किसान दिवस में किसानों को गेंहू, सरसों, अरहर, बागवानी आदि फसलों की अच्छी उत्पादकता के बारे में दी गयी विस्तार से जानकारी
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देशन में विकास भवन के आडिटोरियम हाल में जनपदस्तरीय किसान दिवस का आयोजन किया गया। किसान दिवस कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी डा0 महेन्द्र कुमार राय ने कहा कि कृषकों को फसलों से सम्बन्धित कृषि वैज्ञानिकों द्वारा नवीन तकनीकी जानकारी उपलब्ध करायी गयीं जाये तथा उनकी कृषि संबंधी समस्याओं का निराकरण भी किया जाये। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार किसानों की 2022 तक दोगुनी आय बढ़ाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव होगा जब किसान भी अपने मन मस्ष्तिक में कृषि के प्रति पूरी लगन से कृषि करें। किसान दिवस में किसानों को गेंहू, सरसों, अरहर, बागवानी, आलू आदि फसलों की अच्छी उत्पादकता के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी।
मुख्य विकास अधिकारी महेन्द्र कुमार राय ने कहा कि किसान देश का भविष्य होता है, जब तक हम किसान का स्तर नहीं सुधार पाएगे तब तक हम देश का विकास नहीं कर सकते, किसानों की समृद्धि से ही देश की समृद्धि सम्भव है। जनपद में उन्नतिशील खाद व बीज की कोई कमी नहीं है। कृषि अर्थ व्यवस्था की रीढ़ है, प्राकृतिक संसाधनों को बचाएं। उन्होंने कहा कि सरसों एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है। सरसों की खेती कृषकों के लिए बहुत लोकप्रिय होती जा रही है क्योंकि इससे कम सिंचाई व लागत से अन्य फसलों की अपेक्षा अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है। इसकी खेती मिश्रित फसल के रूप में या दो फसलीय चक्र में आसानी से की जा सकती है। सरसों की कम उत्पादकता के मुख्य कारण उपयुक्त किस्मों का चयन असंतुलित उर्वरक प्रयोग एवं पादप रोग व कीटों की पर्याप्त रोकथाम न करना, आदि हैं। फसल की कम उत्पादकता से किसानों की आर्थिक स्थिति काफी हद तक प्रभावित होती है।
उप कृषि निदेशक विनोद कुमार यादव ने कहा कि प्रगतिशील किसान रूचि लेकर आगे बढ़े भाग्य के सहारे न रहे क्योकि मेहनत से ही भाग्य बदलता है। उत्पादन के साथ ही किसानों को उसकी फसल की मार्केंटिंग की राह दिखाने पर भी पहल करें साथ ही फसल का बीमा भी कराये ताकि आपदा के समय राहत मिल सके किसी भी कार्य करने में समय प्रबन्धन का विशेष ध्यान रखें। हमारे देश व प्रदेश का पारम्परिक खेती पर अधिक निर्भरता है जबकि अब व्यावसायिक खेती जैसे मसालों, फलों-फूलों आदि कृषि विविधकरण की खेती को भी कृषकों द्वारा अपनाया जाना चाहिए जिससे कि कृषकांे की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। इस मौके पर उद्यान, सिचाई, रेशम, पशु चिकित्साधिकारी आदि विभागों के अधिकारियों ने किसानों को विस्तार से जानकारी दी।
इस मौके पर कई कृषि विशेषज्ञों सहित अन्य विभागों के अधिकारी व किसान बडी संख्या में किसानों ने भी अपने विचार साझा किये। किसन दिवस में जिला कृषि अधिकारी सुमित पटेल, जिला उद्यान अधिकारी रविचन्द जैसवाल, अधिशाषी अभियंता सिंचाई, कृषि वैज्ञानिक अरविन्द कुमार यादव आदि विभागों के अधिकारीगण आदि किसानगण उपस्थित रहे।