कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। विधानसभा सामान्य निर्वाचन के लिए होने वाली मतदान में प्रतिरूपण को रोकने की दृष्टि से मतदान के समय मतदाता को अपनी पहचान सिद्ध करने के लिए पहचान पत्र प्रस्तुत नही कर पाते है, उन्हें अपनी पहचान करने के लिए 12 फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा। यह जानकारी देते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी कुमार रविकांत सिंह ने कहा कि वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई भी एक पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राज्य/केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा अपनी कर्मचारियों को जारी किये गये फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंकों/डाकघरों द्वारा जारी किये गये फोटो युक्त पासबुक, पैनकार्ड, आरजीआई एवं एनपीआर द्वारा जारी किये गये स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जाॅब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के अन्तर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, निर्वाचन तंत्र द्वारा जारी प्रमाणिक फोटो मतदाता पर्ची एवं सांसदों, विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किये गये सरकारी पहचान पत्र, आधार कार्ड आदि दिखाकर मतदान के समय मतदाता अपनी पहचान सिद्ध कर सकता। यदि मतदाता किसी अन्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जारी इपिक प्रस्तुत करता है तो ऐसे इपिक भी पहचान स्थापित करने हेतु स्वीकृत किये जायेंगे, बशर्ते निर्वाचक का नाम जहां वह मतदान करने आया है उस मतदान स्थल से संबंधित निर्वाचक नामावली में उपलब्ध हो। फोटोयुक्त के बेमेल होने के कारण मतदाता की पहचान सुनिश्चित करना संभव न हो तब मतदाता को उपरोक्त वैकल्पिक फोटो दस्तावेज को प्रस्तुत करना होगा।
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