➡️ग्रामीणों ने पुलिस के विरुद्ध हाईवे पर किया प्रदर्शन
➡️ग्रामीणों का आरोप लापता हुए युवक का शव मिलने पर चार दिन बाद भी कोतवाल ने नहीं की थी छानबीन
➡️अपहरण और हत्या की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद शांत हुए ग्रामीण
ऊंचाहार; रायबरेली। मामला कोतवाली क्षेत्र के गांव गनपी मजरे रामसांडा का है। गांव के रहने वाले राधेश्याम का बेटा संतोष कुमार (22 वर्ष) बुधवार की रात अपने घर के सामने सो रहा था। रात में अचानक वह संदिग्ध अवस्था में घर से गायब हो गया। देर रात उसका शव कानपुर महानगर के चकेरी में मिला है। ग्रामीणों का आरोप है कि युवक का अपहरण करके उसकी हत्या की गई है। परिजनों ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध अपहरण और हत्या की तहरीर कोतवाली में दी है। इसके बावजूद पुलिस ने न तो मामले की प्राथमिकी दर्ज की और न ही मामले की छानबीन की । इसके बाद शनिवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने ऊंचाहार कानपुर राजमार्ग के जमुनापुर चौराहा पर शव रखकर राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। राजमार्ग अवरुद्ध होने के बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए ।मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने आक्रोशित ग्रामीणों को समझाने बुझाने का प्रयास किया है लेकिन ग्रामीण अधिकारियों की एक भी सुनने को तैयार नहीं थे। ग्रामीणों का कहना है कि मामले में प्राथमिकी दर्ज करके तत्काल कार्रवाई की जाए। मृत युवक के पिता का कहना है कि घटना को चार दिन बीत चुके हैं ।इसके बावजूद पुलिस आज तक उनके घर छानबीन तक करने नहीं पहुंची है ।पुलिस का यह रवैया अपराधियों को बढ़ावा दे रहा है। ग्रामीण पुलिस मुर्दाबाद के नारे भी लगा रहे थे। करीब 3 घंटे तक हंगामा और बवाल चलता रहा। इस दौरान एसडीएम आशीष मिश्रा, सीओ और कोतवाल बालेंदु गौतम ग्रामीणों को मनाते रहे। किंतु ग्रामीण अपनी जिद पर अड़े थे। अपर पुलिस अधीक्षक नवीन कुमार सिंह ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने घटना में अज्ञात लोगों के विरुद्ध मृतक के पिता की तहरीर पर अपहरण और हत्या का मुकदमा दर्ज किया। उसके बाद ग्रामीण शांत हुए हैं और शव को उठाकर उसका अंतिम संस्कार किया है।
✍️दरोगा की बदजुबानी पर भड़के थे ग्रामीण –
युवक की मौत के बाद परिजन और गांव के लोग मामले में पुलिस से कार्यवाही की मांग करते रहे। लेकिन पुलिस उनकी बात को अनसुना कर रही थी। ग्रामीणों ने बताया कि हल्का में तैनात एक दरोगा ने ग्रामीणों को चेतावनी दी थी कि यदि ज्यादा बवाल करोगे तो मुकदमा लिख कर जेल भेज दूंगा। इसके बाद ग्रामीण भड़क गए थे, इसीलिए उन्होंने शव को राजमार्ग पर रखकर हंगामा करना शुरू कर दिया था।