Sunday, November 24, 2024
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स्वच्छाग्रही सीएलटीएस के प्रशिक्षण में बारीकियों को करें आत्मसात

2017.07.27 07 ravijansaamnaउद्देश्य अक्टूबर 2018 तक जनपद को ओडीएफ कराना हैः डीएम
स्वच्छाग्रही अपने को ज्ञानी, विद्वान न समझकर आम सुगमकर्ता की तरह ग्रामीणों के मध्य जाकर अपनी बात कहेंः विमल कुमार
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। समुदाय संचालित सम्पूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु सभी आवश्यक कार्रवाईयां पूरी करने के उद्देश्य से अकबरपुर हिन्दी भवन में पांच दिन तक चलने वाले समुदाय संचालित सम्पूर्ण स्वच्छता (सी.एल.टी.एस.) के अन्तर्गत प्रशिक्षण ले रहे तीसरे दिन 150 से अधिक प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण की बारीकियों को आत्मसात किया। प्रशिक्षण में बतायी गयी जानकारियों को ठीक से अमल में लाकर जनपद के सभी विकास खंडों में जहां पर ड्यूटी को भली भांति स्वच्छाग्रही सम्पन्न कराये। स्वच्छाग्रही जिनका काम अपने क्षेत्र में जाकर आमजन में सहज और सरल स्वभाव से सुगम करता की तरह अपनी भूमिका निभाये अपने को ज्ञानी या विद्धान बनने की कोशिश न करें। स्वच्छाग्रही का कार्य प्रेरक के रूप में ग्रामीणों को शौचालय बनवाने उसका उपयोग करने तथा खुले में शौच नही करने के लिए प्रेरित करना है। यह बात आज तीसरे दिन स्वच्छाग्रही से स्टेट रिर्सोस गु्रप के जिला समन्वयक विमल कुमार ने स्वच्छाग्रहियों से कही। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दशा में अक्टूबर माह 2018 तक जनपद को पूरी तरह से ओडीएफ कराना है इसके लिए स्वच्छाग्रही गांव में जायें प्रथम उनसे मेल मिलाफ बेहतर कर उनके बीच में जाकर अपनी पेठ बनाये उनको स्वच्छा का महत्व बतायें। हो सकता है गांव के चंद लोग अज्ञानतावश आप से बहस करे कि सुबह घूमने से सेहत अच्छी बनती है, ब्लड प्रेसर और सुगर नही होता है उनको आप बताये कि माना जाये बीपी और सुगर नही होता है परन्तु गांव में जो बच्चों व बड़ों को बीमारियां, डायरिया, मलेरिया, टाईफाईट आदि होता है उसका कारण खुले में बाहर जाकर शौच कर गंदगी फैलाना है और गंदगी को विभिन्न माध्यमों से घर में लाकर बीमार होना है। बच्चों में कुपोषण का प्रतिशत, लीवर का खराब होना, गांव में रेप आदि की घटना का बढ़ना, दबाओं में अधिक पैसा खर्च होना इसका कारण खुले में शौच होना है। एक गांव में 7 करोड़ 20 रूपये दबा आदि में खर्च होता है एक सर्वे मं बताया गया है। बीमार होने पर आप का काम प्रभावित होगा, मजदूरी व स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह व सीडीओ केदारनाथ सिंह पूर्व में ही निर्देश दिये है कि समुदाय संचालित सम्पूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रशिक्षण का महत्वपूर्ण रोल होता है। किसी भी प्रशिक्षाणर्थी को प्रशिक्षण के दौरान पूरे मनोयोग के साथ प्रशिक्षण में दी जा रही जानकारियों व तौर तरीकों को आत्मसात करना चाहिए तथा फील्ड में जाकर लोगों को प्रेरित कर ओडीएफ के प्रति जागरूक करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दशा में जनपद को 2 अक्टूबर 2018 तक ओडीएफ कराना है इसके लिए जिम्मेदार विशेषकर स्टेट रिर्सोस गु्रप, डीपीआरओ, डीडीओ, पीडी, सीडीओ आदि अधिकारी अपनी देख रेख में समुदाय संचालित सम्पर्ण स्वच्छता संचालित कार्यक्रम में प्रशिक्षण आदि कार्य को प्रभावी तरीके से सम्पन्न कराये। उन्होंने कहा कि खुले में शौच जाने की परम्परा कई बीमारियों की जनक है। खुले में शौच करने से बच्चों से लेकर महिलाओं, किशोरियों, बृद्धों सभी के लिए हानिकारक है। इस बात को आदमी जानते हुए भी कि खुले में शौच जाना उसके व अन्य लोगों की सेहत के लिए हानिकारक है उस पर अंकुश नहीं लगाता है परिणाम स्वरूप नाना प्रकार की बीमारियों को बढ़ावा मिलता है। स्वच्छाग्रही के तीसरे दिन के प्रशिक्षण में स्वच्छाग्रहियों द्वारा प्रेरक गीत ले मसाल चल पड़े लोग मेरे गांव के लोग अब अंधेरा जीत लेंगे आदि गाया, इसके अलावा जे स्वच्छता नारों से भी गांव में गूंज करने के भी स्वच्छाग्रहियों से कहा गया। इस मौके पर एश्वर्या मिश्रा, आलिया अली, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, स्टेट रिर्सोस ग्रुप विमल कुमार, शिखा वर्मा, ललिता दीक्षित आदि ने स्वच्छाग्रही को खुले में शौच न करने शौचालय बनवाने व उसका उपयोग कैसे हो तथा जनपद को ओडीएफ कराना है इसकी जानकारी विस्तार से दी। एडी सूचना प्रमोद कुमार, समाज कल्याण अधिकारी राजीव लोचन मिश्रा सहित कई अधिकारी उपस्थित थे। प्रशिक्षण के दौरान पुरूष प्रशिक्षणर्थी अतुल श्रीवास्तव, विकास सचान ने स्वच्छता प्रेरक गीत गाकर स्वच्छाग्रहियों का उत्साह वर्धन भी किया।