिए चीयरलीडर्स कौन हैं। क्या हो रहा है। आप भारत की, सरकार की, भारत की एक अतिवादी छवि को कैसे आकार देते हैं। भाजपा, प्रधान मंत्री की। मेरा मतलब है, यह एक दशक से चल रहा है। डॉ जयशंकर ने कहा कि विदेशों में इस तरह की कहानियों के पीछे का मकसद भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाना है।
क्लेवरली एक और दो मार्च को जी-20 विदेश मंत्रियों की एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा पर हैं। जयशंकर और क्लेवरली ने कई मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें कई क्षेत्रों में दो-तरफा जुड़ाव का विस्तार करने के तरीके भी शामिल हैं।
जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा की और वैश्विक स्थिति के साथ-साथ जी-20 एजेंडे पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने कहा, ‘‘सुबह की शुरुआत ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली के साथ द्विपक्षीय बैठक के साथ हुई। पिछली चर्चा के बाद से हमारे संबंधों में प्रगति की समीक्षा की। विशेष रूप से युवा पेशेवर योजना के प्रारंभ पर ध्यान दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक स्थिति के साथ-साथ जी-20 एजेंडे पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।’’