Monday, May 6, 2024
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मुख्य सचिव ने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक

अध्ययनरत छात्रों को उच्च शिक्षा दिलाने हेतु प्रदेश में 46 नये राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना किये जाने के निर्णय का क्रियान्वयन प्राथमिकता से नियमानुसार सुनिश्चित कराया जाये: मुख्य सचिव 
राज्य विश्वविद्यालयों में सत्र 2018-19 का प्रथम बार शासन स्तर से निर्धारित शैक्षिक कैलेण्डर के अनुसार आगामी 25 जून, 2019 तक समस्त परीक्षा परिणाम घोषित कराना अनिवार्य: डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय 
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर को अन्तर्राष्ट्रीय बुद्धिस्ट सेण्टर एवं सेण्टर फार एक्सिलेंस इन हिन्दुज्म, बुद्धिज्म एण्ड जैनिज्म के रूप में विकसित किये जाने का निर्णयविश्वविद्यालय में स्थापित किये जा रहे अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध केन्द्र में प्राच्य भाषा एवं विदेशी भाषाओं की दी जायेगी शिक्षा: मुख्य सचिव 
पं0दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर में महायोगी गुरु श्री गोरक्षनाथ शोध पीठ की स्थापना कराने हेतु शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर संवर्ग के सृजित 28 पदों पर नियमानुसार चयन प्रक्रिया में लायी जाये तेजी: मुख्य सचिव 
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में अध्ययनरत छात्रों को उच्च शिक्षा दिलाने हेतु प्रदेश में 46 नये राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना किये जाने के निर्णय का क्रियान्वयन प्राथमिकता से नियमानुसार सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को असाधारण अवकाश के अतिरिक्त 05 वर्ष का अतिरिक्त विशेष अवकाश नियमानुसार अनुमन्य कराया जाये। उन्होंने कहा कि डी0ए0वी0 काॅलेज, कानपुर में पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 अटल बिहारी बाजपेई द्वारा शिक्षा ग्रहण की गयी थी, इसलिये उनके नाम पर सेण्ट्रल आॅफ एक्सिलेंस की स्थापना हेतु 05 करोड़ रुपये का प्रथम अनुपूरक बजट में किये गये प्राविधान का नियमानुसार उपयोग प्राथमिकता से सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि राज्य विश्वविद्यालयों में सत्र 2018-19 का प्रथम बार शासन स्तर से निर्धारित शैक्षिक कैलेण्डर के अनुसार आगामी 25 जून, 2019 तक समस्त परीक्षा परिणाम घोषित कराने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जायें। उन्होंने कहा कि आगामी नया सत्र 10 जुलाई से प्रत्येक दशा में प्रारम्भ कराया जाना सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि सत्र निर्धारित किये जाने के फलस्वरूप विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य नियमित रूप से प्रत्येक दशा में कराया जाना सुनिश्चित किया जाये।मुख्य सचिव आज लोक भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक कर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर को अन्तर्राष्ट्रीय बुद्धिस्ट सेण्टर एवं सेण्टर फार एक्सिलेंस इन हिन्दुज्म, बुद्धिज्म एण्ड जैनिज्म के रूप में विकसित किये जाने की कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जायें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में स्थापित किये जा रहे अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध केन्द्र में प्राच्य भाषा एवं विदेशी भाषा केन्द्रों की स्थापना के कार्य में तेजी लायी जाये। उन्होंने कहा कि प्राच्य भाषा के अन्तर्गत संस्कृत, पाली, प्राकृत एवं अपभ्रंश एवं विदेशी भाषाओं में नेपाली, तिब्बत, सिंहली, जापानी, थाई एवं कोरियाई भाषाओं एवं संस्कृति का अध्ययन कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस भाषाओं के अध्ययन कराने हेतु 21 शैक्षिक एवं 24 शिक्षणेत्तर पदों का सृजन कराया गया है। डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने यह भी निर्देश दिये कि पण्डित दीन दयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं चिन्तन पर शोध कार्य हेतु प्रदेश के 15 राज्य विश्वविद्यालयों में पण्डित दीन दयाल उपाध्याय शोध पीठ की स्थापना कराये जाने हेतु कार्यवाहियां में तेजी लायी जाये। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त शोध कार्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ में भाऊराव देवरस शोधपीठ तथा अभिनव गुप्त इंस्टीट्यूट आॅफ शैव फिलोशिफी एवं एस्थेटिक्स की स्थापना कराने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि महायोगी गुरू श्री गोरक्षनाथ के लोकोपयोगी मन्तव्यों एवं उपदेशों को एकत्रित करके योगानुकूल सिद्धांतों एवं प्रयोगों को जीवनोपयोगी कार्य तथा व्यवहार में परिवर्तित करने के लिये दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर में महायोगी गुरु श्री गोरक्षनाथ शोध पीठ की स्थापना कराने हेतु शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर संवर्ग के 28 पदों का सृजन कराया गया है। उन्होंने कहा कि सृजित पदों पर चयन की कार्यवाही नियमानुसार प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाये। मुख्य सचिव ने प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना अधिक संख्या में होने तथा गुणवत्तापरक स्किल डेवलपमेंटयुक्त शिक्षा छात्रों को दिलाने हेतु लिये गये निर्णय का क्रियान्वयन प्राथमिकता से कराये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि लिये गये निर्णय के अनुसार निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालयों की स्थापना हेतु भूमि का मानक नगरीय क्षेत्र हेतु 40 एकड़ के स्थान पर 20 एकड़ तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिये 100 एकड़ के स्थान पर 50 एकड़ किये जाने की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के प्राचार्यों की नियुक्ति हेतु यू0जी0सी0 द्वारा निर्धारित 15 वर्ष की अर्हकारी सेवा तथा 400 ए0पी0आई0 अंकों की अनिवार्य अर्हताओं में छूट प्रदान करने हेतु परिनियमों में संशोधन कर प्राविधान किये गये, जिससे स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के प्राचार्य के रिक्त पदों पर तैनाती करायी जाये। डाॅ0 अनीता भटनागर जैन ने बताया गया कि प्रदेश में उच्च शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु वर्तमान में 16 राज्य विश्वविद्यालय, 01 मुक्त विश्वविद्यालय, 01 डीम्ड विश्वविद्यालय, 27 निजी विश्वविद्यालय, 158 राजकीय महाविद्यालय, 331 अनुदान सूची पर अशासकीय महाविद्यालय तथा 6192 स्ववित्तपोषित महाविद्यालय संचालित हैं। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा ने बताया किवित्तीय वर्ष 2018-19 के लिये प्रथम अनुपूरक अनुदान को सम्मिलित करते हुये कुल 3847.0889 करोड़ रुपये की धनराशि का बजट प्राविधान किया गया है, जिसमें राजस्व पक्ष में 3506.3760 करोड़ रुपये की धनराशि एवं पूंजीगत पक्ष में 340.7129 करोड़ रुपये की धनराशि का प्राविधान है, जिसके सापेक्षअब तक रूपये 3299.5428 करोड़ की स्वीकृतियां निर्गत हुयी है, जो बजट प्राविधान का 86 प्रतिशत है। डाॅ0 अनीता भटनागर जैन ने बताया कि विशिष्ट प्रयास कर माह अक्टूबर/नवम्बर में रूपये 1043.77 करोड़ की स्वीकृतियां निर्गत करायी गयी हैं, जिसमें प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों एवं राजकीय स्नातक/स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को सातवें वेतनमान की संस्तुतियों के आधार पर वेतन एवं अन्य भत्तों का लाभ दिये जाने से सम्बन्धित धनराशि भी सम्मिलित है। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा ने बताया कि एन0पी0एस0 योजना के अन्तर्गत अब तक राजकीय महाविद्यालयों के 5459 कार्मिकों में से 2345 (43 प्रतिशत) का प्रान आवंटन हो चुका है व विश्वविद्यालय के 1600 कार्मिकों में से 859 (54 प्रतिशत) का प्रान आवंटन किया जा चुका है।शासन स्तर पर इसकी साप्ताहिक समीक्षा निर्धारित प्रारूप पर की जा रही है। डाॅ0 अनीता भटनागर जैने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग पर नियंत्रण करने, परीक्षाओं की सुचिता, पवित्रता एवं पारदर्शिता बनाये रखने हेतु 43 बिन्दुओं का विस्तृत दिशा निर्देश जारी किया गया है। परीक्षाओं के दौरान अनुचित साधन का प्रयोग करने वालों के सम्बन्ध में कृत कार्यवाही की दैनिक समीक्षा राज्य स्तर पर संकलित करने की नवीन व्यवस्था की गयी है।