Saturday, November 16, 2024
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दलहनी फसल को बढ़ावा देने के लिए कृषकों को दी मसूर बीज की मिनीकिट

ऊंचाहार, रायबरेली। तहसील ऊँचाहार में सम्पूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन दलहन योजना अंतर्गत दलहनी फसल को बढ़ावा देने के लिए कृषकों को मसूर प्रजाति बीज की मिनीकिट का जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी, मुख्य विकास अधिकारी पूजा यादव द्वारा निःशुल्क वितरण किया गया। इस अवसर पर उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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40 लाख के माल के साथ गिरफ्तार

जन सामना ब्यूरो, रायबरेली। महाराजगंज पुलिस टीम द्वारा चेकिंग के दौरान अभियुक्त रोहित पुत्र जगदीश निवासी ग्राम बिलास, मजरे जमुरावा थाना महराजगंज, रायबरेली निवासी को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से चोरी के जेवरात- 6 अदद सोने के बिस्किट सहित भारी मात्रा में जेवरात बरामद किए। पुलिस द्वारा जेवरात की कीमत लगभग 40 लाख रूपये बताई गई। थाना महाराजगंज पर मुकदमा पंजीकृत कर आवश्यक विधिक कार्यवाही करते हुये न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया ।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ करने पर अभियुक्त रोहित पुत्र जगदीश निवासी ग्राम बिलास, मजरे जमुरावा थाना महराजगंज रायबरेली द्वारा बताया गया कि वह लगभग 2 वर्ष पूर्व चेन्नई में एक मुस्लिम परिवार में नौकरी कर रहा था। उस परिवार की संपूर्ण पारिवारिक गतिविधियों की उसे जानकारी थी। कुछ दिनों के बाद वह चेन्नई से दिल्ली नौकरी के लिए चला गया । दिल्ली में उसने अपने दोस्त अरून कुमार पुत्र सत्यवीर निवासी ग्राम शेरुपूर कासगंज जनपद एटा को चेन्नई वाले परिवार की पारिवारिक गतिविधियों और उनकी संपन्नता की जानकारी दी तथा दोनों ने मिलकर चेन्नई जाकर चोरी करने की योजना बनाई ।

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उजागर हो रही डलमऊ नगर पंचायत की लापरवाही

⇒लाख कोशिशों के बाद भी नहीं पूरी हो सकीं मेला परिसर की व्यवस्थाएं
⇒डलमऊ घाट पर अब भी लगा गंदगी का अंबार
⇒मुख्य मार्गों पर भी जंगली बबूल और उगी हुई झाड़ियां
पवन कुमार गुप्ताः डलमऊ, रायबरेली। जिले का ऐतिहासिक प्रांतीय कार्तिक पूर्णिमा मेला जिसे देखने के लिए दूर दराज से भी लोग आते हैं। लेकिन डलमऊ क्षेत्र की अव्यवस्थाओं को देखते हुए यह ऐतिहासिक मेला अब करीब कई वर्ष पीछे चला गया। भाजपा सरकार के आते ही पिछले वर्ष 2021 में डलमऊ का ऐतिहासिक कार्तिक पूर्णिमा मेला प्रांतीय मेला घोषित हुआ था। लेकिन मौजूदा समय में हो रही मेले की तैयारियों से क्षेत्रीय लोग अनुमान लगा रहे हैं कि डलमऊ का यह ऐतिहासिक कार्तिक पूर्णिमा मेला में जो तैयारियां इस समय हो रही हैं, उसे देखते हुए यह ऐतिहासिक मेला अब करीब सैकड़ों वर्ष पीछे हो गया। गौरतलब है कि यह बातें हम नहीं कह रहे हैं यह डलमऊ क्षेत्र की स्थानीय जनता कह रही है।
इसी बात को लेकर जब डलमऊ क्षेत्र और गंगा घाट के आसपास का मुआयना किया गया, तब देखा गया कि स्नान घाटों से लेकर मुख्य मार्गों तक जंगली बबूल और झाड़ियां उगी हुई हैं। जिसकी अभी तक साफ सफाई नहीं कराई गई। मेले में वीआईपी क्षेत्र मेला कोतवाली और श्मशान घाट पर हैंडपंप तो लगे हैं लेकिन उनसे पानी की उम्मीद करना व्यर्थ है। बता दें कि अभी तक हैंडपंपों को रिबोर नहीं कराया गया है। ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन को भी बूंद बूंद पानी के लिए प्यासे ही भटकना पड़ेगा। स्थानीय लोगों का भी कहना है जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी की वजह से इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा मेले में पहले जैसी रौनक नहीं दिखाई दे रही।

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ब्लॉक स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता हुई आयोजित

महाराजगंज, रायबरेली। परिषदीय विद्यालयों की ब्लॉक स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता बबुरिहा ग्राउंड में आयोजित की गई। आठ न्याय पंचायतों के बच्चों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रभात साहू ने ज्ञान की देवी सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। खिलाड़ियों का परिचय प्राप्त कर उनका उत्साहवर्धन किया। कबड्डी प्रतियोगिता में जूनियर स्तर पर बालक वर्ग में घुरौना की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और बालिकाओं में कैर न्याय पंचायत की टीम ने बाजी मारी। जूनियर स्तर की 100 मीटर दौड़ में कोटवा मदनिया के निर्भय सिंह प्रथम रहे, जबकि बालिका वर्ग में कोटवा मदनिया की ही प्राची विजयी रहीं। सभी विजयी प्रतिभागियों को खंड शिक्षा अधिकारी राम मिलन यादव एवं नगर पंचायत महाराजगंज के अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रभात साहू द्वारा पुरस्कृत किया गया। खेल आयोजन समिति के सदस्य इरशाद सिद्दीकी ने बताया कि सभी विजेता प्रतिभागी जिला स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे।

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व्यापार मंडल चौहान गुट ने आयोजित किया सम्मान समारोह

रायबरेली। जिलाधिकारी के आदेश अनुसार उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल चौहान गुट लगातार सम्मान समारोह आयोजित कर प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी जनप्रतिनिधि डीटीसी, डीटीसी डॉक्टर व अन्य को सम्मानित कर रहा है। निश्चित कार्यक्रम के अनुसार अमावा ब्लाक सभागार में आज सम्मान समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विशेष योगदान खंड विकास अधिकारी का रहा।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल चौहान गुट द्वारा लगातार व्यापारियों सहित संभ्रांत व्यक्तियों को सम्मानित करने का कार्यक्रम जारी है, जिसके तहत अमावा ब्लाक के धुन्नी सिंह सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष जीसी सिंह चौहान का फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया गया। इसके साथ ही व्यापारियों ने चौहान गुट जिंदाबाद के नारे लगाए, जिससे पूरा सभागार गूंज उठा। आज के कार्यक्रम में 500 से ज्यादा अधिकारी, कर्मचारियों सहित संभ्रांत व्यक्ति, बीडीसी, डीसीसी सहित व्यापारियों को सम्मान पत्र व मेडल देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में रतापुर, खसपरी, अमावस दुसौती, राही से लेकर आसपास के व्यापारियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

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घायल के इलाज में लापरवाही पर छह संविदा कर्मचारी बर्खास्त

⇒उप मुख्यमंत्री ने विस्तृत जांच के आदेश
⇒जिम्मेदार चिकित्साधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
लखनऊ। सड़क हादसे में घायल को उचित उपचार न मिलने का वायरल वीडियो का उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने संज्ञान लिया। अधिकारियों को जांच के आदेश दिए। जांच में आरोप प्रथम दृष्टया सही प्रतीत हुए। लिहाजा उप मुख्यमंत्री ने निर्देश पर छह संविदा पर तैनात डॉक्टर-कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया। मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं।
दो नवम्बर रात करीब 12.25 बजे कुशीनगर संयुक्त जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी में पगरा थाना हाटा निवासी धर्मपाल को लाया गया। पुलिस ने धर्मपाल को भर्ती कराया। उस वक्त इमरजेन्सी में डॉ. उज्जवल सिंह चिकित्साधिकारी (संविदा), डॉ. नीरज पाण्डेय बालरोग विशेषज्ञ, अरविन्द शर्मा फार्मासिस्ट, सुनील कुशवाहा, राम अशीष संविदा स्टाफ नर्स, विजय बहादुर, मनहरण शुक्ला वार्ड व्वाय, अर्जुन, मुकेश स्वीपर एवं होमगार्ड, बलराम यादव की ड्यूटी पर तैनात थे।

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जरूरतमंद बच्चों के साथ मनाया जन्मदिन

बड़ौत/बागपत, जन सामना संवाददाता। सारथी वेलफेयर फाउंडेशन के तत्वावधान में आज संस्था के सचिव हिमांशु अग्रवाल ने अपना जन्मदिन कुछ अलग ही अंदाज मे मनाया।
दरअसल, हिमांशु की अपनी भावना थी कि वह अपना 37वा जन्मदिन उन जरूरतमंद और असहाय बच्चों के साथ मिलकर मनाएं जो हमेशा अपने जन्मदिन कि खुशियों से वंचित रह जाते है। उनका कोई जन्मदिन नहीं मनाया जाता।
इसी भावना से हिमांशु अग्रवाल ने अपनी सम्पूर्ण सारथी टीम के साथ मलकपुर रोड नहर के पुल के पास वाली झुग्गी झोपड़ियों मे जाकर उन असहाय बच्चों के साथ अपना जन्मदिन मनाया जिनके सर पर सही से छत भी नहीं है।
हिमांशु अग्रवाल ने बच्चो को चिप्स, बिस्किट, फ्रूटी और बर्थडे केक देकर उनके साथ अपने जन्मदिन कि खुशियाँ बाँटी।
इस मौके पर सारथी टीम की अध्यक्ष वंदना गुप्ता समेत सभी पदाधिकारी जिसमें विकास गुप्ता, हिमांशु अग्रवाल, शालू गुप्ता, संजय गुप्ता, प्रवीण गुप्ता, अनिल अरोरा, ध्रुव जैन, शिवम तोमर, उमेश शर्मा, कुश आदि कई लोगों ने शामिल होकर इस भावना से भरे उत्सव मे सहयोग किया।

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चोरी का खुलासा करने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया

कानपुर। अशोकनगर और आर.के नगर चौकी को चोरी में हुई बरामदगी के तहत व्यापार मण्डल ने पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया। बताते चलें कि थाना नज़ीराबाद आर.के. नगर चौकी क्षेत्र में दो बदमाश एक अपार्टमेंट में दिन दहाड़े एक पत्रकार के घर से बैटरा चुरा कर ले गये। उसके बाद तुरन्त सूचना आर के नगर चौकी इंचार्ज राहुल शुक्ला को दी गई। सूचना पाते ही तुरन्त वो अपने सहयोगी आशीष सिंह के साथ चोरों के बारे में पता लगाने में जुट गये और एक क्लू के आधार पर चोरों तक पहुँच गये। एक का नाम मोहमद ताहा और दूसरे का नाम आतिफ कंगी बताया गया। ये दोनों चोर चमनगंज के फहीमाबाद लेबर कालोनी के रहने वाले बताये गये। सर्विलांस के माध्यम से इनकी लोकेसन मिलते ही चौकी इंचार्ज राहुल शुक्ला व चौकी इंचार्ज अशोक नगर रवि पाण्डेय, तुषार पोसवाल एवं चौकी इंचार्ज आशीष सिंह अपनी पूरी टीम के साथ दो में से एक आरोपी मोहमद ताहा को चमनगंज से पकड़ लिया। दूसरा आरोपी आतिफ कंगी दिल्ली भाग गया।

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उफ़्फ ये स्त्रियाँ भी ना

क्या स्त्रियों के उपर हुए शारीरिक अत्याचार ही घरेलू हिंसा कहलाता है? मानसिक प्रताड़ना का क्या? जो एक होनहार महिला को अवसाद का भोग बना देता है। लगता है कुछ स्त्रियाँ प्रताड़ना सहने के लिए ही पैदा हुई होती है। ऐसी स्त्रियों को पता भी नहीं होता घरेलू हिंसा और प्रताड़ना के बहुत सारे प्रकार होते है।
शारीरिक अत्याचार को ही हिंसा समझने वाली स्त्रियों को मौखिक अत्याचार, लैंगिक अत्याचार और आर्थिक अत्याचारों के बारे में जानकारी ही नहीं होती। नां हि स्त्रियों के हक में कायदे कानून के बारे में पता होता है। कोई-कोई स्त्रीयाँ तो स्वीकार कर लेती है आधिपत्य भाव! कि पति है तो उसका हक बनता है हमारे साथ अत्याचार करने का।
साथ ही जरूरी नहीं की शादी के बाद पति जो अत्याचार करे उसे ही घरेलू हिंसा मानी जाए। पिता या बड़े भाई द्वारा लड़की को पढ़ने से रोकना, पहनावे पर रोकटोक करना, बाहर आने जाने पर रोक लगाना या उसकी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ शादी करवा देना भी प्रताड़ना का ही हिस्सा कहलाता है। लड़की ज़ात सहने का भाव लेकर ही पैदा होती है।
पत्नी को बात-बात पर कम अक्कल कहना, ताने मारना, दोस्तों-रिश्तेदारों के सामने ज़लिल करना और बेइज़्जती के साथ लात, थप्पड़ या घूसा मारना हिंसा ही है और धमकी देना या घर से निकाल देना अत्याचार ही है।

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लघुकथाः स्त्री बनना है जरूरी

जब रमा का विवाह एक प्रतिष्ठित और सम्पन्न परिवार में तय हुआ तब मन में अजीब सी कशमकश थी कि मेरी उम्र तो छोटी है। इतना बड़ा संयुक्त परिवार है। मैं कैसे सामंजस्य बैठा पाऊँगी। अभी तो किसी भी कार्य में दक्षता नहीं है। पारिवारिक रिश्ते-नाते, रीति-रिवाजों की पर्याप्त समझ आने में तो बहुत समय लगेगा। उसके मन भी बड़ी उलझन थी, पर विवाह उपरांत जब घर में गई तो सारी स्त्रियाँ केवल स्त्रियाँ ही थी। वे धौंस, रोब और अकड़ से परे थी। उन्होंने रमा से कहा कि सारे रिश्ते बाद में आते है, हम सबसे पहले स्त्री है; तुम्हारी सास, जैठानी और ननंद बाद में। तुम सबसे पहले इस घर में सहज हो जाओ। यहाँ पर कोई भी तुम्हें किसी तराजू में नहीं तौलने वाला है। वह अपनी हर छोटी से छोटी समस्या परिवार में रहने वाली स्त्रियों को बताती और सभी मिलजुलकर उस समस्या का समाधान करते। वहाँ पर सभी का सबसे बड़ा गुण माफ करना था। पुरानी बातों को छोड़कर कुछ नया सोचना था। सभी अपने कार्यों में व्यस्त रहते थे।
रमा अपनी माँ से कहती है कि मेरे ससुराल में सुंदरता, गुणों और अवगुणों को तौलने के लिए कोई तराजू नहीं है। सास अपनी पुरानी कहानियाँ नहीं सुनाती कि मेरे जमाने में ऐसा होता था, मैंने यह किया था, मैंने वह किया था। जेठानी अपनी श्रेष्ठता नहीं सिद्ध करती कि मैंने इस घर को संभालने में इतने वर्ष झोंक दिए। ननंद हर समय मान-सम्मान की दुहाई नहीं देती। हर कोई मुझे सहज महसूस कराने में लगा रहता है। माँ यदि हर परिवार में ऐसी ही परम्परा स्थापित हो जाए तो हर लड़की अपने परिवार को आसानी से अपना लेगी। माँ वहाँ की एक और विशेषता है कि वहाँ पर दोषों पर चर्चा करना स्वीकार नहीं है। दोषों पर ध्यान केन्द्रित करने से उन्नति रुक सकती है, पर समाधान और चिंतन करने से हमारी दृष्टि विकसित होती है। वहाँ पर अपनी गलती को स्वीकार करके हल्का महसूस करने पर भी बल दिया जाता है। माँ मैं भी अब अपने ससुराल के सहयोग के साथ आगे बढ़ना चाहती हूँ। अपनी सोच को उदार बनाना चाहती हूँ। माँ रमा के वाक्य सुनकर मन-ही-मन उस परिवार के प्रति धन्यवाद और मन से दुआएँ दे रही थी, जिस परिवार ने उसकी बेटी की जिंदगी आसान कर दी।

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